साइबर क्राइम! फर्जी कोर्ट में फेक जज और CBI अफसर ने केस चला करवाई पेशी, 1 करोड़ ठगकर किया बरी
सीबीआई चीफ बनकर एक साइबर ठग ने पीड़ित को वीडियो कॉल की। इसके बाद फर्जी आरोप लगाकर कोर्ट में डिजिटल पेशी कराकर एक करोड़ ठग लिए। फर्जी जस्टिस खन्ना की कोर्ट में ऑनलाइन पेशी करवाई गई और फिर बरी कर दिया।

यूपी के शाहजहांपुर में एक वकील के बेटे से फर्जी जज और फर्जी सीबीआई अफसर ने एक करोड़ की ठगी कर ली। यहां तक की फर्जी कोर्ट में ऑनलाइन पेशी भी करवाई और फिर बरी भी कर दिया। शहर के प्रतिष्ठित अधिवक्ता रहे स्व. प्रकाशचंद्र सक्सेना के पुत्र शरदचंद्र सक्सेना से आईपीएस अफसर, फर्जी सीबीआई चीफ और जज बनकर एक करोड़ दो लाख रुपये की ठगी कर ली गई। अलग-अलग खातों में ठगों ने रुपये ट्रांसफर कराए हैं। मामले में साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। पुलिस जांच कर रही है।
साइबर थाने में शरदचंद्र की ओर से दी गई तहरीर में बताया गया कि छह मई को खुद को आईपीएस विजय खन्ना बताकर एक युवक ने कॉल की थी। खाते में मुंबई की सेंट्रल बैंक की शाखा से दो करोड़ 80 लाख के अवैध रूप से लेनदेन की बात कही। मामले में केस दर्ज होने और जमानत लेने की बात कहते हुए सात मई को दिल्ली बुला लिया। दिल्ली में राहुल गुप्ता नाम के फर्जी सीबीआई चीफ के जरिए फर्जी जस्टिस खन्ना की कोर्ट में कराई ऑनलान पेशी कराई।
इस दौरान उसे बताया गया कि अपने 94 लाख की एफडी को तोड़कर उसे अलग-अलग बैंक खातों में जमा करने होंगे। उनके झांसे में आकर शरदचंद्र ने 15 मई तक एक करोड़ दो लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद 19 मई को वकील के पास सुप्रीम कोर्ट का फर्जी लेटर भेजकर सभी चार्ज से बरी करने की बात कह दी गई।
साथ ही उसे बताया गया था कि उसके भेजे गए रुपये एक दिन में वापस हो जाएंगे। हालांकि ऐसा नहीं हुआ। जब खाते में रुपये नहीं आए तो अधिवक्ता को ठगी का हुआ एहसास हुआ। उसने शाहजहांपुर की साइबर थाने में शुक्रवार को रिपोर्ट दर्ज कराई। एसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि शरदचंद्र के साथ ठगी का मामला सामने आया है। रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। मामले के खुलासे को एसआईटी बनाई गई है। टीम मामले की जांच कर रही है।