मिलने से पहले ही छिन गई पुलिस की वर्दी, नियुक्ति पत्र लेने को नहीं बुलाए गए ये 93 युवक; जानें वजह
यूपी पुलिस आरक्षी भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों को रविवार को लखनऊ में नियुक्ति पत्र दिया गया। गोरखपुर से 1368 रिक्रूट रविवार की भोर में बस से लखनऊ के लिए रवाना हुए। हालांकि जिले के रहने वाले 1498 अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास की थी। सत्यापन में 93 अभ्यर्थी ऐसे मिले जिन पर मुकदमों का दाग निकला।

गोरखपुर के 93 युवाओं को वर्दी मिलने से पहले ही छिन गई। मुकदमों में दागी होने के नाते उन्हें नियुक्ति पत्र देने के लिए नहीं बुलाया गया है। अब अगर वह अपने मुकदमे में समझौता करके खुद को बरी साबित करते हैं या फिर कोर्ट से कोई आदेश लेकर आते हैं तभी उन्हें वर्दी पहनने का मौका मिल पाएगा। अगर कामयाबी नहीं मिली तो फिर उनकी खुशी सपने में बदल जाएगी।
दरअसल, यूपी पुलिस आरक्षी भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों को रविवार को लखनऊ में नियुक्ति पत्र दिया गया। गोरखपुर से 1368 रिक्रूट रविवार की भोर में बस से लखनऊ के लिए रवाना हुए। इनमें महिला रिक्रूट की संख्या 268 है। हालांकि जिले के रहने वाले 1498 अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास की थी। जब इनका सत्यापन शुरू हुआ तब 93 अभ्यर्थी ऐसे मिले जिन पर मुकदमों का दाग निकला। इस वजह से उनकी नियुक्ति रोक दी गई।
ज्यादातर के खिलाफ मारपीट का मुकदमा, कुछ पर है एनसीआर
93 अभ्यर्थियों में कुछ पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज हैं तो वहीं ज्यादातर के खिलाफ मारपीट, धमकी से जुड़े केस हैं। कुछ के खिलाफ एनसीआर भी है। उन्हें अपने खिलाफ केस होने की जानकारी चरित्र सत्यापन के बाद हो पाई है। मुकदमे का दाग होने की वजह से उनकी नियुक्ति अधर में लटक गई है।
केस खत्म कराने के साथ ही सुलह कर वर्दी हासिल करने का प्रयास
मुकदमे की वजह से वर्दी छिनने का खतरा देखकर अब दागी अभ्यर्थी खुद के केस में सुलह करने के प्रयास में जुट गए हैं। जिन लोगों ने अपने ऊपर मुकदमा न होने का दावा किया था उनके साथ ज्यादा दिक्कत है। वहीं जिन लोगों ने अपने शपथपत्र में केस होने की बात कही थी। वह समझौता या फिर केस खत्म कर नियुक्ति का रास्ता साफ करने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं जिनका शपथपत्र ही झूठा निकला है उनके लिए दिक्कत ज्यादा है।
अब समझ में आ रहा है करियर के लिए नुकसानदेह है किसी तरह का विवाद
मुकदमे का दाग लगने से वर्दी छिनने का खतरा होने के बाद अब इन युवाओं को यह समझ में आ रहा है कि विवाद नहीं करना चाहिए था। गांव-मोहल्ले में छोटी-छोटी बात को लेकर गुस्से में आकर विवाद करने से आज उनका करियर दांव पर लग गया है। कई युवाओं का उनके पट्टीदारों से ही विवाद है, जिसमें मुकदमेबाजी हुई है। अब नौकरी के खातिर किसी भी तरह से समझौता करने के प्रयास में हैं, वहीं उनके विरोधी को जब पता चला है तब वह नौकरी न मिल पाए इसके लिए प्रयास करने में जुट गया है। उसकी ठसक और बढ़ गई है।