अप्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा कराया जा रहा है शिक्षण कार्य
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले के धनघटा तहसील क्षेत्र में मान्यता प्राप्त वित्त

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले के धनघटा तहसील क्षेत्र में मान्यता प्राप्त वित्त विहीन कालेजों में अप्रशिक्षित शिक्षक-शिक्षिकाओं से शिक्षण कार्य कराया जा रहा है। इसका नतीजा है कि शिक्षण कार्य की गुणवत्ता पर विपरीत असर पड़ रहा है। शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर अभिभावक अपने पाल्यों की शिक्षा को लेकर चिन्तित नजर आ रहे हैं। इससे उनमें अव्यवस्था को लेकर आक्रोश पनप रहा है।
धनघटा क्षेत्र के अभिभावक ओमप्रकाश, नागेन्द्र शुक्ला, विकास शुक्ला, अर्जुन तिवारी, रामलगन, सेराजुद्दीन, देवेन्द्र सिंह, अलगू प्रसाद चौरसिया, महेश चौरसिया, दिनेश चन्द्र, बालेन्द्र, हफीजुल्लाह, श्रवण पाल, रामरतन सिंह, प्रेमनरायन, रामचन्द्र व राजू वर्मा आदि ने बताया कि परिषदीय और वित्त पोषित कालेजों में शिक्षक-शिक्षिकाओं द्वारा शिक्षण कार्य में बरती जा रही लापरवाही के कारण बच्चों को मान्यता प्राप्त वित्तविहीन स्कूलों में पढ़ाना मजबूरी बन गई है, लेकिन वित्त विहीन स्कूलों में भी प्रबंधतंत्र द्वारा शिक्षण कार्य में मनमानी की जा रही है। इन स्कूलों द्वारा मान्यता हासिल करने के दौरान जिन प्रशिक्षित शिक्षक-शिक्षिकाओं के नाम पर मान्यता हासिल की जाती है, उन शिक्षकों द्वारा स्कूलों में शिक्षण कार्य नहीं कराया जा रहा है। प्रशिक्षित शिक्षकों को दरकिनार कर स्कूल प्रबंधतंत्र द्वारा हाईस्कूल और इण्टर तक की शिक्षा प्राप्त करने वाले व स्नातक बेरोजगार युवाओं को कथित शिक्षकों को दो से तीन हजार रूपए का वेतन देकर प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर पर शिक्षण कार्य कराया जा रहा है।
अभिभावकों ने कहा कि सरकार जिस प्रकार सख्ती से बगैर मान्यता के संचालित स्कूलों को बन्द करा रही है उसी प्रकार सख्ती कर मान्यता प्राप्त कालेजों में भी प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा शिक्षण कार्य कराने के लिए कालेज प्रबंधतंत्र के साथ सख्ती करनी चाहिए। ऐसा करने से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल होगी और बच्चों का भविष्य भी उज्ज्वल होगा। अभिभावकों ने बताया कि मान्यता हासिल कर वित्त विहीन कालेज तंत्र द्वारा अभिभावकों से धनादोहन किया जा रहा है। प्रबंधतंत्र ऐसा कर शिक्षक-शिक्षिकाओं को दिए जाने वाले वेतन की बचत जरूर कर रहे हैं लेकिन बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पाने से वंचित होना पड़ रहा है। अभिभावकों ने कहा कि सरकार की सख्ती के बावजूद बच्चों एवं अभिभावकों पर दबाव बनाकर पाठ्य पुस्तक, कांपी, स्कूली ड्रेस, टाई बेल्ट तक बच्चों को कालेज पर ही दिया जा रहा है। उसके एवज में अभिभावकों से मनमानी कीमत वसूल की जा रही है। सरकार से वित्तविहीन कालेजों की मनमानी को सख्ती से रोके जाने की मांग की है। इस सम्बन्ध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि मान्यता प्राप्त स्कूलों में अप्रशिक्षित शिक्षक-शिक्षिकाओं से शिक्षण कार्य कतई नहीं कराया जा सकता है। सभी मान्यता प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों के बारे में जल्द ही जांच कराकर जानकारी एकत्र की जाएगी। बाकी पाठ्यपुस्तक, कापी और स्कूल ड्रेस की बिक्री करने की शिकायत जिन स्कूलों की मिलेगी उस स्कूल के प्रबंधक समेत प्रधानाचार्य के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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