मानसून सिर पर बाढ़ नियंत्रण की तैयारियां अधूरी
Shamli News - मानसून इस बार जल्दी आ रहा है और मौसम विभाग ने अच्छी बारिश की उम्मीद जताई है। केरल के आसपास मानसून दस्तक दे चुका है। उत्तर प्रदेश में बाढ़ नियंत्रण की तैयारियां अधूरी हैं, खासकर चौसाना क्षेत्र में।...

मानसून इस बार समय से पहले ही दस्तक दे रहा है। मौसम विभाग इस बार अच्छी बारिश की संभावना जता रहा है। केरल के आसपास मानसून दस्तक दे चुका है। जून के मध्य यूपी में भी प्रवेश करने की संभावना है। ऐसे में बाढ़ नियंत्रण की तैयारियां अधूरी है। चौसाना के खादर क्षेत्र में भड़ी गांव के ग्रामीणों क कहना है कि लक्ष्मीपुरा में बने तटबंध गुणवत्ता युक्त नहीं है। अगर यमुना नदी मे पानी आता है तो लक्ष्मीपुरा व भडी को अपने आगोश में ले लेगा। चौसाना: बरसात का मौसम शुरू होने वाला है। डीएम की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में बाढ़ नियंत्रण की तैयारियों के लिए संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए जा चुके है।
जनपद में कैराना और तहसील गांव में बाढ़ से प्रभावित लगभग 49 गांव है। इनमें चौसाना के लक्ष्मीपुरा, भड़ी नाई नंगला लक्ष्मीपुरा, भड़ी, नाईनंगला, सकौती, मंगलौरा, भड़ी भरतपुरी, साल्हापुर आदि संवदेनशील है। यहां बाढ़ आने पर स्थिति अनियंत्रित हो जाती है। लोगों को घर छोड़ना पड़ता है। वर्ष 1978, 2009 व 2013 में आई बाढ़ से लोगों को भारी नुकसान हुआ था। वर्ष 2023 मे लक्ष्मीपुरा में तटबंध टूटने से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गये थे। लोगों ने एक सप्ताह तक जागकर राते काटी थी। जिसके बाद वर्ष 2024 मे साढे करोड की लागत से ठोकर का निर्माण कराया गया था। जिसकी निरीक्षण करने पहुंचे जल शक्ति मंत्री दिनेश खटीक ने भी गुणवत्ता पर सवाल खड़े किये थे। डीएम ने इस बार बाढ़ नियंत्रण के मरम्मत आदि कार्य पूरा करने के निर्देश दिए है। भडी के पूर्व प्रधान कामिल का कहना है कि तटबंधो की ना तो मरम्मत कराई गई और ना ही कोई देखरेख करने वाला है। लक्ष्मीपुरा मे पिछले साल चार तटबंधो के स्थान पर एक ठोकर का निर्माण हुआ था ,जो पर्याप्त नहीं है। अगर यमुना नदी उफान पर आई तो भडी व लक्ष्मीपुरा गांव का वजूद खतरे मे आ सकता है। वही दूसरी ओर नाईनंगला जाटन मे भी तटबंध संख्या 6 से 8 की हालात जर्जर हो गई है। वर्ष 2019 मे भी तटबंधो के टूटने से गांव मे पानी घुस गया था और गाव को खाली कराने की नौबत आन पड़ी थी। सिचाई विभाग ने प्रस्तावित नहीं किया तटबंध मरम्मत का कार्य चौसाना। सिंचाई विभाग के अधिकारियो का कहना है कि लक्ष्मीपुरा से बिडौली तक यमुना नदी के किनारे किसी भी तटबंधों की मरम्मत का कार्य प्रस्तावित नहीं है। यहॉ केवल ढाई करोड की लागत से सड़क का निर्माण कार्य किया जा रहा है। जो लक्ष्मीपुरा से बिडौली तक होगा, जिसकी लम्बाई करीब नौ किलोमीटर है। अगर तटबंध टूटे तो जान बचानी मुश्किल हो जायेगी। ------------------ यमुना तटबंध खस्ताहाल, बजट का इंतजार - मानसून के मद्देनजर अभी तक शुरू नहीं हुई तैयारियां - बारिश में तटबंध के गड्ढों में भरा पानी, कई जगह भूमि कटाव कैराना,संवाददाता। मानसून को लेकर अभी सिंचाई विभाग की ओर से तैयारियां शुरू नहीं की गई है। तटबंध की हालत बदतर है। आलम यह है कि जगह-जगह गहरे गड्ढे बने हुए हैं, जिनमें बारिश का पानी भरा हुआ है। तटबंध से आवागमन करने वाले किसान और ग्रामीण विशेष दुपहिया वाहन चालक गड्ढों के कारण हादसों का शिकार हो रहे हैं। वहीं, हाल ही में हुई बारिश के कारण तटबंध के किनारों पर भी भूमि कटाव हो रहा है। यदि यही हालात रहे, तो मानसून में उफनने वाली यमुना नदी का दंश क्षेत्रवासियों को भुगतना पड़ सकता है। बावजूद इसके सिंचाई विभाग के पास बजट के इंतजार के अलावा कुछ नहीं है। --- पूर्व में यमुना बरपा चुकी है कहर यमुना नदी पूर्व में कहर बरपा चुकी है। वर्ष 2013 में बरसात में अत्यधिक पानी के कारण मवी गांव के निकट तटबंध टूट गया था। इसके अलावा 2023 में मामौर-सहपत गांव के बीच भी तटबंध टूटा था। उस दौरान हजारों बीघा फसल बर्बाद हुई थी, जबकि कई जगहों पर तटबंध में पानी का रिसाव होने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है। .शीतलगढ़ी में हालात खस्ता, बाढ़ नियंत्रण पर खर्च होंगे एक करोड़ झिंझाना संवाददाता यमुना नदी के तट बंध पर बसे लगभग एक दर्जन गांवों की बाढ से सुरक्षा हेतु यमुना नदी के बहाव को रोकने के लिए एक करोड़ रुपए की लागत से शीतलगढी बांध पर ठोकरों को मजबूती दी जायेगी। यह कार्य शुरू कर दिया गया है। यमुना तटबंध पर बसे लगभग एक दर्जन गांवों बल्हेडा,कैलरी,चौतरा , फतहपुर,ख्वाजपुरा,बिडौली सादात,शीतलगढी,मंगलोरा ऊदपुर,भडी भरतपुर आदि पर बाढ़ का खतरा मंडरा जाता है। जिसके कारण तटबंध के किनारे बसे लोगों की रातों की नींद उड़ जाती है।यमुना तटबंध शीतल गढ़ी में लगभग एक करोड़ रुपए की लागत से तटबंध की ठोकरों को मजबूती देने के लिए कार्य शुरू कर दिया गया है। बरसात का मौसम शुरू होने वाला है। विभाग ने पहले से ही बचाव कार्य चला दिया है । बिडौली क्षेत्र में सिर्फ एक शीतल गढ़ी लोकेशन पर ही बचाव कार्य का प्रस्ताव पास हुआ था। यह 15 जून तक पूरा कर लिए जाने की संभावना जताई जा रही है। इसकी एक करोड दो लाख रुपये है। इसमें प्रकयुफ़ाईड स्टड बनाया जा रहा है जो काफी लंबे चौड़े एरिया में कंक्रीट की कड़िया तथा मिट्टी के भरे बेगो से बनाया जा रहा है। ड्रेनेज खंड के अवर अभियंता जितेंद्र कुमार ने बताया कि कार्य 15 जून तक जो लक्ष्य दिया गया है। पूरा कर लिया जाएगा। ----- --- इन्होंने कहा- परियोजनाओं के एक-दो काम चल रहे हैं। बजट मिलने पर बाढ़ से निपटने की तैयारियां पूरी की जाएगी। - सुधांशु, एक्सईएन, सिंचाई विभाग। --- इन्होंने कहा- परियोजनाओं के एक-दो काम चल रहे हैं। बजट मिलने पर बाढ़ से निपटने की तैयारियां पूरी की जाएगी। - सुधांशु, एक्सईएन, सिंचाई विभाग।
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