यूपी में गर्मी की छुट्टियों तक बदला इन स्कूलों का समय, सुबह 7.30 से दोपहर 12.30 बजे तक चलेंगी कक्षाएं
यूपी में अत्याधिक गर्मी एवं हीट-वेव को देखते हुए बेसिक शिक्षा निदेशक ने प्रदेश के सभी जिलों में गर्मी की छुट्टियां शुरू होने तक परिषदीय स्कूलों का समय बदल दिया है।

अत्याधिक गर्मी एवं हीट-वेव को देखते हुए बेसिक शिक्षा निदेशक ने प्रदेश के सभी जिलों में गर्मी की छुट्टियां शुरू होने तक परिषदीय स्कूलों का समय प्रातः 7.30 से अपरान्ह 1.30 बजे तक कर दिया है। सभी जिलों के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को गुरुवार को भेजे निर्देश में बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने कहा है कि विद्यालय में पठन पाठन के लिए छात्र छात्राएं प्रातः 7.30 से अपरान्ह 12.30 बजे तक उपस्थित रहेंगे तथा विद्यालयों में प्रार्थना सभा, योगाभ्यास प्रातः 7.30 से 7.40 बजे तक तथा मध्यावकाश प्रातः 10 से 10.15 बजे तक होगा। हालांकि विद्यालयों का समय प्रातः 7.30 से अपरान्ह 1.30 बजे तक रहेगा। शिक्षक, शिक्षामित्र एवं अनुदेशक तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारी विद्यालय में प्रातः 7.30 से अपरान्ह 1.30 बजे तक उपस्थित रहकर शैक्षिणिक, प्रशासकीय एवं अन्य कार्यों को पूर्ण करेंगे। मान्यता प्राप्त विद्यालयों के लिए विद्यालय प्रबन्ध समिति यथावश्यक निर्णय लेने के लिये अधिकृत होगी।
प्राइमरी स्कूलों में बच्चों के नहीं बढ़ रहे नामांकन
छह वर्ष की आयु की बाध्यता की वजह से प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की नामांकन संख्या नहीं बढ़ पा रही है। शिक्षक बच्चों की नामांकन संख्या बढ़ाने के लिये शहर व ग्रामीण इलाकों में घर-घर बच्चों को खोज रहे हैं। स्कूलों से रोजाना एक व दो बच्चे बिना दाखिले के लौट रहे हैं। अभिभावक मजबूरी में इन बच्चों के दाखिले निजी स्कूलों में करा रहे हैं। निजी स्कूल नर्सरी, एल केजी व यू केजी में दाखिला आसानी से लेते हैं। शिक्षकों का कहना है कि उम्र में ढील नहीं दी गई तो इस बार छात्र संख्या और भी कम हो जाएगी। बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने 28 मार्च 2025 को बीएसए को जारी आदेश में 31 जुलाई तक छह वर्ष की आयु पूरी करने वाले बच्चों के कक्षा-एक में दाखिले के निर्देश दिये थे।
लखनऊ में चल रहे 1618 प्राइमरी स्कूल
लखनऊ में 1618 प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूल संचालित हो रहे हैं। अपर प्राइमरी स्कूलों में छठवीं में दाखिले के लिए बहुत से बच्चे आ रहे हैं। स्कूल वार 20 से 50 बच्चों के दाखिले हो गए हैं, लेकिन पहली कक्षा में औसतन 10 से 15 बच्चों के दाखिले हो पाए हैं। कुछ स्कूलों में यह संख्या में और भी कम है। जोन दो स्थित प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक का कहना है कि पहली कक्षा में अभी तक सिर्फ 10 बच्चों के दाखिले हुए हैं। आठ बच्चों की आयु छह वर्ष पूरी होने में दो से तीन माह कम थी। इसलिए इन बच्चों को दाखिला नहीं दिया है। प्राइमरी स्कूलों में खुले आंगनबाड़ी केन्द्र में बाल वाटिका की कक्षाएं संचलित की जा रही हैं। ग्रामीण इलाकों में आंगनबाड़ी केन्द्र के बहुत से बच्चों की उम्र दो से तीन माह कम पड़ने की वजह से पहली कक्षा में दाखिले नहीं हो पा रहे हैं।