बोले सीतापुर -ऑनलाइन कारोबार से फीकी हुई पारंपरिक बाज़ारों की रौनक
Sitapur News - ऑनलाइन कारोबार ने खरीदारी के तरीके को बदल दिया है, जिससे उपभोक्ताओं को सुविधा और विकल्प मिले हैं। हालांकि, धोखाधड़ी, गुणवत्ता के मुद्दे और रिटर्न की जटिलताएँ भी बढ़ी हैं। पारंपरिक बाजारों को ऑनलाइन...

सीतापुर। ऑनलाइन कारोबार ने निसंदेह हमारे खरीदारी के तरीके को बदल दिया है। इसने सुविधा, पहुंच और विकल्पों की एक नई दुनिया खोली है। इसने उपभोक्ताओं के जीवन को आसान बनाया है। हालांकि इसके साथ ही धोखाधड़ी, गुणवत्ता के मुद्दे और रिटर्न की जटिलता जैसी चुनौतियां भी आई हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसने पारंपरिक बाज़ार पर गहरा असर डाला है। जिससे उन्हें अस्तित्व बनाए रखने के लिए खुद को नए सिरे से व्यवस्थित करने की जरूरत महसूस हो रही है। भविष्य में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के खुदरा विक्रेताओं को एक साथ मिलकर काम करने और उपभोक्ताओं को सहज खरीदारी का अनुभव प्रदान करने के नए तरीकों की तलाश करनी होगी।
जिससे दोनों ही कारोबार ठीक से चल सके। हालात यह हैं कि आनलाइन कारोबार के साथ पारंपरिक बाजार को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। आन लाइन सामान में दिखता कुछ और आता कुछ और है : लोगों का कहना है कि आनलाइन कारोबार के मुकाबले पारंपरिक बाज़ारों को टिके रहने के लिए ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए अपनी विशिष्टता, व्यक्तिगत संपर्क और बेहतर गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करना होगा। हालांकि आनलाइन खरीददारी में तमाम चुनौतियां हैं। लोग बताते हैं कि अक्सर जो उत्पाद तस्वीर में दिखता है, वह हकीकत में वैसा नहीं होता। रंग, आकार, कपड़े की गुणवत्ता या सामग्री में अंतर आम बात है। कई उपभोक्ता शिकायत करते हैं कि उन्होंने जो कपड़े ऑनलाइन मंगाए थे। वह या तो बहुत छोटे थे या उनका रंग तस्वीर से बिल्कुल अलग था। इलेक्ट्रॉनिक सामानों में भी कई बार वास्तविक प्रदर्शन में अंतर पाया जाता है। इसके अलावा अधिकांश ई-कॉमर्स कंपनियां आसान रिटर्न और रिफंड नीतियों का दावा करती हैं। लेकिन व्यवहार में इसमें काफी परेशानी आती है। पार्सल पिकअप में देरी, रिफंड आने में लंबा समय लगना या ग्राहक सेवा से उचित प्रतिक्रिया न मिलना जैसी शिकायतें आम हैं। घर बैठे शॉपिंग का बढ़ता क्रेज़ और उपभोक्ताओं के अनुभव ऑनलाइन शॉपिंग की सबसे बड़ी अच्छाई यह है कि इसकी सुविधा काफी आसान है। लोग अब ट्रैफिक जाम, पार्किंग की समस्या या भीड़भाड़ वाले बाज़ारों में धक्के खाने से बचते हैं। समय की बचत, उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला और आकर्षक डील्स व डिस्काउंट आदि सभी सुविधाएं सभी ऑनलाइन शॉपिंग के लिए लोगों को आकर्षित करता है। आनलाइन खरीदादारी करने महिलाओं ने बताया कि छोटे बच्चे को लेकर बाज़ार जाकर खरीदारी करना बहुत मुश्किल होता है। ऑनलाइन शॉपिंग से काम बहुत आसान हो गया है। अब तो घर के काम निपटाते हुए आराम से घरेलू सामान से लेकर बच्चे के कपड़े तक आसानी से आर्डर कर घर पर मंगा लेते हैं। वहीं नए गैजेट के शौकीन युवाओं में आनलाई शापिंग का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। कई युवाओं ने बताया कि उन्हे नवीनतम गैजेट्स का शौक है और ऑनलाइन हमेशा अच्छे डील्स आते रहते हैं। साथ ही, विभिन्न वेबसाइटों पर उत्पादों की तुलना करना भी आसान होता है। धोखाधड़ी के भी ग्राहक हो रहे शिकार : लोगों ने आनलाइन खरीददारी के नकारात्मक पहलुओं के बारे में भी बात की। ग्राहकों का कहना था कि ऑनलाइन शॉपिंग में सुविधा के साथ-साथ साइबर धोखाधड़ी का खतरा भी बढ़ गया है। फर्जी वेबसाइट, फिशिंग लिंक या गलत उत्पादों की डिलीवरी कर पैसे ऐंठने के मामले सामने आते रहते हैं। लोगों को अपनी बैंकिंग जानकारी साझा करने में सावधानी बरतनी पड़ती है। इतनी सतर्कता के बावजूद कई बार लोग धोखाधड़ी के शिकार भी हो जाते हैं। बताया कि अक्सर खबरों की सुर्खियों में रहता है कि मंगवाया था मोबाइल और डिब्बे में ईंट या साबुन ग्राहक के घर पर पहुंचा। इस तरह की घटनाओं को देखने के बाद महंगे सामान आन लाइन मंगवाने में डर भी लगता है। तीस से पचास फीसदी घटी पारम्परिक बाजारों की बिक्री आनलाइन कारोबार के बढ़ते चलन का सबसे प्रत्यक्ष असर पारंपरिक व्यापार पर काफी पड़ा है। लोग अब अपनी ज़रूरतों का एक बड़ा हिस्सा ऑनलाइन शापिंग से पूरा कर रहे हैं। ऐसे में पारंपरिक दुकानों पर ग्राहकों की संख्या काफी कम हो रही है। खासकर इलेक्ट्रॉनिक्स, कपड़े, किताबें और घरेलू सामान की खरीदारी में ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं ने बाज़ार के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है। कई छोटे दुकानदार बताते हैं कि उनकी बिक्री पिछले कुछ सालों में 30-50 प्रतिशत तक कम हो गई है। ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर कीमतें अक्सर पारंपरिक दुकानों की तुलना में कम होती हैं। क्योंकि आन लाइन कारोबारियों को दुकान के किराए, बिजली बिल और कर्मचारियों के वेतन जैसे ऊपरी खर्चों का बोझ नहीं उठाना पड़ता। ऐसे में मोहल्ले या कस्बे के बाजारों के दुकानदार प्रतिस्पर्धा में अपने दामों को कम करते हैं। यह कमी उन्हें अपने मुनाफे से ही कम करनी पड़ती है। कई बार तो उन्हें ग्राहकों को बनाए रखने के लिए नुकसान में भी सामान बेचना पड़ता है। रोजगार के अवसर हुए कम पारंपरिक बाज़ार में बिक्री घटने से नए रोज़गार के अवसर कम हुए हैं, और कुछ मामलों में तो पुराने रोज़गार काभी प्रभावित हो गए हैं। छोटे दुकानदार या उनके कर्मचारी कम काम के कारण वित्तीय परेशानियों का सामना कर रहे हैं। दुकानदारों का साफ तौर पर कहना है कि अगर देखा जाए तो आनलाइन कारोबार छोटे शहरों के लिए नहीं है। यह सुविधा बड़े-बड़े महानगरों के लिए ठीक है। दुकानदारों का कहना है कि छोटे शहरों में आनलाइन कारोबार में स्थानीय और पारंपरिक दुकानदारों की भागीदारी होनी चाहिए। ई कामर्स कंपनियों को हमसे संपर्क करके सामान को लेकर डिलीवर करना चाहिए। ऐसा करने से उनका और ई कामर्स कंपनियों दोनों का कारोबार बढ़ेगा। ऑनलाइन से शिकायतें भी ऑनलाइन शॉपिंग का सबसे बड़ा फायदा इसकी सुविधा है। लोग अपनी पसंद के उत्पादों को किसी भी समय, कहीं से भी ऑर्डर कर सकते हैं, और वे सीधे उनके दरवाजे पर पहुंचा दिए जाते हैं। इससे समय और ऊर्जा दोनों की बचत होती है। उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला, कीमतों की तुलना करने की क्षमता और आकर्षक छूट भी ऑनलाइन शॉपिंग को लोकप्रिय बनाती हैं। हालांकि, इस सुविधा के साथ कुछ परेशानियां भी जुड़ी हैं। सबसे आम समस्याओं में से एक उत्पाद की गुणवत्ता और वास्तविक रूप से मेल न खाना है। कई बार, ग्राहक को जो उत्पाद मिलता है, वह वेबसाइट पर दिखाई गई तस्वीर या विवरण से भिन्न होता है, जिससे निराशा होती है। शिपिंग में देरी, गलत उत्पाद की डिलीवरी, या क्षतिग्रस्त उत्पाद का मिलना भी आम शिकायतें हैं। रिटर्न और रिफंड की प्रक्रिया भी कभी-कभी जटिल और समय लेने वाली हो सकती है, जिससे ग्राहकों को परेशानी होती है। ऑनलाइन धोखाधड़ी और व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा को लेकर भी चिंताएं बनी रहती हैं। प्रस्तुति - अविनाश दीक्षित
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