ज्योतिषशास्त्र में भी है रोगों का निदान : आचार्य संजय
Varanasi News - वाराणसी में चल रहे ज्योतिष ज्ञान शिविर में आचार्य संजय उपाध्याय ने बताया कि जातक की जन्म कुंडली से रोग का निदान और चिकित्सा लाभ का विचार किया जा सकता है। शुभ ग्रहों की स्थिति दवा के प्रभाव को...

वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। जातक की जन्म कुंडली से रोग का निदान और इसकी पहचान भी की जा सकती है। अगर किसी व्यक्ति को कोई रोग है तो उसकी चिकित्सा लाभ का विचार लग्न भाव से किया जाता है। यदि लग्न में शुभ ग्रह बैठे हुए हैं तो उसे जो भी चिकित्सक मिलेगा, वह अच्छा उपचार करेगा और लाभ होगा। दशाश्वमेध स्थित शास्त्रार्थ महाविद्यालय में चल रहे ज्योतिष ज्ञान शिविर के 20वें दिन शिविर संचालक ज्योतिर्विद आचार्य संजय उपाध्याय ने यह बातें बताई। उन्होंने प्रशिक्षण ले रहे बटुकों से कहा कि लग्न के चतुर्थ भाव में औषधि के विषय में प्रकाश डाला गया कि यदि शुभ ग्रह बैठे हुए हों तो उस समय जो भी दवा व्यक्ति खाएगा वह लाभप्रद होगा।
किन्तु अगर चतुर्थ स्थान में राहु है तो उसको जो भी दवा दी जा रही है वह कारगर नहीं होगी। इस प्रकार हम कुंडली के माध्यम से अपने चिकित्सक को तय कर सकते हैं। सप्तम स्थान से रोग का विषय का विचार किया जाता है। शिविर संयोजक व संस्था के प्राचार्य डा. पवन कुमार शुक्ल ने बताया कि अब तक पंचांग, हस्तरेखा, कुंडली निर्माण से संबंधित प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अब भाल अर्थात माथे की रेखाओं का समझाया जा रहा है। यह ग्रीष्मकालीन शिविर प्रतिदिन 11 बजे से चल रहा है। जिसमें सीखने के अलावा अपना या सम्बंधियों का फलादेश प्राप्त करने भी लोग पहुंच रहे हैं। संयोजक ने बताया की आगे अब इसमें वास्तुशास्त्र से सम्बंधित विषय को भी बताया जाएगा।
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