इस्लाम-जेहाद के नाम पर कत्ल जायज नहीं
Varanasi News - वाराणसी में जमीयत उलमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की। उन्होंने कहा कि इस्लाम के नाम पर हत्या करना गलत है। उन्होंने युवाओं को मोबाइल के दुष्प्रभावों के...

वाराणसी, कार्यालय संवाददाता। जमीयत उलमा-ए-हिन्द के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने पहलगाम में आतंकी हमले की निंदा की। उन्होंने कहा कि इस्लाम और जेहाद के नाम पर कत्ल करना किसी भी हाल में जायज नहीं है। पहलगाम में हुआ हमला जुल्म और नाइंसाफी है। हालात-ए-जंग में भी ऐसी घटना को अंजाम नहीं दिया जा सकता है।
जमीयत उलमा-ए-हिन्द की ओर से पुलकोहना ईदगाह में आयोजित सीरत कांफ्रेंस में मौ.मदनी ने कहा कि ये जेहाद नहीं फसाद है। ये लोग इस्लाम को बदनाम करने वाली साजिश को मजबूत कर रहे हैं। ये मजम्मत (निंदा) किसी पॉलिसी की वजह से नहीं की जा रही है। आप लोग ये सोच रहे होंगे कि ऐसे हालात है इसलिए मजम्मत करनी हमारी मजबूरी है। बिल्कुल नहीं, हमें ये बताना है कि ये इस्लाम का तरीका नहीं हो सकता है। किसी भी मुसलमान को किसी के कत्ल की इजाजत नहीं है। हालात कैसे भी हो जाएं, हालात-ए-जंग में भी इजाजत नहीं है। गलत काम हुआ है। नाइंसाफी हुई है, जुल्म हुआ, वो भी इस्लाम के नाम पर। इससे ज्यादा दुखद कुछ नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि अल्लाह पाक हमारे जवानों को महफूज (सुरक्षित) रखे।
जीवन में मोबाइल फोन की बढ़ते दखल पर उन्होंने कहा कि युवाओं को ये मोबाइल फोन बर्बाद कर रहा है। सिर्फ युवा नहीं बल्कि अब तो बुजुर्ग भी दिन रात मोबाइल चला रहे हैं। मौलाना मदनी ने कहा कि हालात को बदलने के लिए अपने आप में सुधार लाना होगा। नौजवान गुस्से के शिकार हो रहे हैं। वे घर में अपने मां-बाप से भी गुस्से में बात करते हैं। उन्हे ऐसा नहीं करना चाहिए। जिनके मां-बाप जिंदा हैं वे उनकी सेवा करें। अगर गुस्से में उन्हे कुछ गलत बोल दें तो इसकी माफी मांगें। इस दौरान मो. सलमान, मसलाहुद्दीन, मौ. अब्दुल बातिन नोमानी, अहमद अबदुल्लाह, सैय्यद मोहम्मद तलहा, वसीम अहमद, मोहम्मद रहमतुल्लाह मीर ने भी तकरीर की।
हमारे आदर्श हैं पैगम्बर
दारूल उलूम देवबंद के मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम ने कहा कि पैगम्बर मोहम्मद (स.) ने इंसानियत की बुनियाद पर लोगों की खिदमत की है। उन्होंने बेसहारा की मदद की। यतीमों के आंसू पोंछे। हमारे आदर्श पैगम्बर मोहम्मद हैं। उनके नक्शेकदम पर हमें चलना चाहिए। आज के दौर में हमें अपनी नस्लों के ईमान की फ्रिक करनी चाहिए। मुफ्ती वसीम ने कहा कि हमें अपनी जिंदगी में ईमानदारी लानी होगी। दीन और इस्लाम पर चलना चाहिए।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।