The Importance of Blood Donation Youth Leading the Change in Santkabir Nagar रक्तदान कर बचा रहे हैं औरों का जीवन, Santkabir-nagar Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsSantkabir-nagar NewsThe Importance of Blood Donation Youth Leading the Change in Santkabir Nagar

रक्तदान कर बचा रहे हैं औरों का जीवन

Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले के जीवन में रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं

Newswrap हिन्दुस्तान, संतकबीरनगरSat, 14 June 2025 12:12 PM
share Share
Follow Us on
रक्तदान कर बचा रहे हैं औरों का जीवन

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले के जीवन में रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं होता है। वर्तमान समय में शर्म संकोच को छोड़, भ्रांतियां को त्याग कर रक्तदान के लिए युवा तेजी से आगे आ रहे हैं। जो रक्तदान कर जरूरतमंदों की जिंदगी बचा रहे हैं। एक व्यक्ति के रक्तदान से चार लोगों की जिंदगी आसानी से बचाई जा रही है यही कारण है कि रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं समझा जाता है। 14 जून को वर्ल्ड रक्तदाता दिवस मनाया जा रहा है। पहली बार साल 2004 में 14 जून को विश्व स्वास्थ्य संगठन, इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट सोसाइटीज, इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ ब्लड डोनर ऑर्गनाइजेशन और इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ ब्लड ट्रांसफ्यूजन जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने रक्तदाता दिवस मनाया था।

इसका मकसद सुरक्षित रक्त और रक्त उत्पादों की जरूरतों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और ब्लड डोनेट करने वालों के प्रति आभार व्यक्त करना है। एक दशक में बदला है लोगों का नजरिया वर्तमान में युवा वर्ग पुरानी भ्रांतियों को छोड़कर रक्तदान के लिए आगे आ रहा है। पिछले एक दशक में इस क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ है और लोग रक्तदान के लिए बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने लगे हैं। दो दशक पहले जहां पर लोग रक्तदान के लिए कतराते थे। लोग अपने परिजनों तक को खून देना नहीं चाह रहे थे। अब गैरों की मदद के लिए लोग आगे आ रहे हैं। सोशल मीडिया ग्रुप के माध्यम से भी लोग मदद मांग रहे हैं। ऐसे में लोगों का कहना है कि वे रक्तदान नहीं करेंगे तो आगे आने वाले समय में जब उन्हें खून की जरूरत होगी तब दूसरा कोई रक्तदान नहीं करेगा। 21 वर्षों में 65 बार किया रक्तदान जिले के रक्तदाताओं में व्यवसायी कैलाश नाथ रूंगटा का नाम अग्रणी श्रेणी में लिया जाता है। वह 21 वर्षों से लगातार रक्तदान कर रहे हैं। 2004 में पहली बार दिल्ली में रक्तदान किया। अपने किसी करीबी को खून देने के लिए कदम बढ़ाया था। उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। श्री रूंगटा एक साल में चार बार रक्तदान करते हैं। वे युवा रक्तदाताओं के लिए भी प्रेरणा स्रोत बनकर उभरे हैं। जब कोई रक्तदान के बारे में पूछता है तो उसे समझाते हैं। कहते हैं हमें खून देने से किसी प्रकार के हानि नहीं होती और मेरे खून से चार लोगों की जान बच सकती है 37 सालों से रक्तदान कर रहे अमित जैन योगा एसोसिएशन के जिला कोऑर्डिनेटर व समाजसेवी अमित जैन 37 सालों से रक्तदान कर रहे हैं। दिल्ली में उनके एक मित्र के पिता की तबीयत खराब थी और उस समय उन्हें खून की भी जरूरत थी। मरीज की जान बचाने के लिए खून देना जरूरी था। 1988 पहली बार दिल्ली में रक्तदान किया उसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। समाज में जब भी किसी को खून की जरूरत महसूस हुई तो तत्परता के साथ रक्तदान किया है। रक्तदान का कोई लेखा-जोखा तो नहीं रखते लेकिन 37 साल के दौरान 30 से अधिक बार रक्तदान कर चुके हैं। डिप्टी सीएमओ ने 50 से अधिक बार किया रक्तदान मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आरपी मौर्या अब तक 50 से अधिक बार रक्तदान कर चुके हैं। चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ा हुआ होने की वजह से उनके मन में किसी प्रकार की झिझक नहीं थी। पहली बार 1988 में गोरखपुर में एक व्यक्ति की जान बचाने के लिए रक्तदान किया था। उसके बाद से रक्तदान करने का सिलसिला शुरू हुआ और हर साल एक से दो बार रक्तदान करते गए। 2011 से हर साल तीन बार रक्तदान करने का सिलसिला जारी है। उनका कहना है कि जब हम रक्तदान नहीं करेंगे तो दूसरे को रक्तदान के लिए कैसे प्रेरित करेंगे।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।