हवा का रुख दे रहा बारिश की आहट
Varanasi News - वाराणसी में रविवार को मौसम में बदलाव के संकेत मिले। पुरवा हवा की चक्रवाती स्थिति और पश्चिमी हवा की प्रतिक्रिया से बादल छा गए, जिससे तापमान में गिरावट आई। हालांकि उमस बनी रही। मौसम वैज्ञानिकों के...

वाराणसी, कार्यालय संवाददाता। सतह पर बनी पुरवा हवा की चक्रवाती स्थिति और मध्य, ऊपरी वायुमंडल में पश्चिमी हवा की प्रतिक्रिया से रविवार दोपहर बाद मौसम में बदलाव के संकेत मिलने लगे हैं। आसमान में बादलों की आवाजाही से हीट इंडेक्स कम हुआ तो तपिश से थोड़ी राहत मिली, लेकिन अधिकतम और न्यूनतम तापमान में अंतर कम से होने से उमस बरकरार रही और रात में भी गर्मी का अहसास हुआ। मौसम विभाग की वेबसाइट आईएमडी के अनुसार रविवार को बनारस पूरे देश में सबसे गर्म जनपद रहा। इससे पहले सुबह धूप निकलने के साथ तापमान बढ़ने से लोग परेशान हो गए।
अवकाश का दिन होने से दिन में 11 बजे तक सड़क पर सन्नाटा पसर गया। दोपहर में एक बजे पारा 43.2 डिग्री सेल्सियस के पास पहुंचने पर लोगों को एकबारगी लगा कि गर्मी दोबारा शनिवार जैसा रूप दिखाने वाली है। लेकिन ढाई बजे पुरवा हवा की चक्रवाती स्थिति और मध्य, ऊपरी वायुमंडल में पश्चिमी हवा की प्रतिक्रिया से बादल आसमान में छा गए। आसपास के जिलों में बारिश होने से तपिश से राहत मिली। हालांकि उमस बनी रही। देर शाम तक लोग यहां भी बारिश की उम्मीद करते रहे, लेकिन बादल छंट गए। मौसम वैज्ञानिक प्रो. मनोज श्रीवास्तव ने कहा कि प्री मानसून की बारिश का सिस्टम सक्रिय हो रहा है। सोमवार से यहां भी बारिश की संभावना है। उन्होंने बताया कि बादल के कारण दिन के तापमान में 1.4 डिग्री की गिरावट हुई है। तापमान सामान्य से 5.1 डिग्री ज्यादा 43.2 और रात का तापमान सामान्य से 3.2 डिग्री ज्यादा 31.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। उधर आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार 18 जून से भारी वर्षा का सिलसिला शुरू होगा। गोरखपुर-बलिया से प्रवेश करेगा मानसून बीते दस दिनों से पूर्वी आसाम की सीमा पर अटका मानसून बंगाल की खाड़ी में निम्न दाब का क्षेत्र से बनने आगे बढ़ने से लगा। इस कारण रविवार शाम को बिहार के किशनगंज में बारिश शुरू हो गई। वैज्ञानिक इसे मानसून की बारिश बता रहे हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार मानसून की गति यही रही तो यह 18 जून तक पूरे बिहार में छा जाएगा। इसके बाद दक्षिणी-पश्चिमी मानसून गोरखपुर-बलिया के रास्ते पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगा। उधर उत्तरी सीमा मौजूदा मानसून की द्रोणिका मुंबई, अहिल्यानगर, आदिलाबाद, पुरी और बालुरघाट सहित प्रमुख स्थानों से होकर गुज़र रही है। इससे आने वाले तीन से चार दिनों में यह गुजरात, विदर्भ, छत्तीसगढ़, ओडिशा और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मानसून के लिए अनुकूल परिस्थितियां विकसित हो रही हैं।
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