यूपी पुलिस के दरोगा का कारनामा, चोर की जगह वारंट जारी करने वाली जज को ही ढूंढने लगा; लाइन हाजिर
- दरोगा जी ने कोर्ट के लिए रिपोर्ट भी लगाकर भेज दी कि इस पते पर अभियुक्ता नहीं रहती है। यह रिपोर्ट जब कोर्ट में पहुंची तो महिला जज हैरान रह गईं। उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लिया। एसएसपी ने संज्ञान लेते हुए उपनिरीक्षक को लाइन हाजिर कर दिया है। साथ ही इस लापरवाही की जांच सीओ सिटी को सौंपी है।
यूपी के फिरोजाबाद में तैनात पुलिस के एक दरोगा की खूब चर्चा हो रही है। वजह हैरान कर देने वाली है। हुआ ये है कि चोरी के एक आरोपी की जगह दरोगा जी उस महिला जज की ही तलाश में जुट गए जिनकी कोर्ट से आरोपी के खिलाफ वारंट जारी हुआ था। वारंट किसी और के नाम का, तलाश किसी और की। जाहिर है पुलिस को कोई नहीं मिला। तब दरोगा जी ने इस आशय की रिपोर्ट भी लगा दी कि इस पते पर अभियुक्ता नहीं रहती है। मामला सामने आने के बाद दरोगा जी को लाइन हाजिर कर दिया गया है। साथ ही इस बात की जांच भी की जा रही है कि आखिर ऐसा हुआ कैसे?
मिली जानकारी के अनुसार फिरोजाबाद में अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट ने वाहन चोरी के मामले में एक अभियुक्त के नाम नॉन-बेलेबल वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया था। गलती कहें या लापरवाही, थाना उत्तर में तैनात उपनिरीक्षक ने इस पर अभियुक्त के नाम की जगह महिला अपर सिविल जज का नाम लिख दिया। इसके बाद कोर्ट के लिए रिपोर्ट भी लगाकर भेज दी कि इस पते पर अभियुक्ता नहीं रहती है। कोर्ट में जब रिपोर्ट पहुंची तो महिला जज हैरान रह गईं। उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लिया। एसएसपी ने संज्ञान लेते हुए उपनिरीक्षक को लाइन हाजिर कर दिया है। साथ ही इस लापरवाही की विभागीय जांच सीओ सिटी को सौंपी है।
अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन नगमा खान के न्यायालय से वाहन चोरी के मामले में थाना उत्तर निवासी अभियुक्त राजकुमार उर्फ पप्पू पुत्र गणेशी लाल के नाम वारंट जारी किया गया था। उप निरीक्षक जिन्हें यह वारंट तामील कराना था, ने इस पर आरोपी की जगह उस जज का ही नाम लिख डाला जिनकी कोर्ट ने इसे जारी किया था। सरकार बनाम राजकुमार के नाम से 13 साल पुराने इस विचाराधीन मामले में आरोपी लगातार गैर हाजिर चल रहा था। कोर्ट से कई बार आरोपी के खिलाफ समन/ वारंट जारी किए गए लेकिन अभियुक्त राजकुमार कभी कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ।
तब कोर्ट ने उसके खिलाफ एबीडब्ल्यू जारी किया। इस पर उप निरीक्षक थाना उत्तर बनवारी लाल ने हाल ही में कोर्ट में एक रिपोर्ट दाखिल की। इस रिपोर्ट में उप निरीक्षक ने लिखा कि आरोपी के खिलाफ जारी वारंट को लेकर तामील कराने के लिए वह बताए गए पते पर गए और कई बार संपर्क किया। आसपास के लोगों ने बताया कि इस पते पर नगमा खान नाम से कोई नहीं रहता है। विवेचक बनवारी लाल की रिपोर्ट को न्यायालय में जब अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन नगमा खान ने देखा तो हैरान रह गईं। उन्होंने विवेचक की लापरवाही को लेकर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया। विवेचक द्वारा अभियुक्त के नाम के स्थान पर अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन का नाम अंकित करने पर इसे पुलिस ड्यूटी के प्रति लापरवाही माना।
इसके साथ ही मामले में कार्रवाई के लिए तत्काल आईजी आगरा और एसएसपी को पत्र लिखा। एसएसपी सौरभ दीक्षित ने बताया कि उप निरीक्षक बनवारी लाल द्वारा अभियुक्त के नाम के स्थान पर माननीय अपर सिविल जज का नाम अंकित करने के प्रकरण को गंभीरता से लिया गया है। उपनिरीक्षक को रविवार को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया है। एसपी सिटी रवि शंकर प्रसाद ने बताया कि इस पूरे प्रकरण की विभागीय जांच क्षेत्राधिकारी नगर द्वारा की जा रही है।