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गोरखपुर: पार्षदों को पांच साल पहले मिला टैबलेट हुआ खिलौना, अब नए से उम्मीद

गोरखपुर के महापौर सीताराम जायसवाल ने पेपरलेस बजट का ऐलान करते हुए सभी पार्षदों को टैबलेट देने की घोषणा की है। ताकि वे डिजिटली नगरीय समस्याओं को दूर करने में सक्षम हों। लेकिन पिछले दो कार्यकाल...

Ajay Singh अजय श्रीवास्‍तव , गोरखपुर Mon, 22 Feb 2021 07:56 AM
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गोरखपुर: पार्षदों को पांच साल पहले मिला टैबलेट हुआ खिलौना, अब नए से उम्मीद

गोरखपुर के महापौर सीताराम जायसवाल ने पेपरलेस बजट का ऐलान करते हुए सभी पार्षदों को टैबलेट देने की घोषणा की है। ताकि वे डिजिटली नगरीय समस्याओं को दूर करने में सक्षम हों। लेकिन पिछले दो कार्यकाल में पार्षदों को नागरिकों के टैक्स से दिये गए टैबलेट का हश्र सवाल खड़े करता है। पांच साल पहले मिला टेबलेट जहां कबाड़ में चला गया है, वहीं दो साल पहले मिला स्मार्टफोन भी खराब हो चुका है।

वर्ष 2015 में तत्कालीन महापौर डॉ. सत्या पांडेय के कार्यकाल में 70 पार्षदों और 10 मनोनीत पार्षदों को चाइना मेड टैबलेट दिया गया था। करीब 9 लाख रुपये खर्च कर खरीदे गए टैबलेट में से कई ऑन ही नहीं हुए तो कई पार्षदों ने बच्चों को गेम खेलने के लिए दे दिया। शायद ही किसी पार्षद के पास टैबलेट सलामत बचा हुआ है। इसी तरह वर्ष 2019 में भी महापौर सीताराम जायसवाल की पहल पर पार्षदों को ब्रांडेड स्मार्टफोन दिया गया था। 30 से अधिक पार्षदों के स्मार्टफोन खराब हो चुके हैं।

जेम पोर्टल से खरीदा जाएगा टैबलेट

पार्षदों को दिया जाने वाला टैबलेट जेम पोर्टल से खरीदा जाना है। पहले विभाग के लोग बाजार से टैबलेट खरीदने की कवायद में थे, लेकिन सरकारी खरीद के पेच के चलते जेम पोर्टल पर खरीदारी की कवायद हो रही है। अब 24 फरवरी को प्रस्तावित बोर्ड बैठक में पार्षदों को टैबलेट मिलना संभव नहीं दिख रहा है।

खिलौना बन गए टैबलेट और मोबाइल

कई पार्षद ऐसे हैं जो पिछले कार्यकाल में भी थे, और वर्तमान में भी है। उन्हें पिछले कार्यकाल में टैबलेट तो वर्तमान में स्मार्टफोन मिला है। उप सभापति ऋषि मोहन वर्मा बताते हैं कि टैबलेट चंद दिनों बाद ही खराब हो गया, स्मार्टफोन चल रहा है। वहीं पार्षद अमरनाथ यादव का कहना है कि टैबलेट और स्मार्टफोन दोनों खराब हो गया है। खराब क्वालिटी का मोबाइल फोन कितने दिन चलेगा? वहीं सपा पार्षद जियाउल इस्लाम का कहना है कि टैबलेट से खींची जाने वाली फोटो की क्वालिटी बेहद खराब थी, बटन काम नहीं कर रहा था। बाद में बच्चों को दे दिया। दो साल पहले मिला स्मार्टफोन भी खराब हो गया है। डिजिटल का मतलब नहीं है। नगर निगम क्षेत्र से 2000 से अधिक शिकायतें सिर्फ स्ट्रीट लाइट को लेकर है। सिर्फ शिकायत का मतलब नहीं है। समस्या का समाधान भी तो होना चाहिए। कांग्रेस पार्षद संजीव सिंह सोनू बताते हैं कि टैबलेट और स्मार्टफोन दोनों खराब हो गए हैं। पार्षदों की लिखित शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है, तो ऐसे में डिजिटल शिकायत का निस्तारण सवालों के घेरे में है।

 

मुख्यमंत्री के हाथों भी मिला था स्मार्टफोन

महापौर के नेतृत्व में गठित बोर्ड के भाजपा पार्षदों ने मुख्यमंत्री से लखनऊ में उनके आवास पर मुलाकात की थी। जहां उन्हें स्मार्टफोन मिला था। इनमें कुछ का मोबाइल खराब हो गया है। लेकिन कुछ बोलने से बच रहे हैं। पार्षद मनु जायसवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री के हाथों मिला फोन आज भी मेरे हाथ में है। उसी से सभी जरूरी काम करता हूं।

 

पेपरलेस बजट से स्टेशनरी का खर्च कम होगा। पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा। जमाना डिजिटल का है। ऐसे में पार्षद से लेकर कर्मचारियों तक को डिजिटल किया जा रहे हैं। नए बजट सत्र में टैबलेट देने का निर्णय लिया गया। जेम पोर्टल से टैबलेट की खरीदारी की जाएगी। इसमें कुछ समय लग सकता है।

सीताराम जायसवाल, महापौर