अभियन्ताओं को दंडित किया गया तो होगी आरपार की लड़ाई
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर में बिजली कर्मियों ने पावर कारपोरेशन के निजीकरण के खिलाफ धरना दिया। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर अभियन्ताओं को परेशान किया गया तो वे आरपार की लड़ाई लड़ेंगे। 190 दिन से जारी इस विरोध में...

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में पावर कारपोरेशन के निजीकरण के विरोध में अधीक्षण अभियंता कार्यालय पर धरना दे रहे बिजली कर्मियों ने प्रबंधन को चेतावनी दी है कि यदि निजीकरण के नाम पर अभियन्ताओं को अनावश्यक रूप से परेशान किया गया तो आरपार की लड़ाई होगी। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक द्वारा प्रशासनिक आधार पर अभियन्ताओं का स्थानान्तरण किये जाने के सम्बन्ध में बिजली कर्मियों में गुस्सा फैल गया है। गुरुवार को 190वें दिन बिजली कर्मियों का अधीक्षण अभियंता कार्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन जारी रहा। विरोध सभा की अध्यक्षता कर रहे इं. मनोज कुमार ने आरोप लगाया कि पॉवर कारपोरेशन शीर्ष प्रबन्धन और चेयरमैन की निजी घरानों के साथ मिलीभगत है।
इसी दृष्टि से झूठा शपथ पत्र देने वाले ग्रांट थॉर्टन को निदेशक वित्त निधि नारंग से क्लीन चिट दिलाई गयी है। संघर्ष समिति ने कहा कि पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन ने बढ़ाकर घाटा दिखाने हेतु नियामक आयोग को सौंपे गये एआरआर को पुनरीक्षित किया है। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में वर्ष 2017 में 41 प्रतिशत से घटकर वर्ष 2024 में एटी एण्ड सी हानियां 16.5 प्रतिशत रह गई हैं। किन्तु 2025-26 के लिए पॉवर कारपोरेशन द्वारा दिए गए एआरआर में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की 2024-25 में 18.49 प्रतिशत हानियों के सापेक्ष बढ़ाकर 36.08 प्रतिशत और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में 2024-25 में 18.97 प्रतिशत के सापेक्ष बढ़ाकर वर्ष 2025-26 में 28.48 प्रतिशत हानियां दिखाई गई हैं। सवाल यह है कि आरडीएसएस स्कीम में प्रणाली सुधार में हजारों करोड़ रूपये खर्च करने के बाद बढ़ी हुई हानियां किस आधार पर दिखाई गई हैं। लाखों करोड़ रूपये की परिसम्पत्तियां निजी घरानों को कौड़ियों के मोल बेचने के लिए साजिश रची जा रही है। 42 जनपदों की सारी जमीन मात्र 1 रूपये की लीज पर निजी घरानों को देने की तैयारी है। पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन ने कल यह धमकी दी है कि अनुशासनहीनता करने वाले अभियन्ताओं को नगरीय क्षेत्र से स्थानान्तरित किया जाए। 15 जून से पहले ऐसे अभियन्ताओं की सूची भेजी जाए जिन्हें प्रशासनिक आधार पर स्थानान्तरित किया जाना है। धरने में शामिल सभी ने चेतावनी दी कि यदि यह सभी स्थानान्तरण निरस्त न किए गए, अभियन्ताओं को दी गयी चार्जशीट वापस न ली गयी और किसी भी अभियन्ता को इस आधार पर दण्डित करने की कोशिश की गयी तो इसके विरोध में प्रान्तव्यापी आन्दोलन होगा। जिसकी सारी जिम्मेदारी पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन की होगी।
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