शादियों का सीजन और इस रूट ट्रेनें रद्द, रोडवेज ने संभाला मोर्चा; ऑन डिमांड बसें चलाएगा
- गोरखपुर के लिए चारबाग, आलमबाग, कैसरबाग और कमता बस स्टेशन से बसों का संचालन होता है। सबसे ज्यादा बसें चारबाग से संचालित होती हैं। गोरखपुर रूट पर बाराबंकी, अयोध्या, बस्ती, गोंडा, देवरिया जैसे प्रमुख जिले आते हैं। इन रूट पर हर दिन हजारों लोग ट्रेन से सफर करते हैं।

सोमवार से सहालग शुरू हो जाएगी। शादियों के सीजन में एक तरफ जहां लोगों की आवाजाही बढ़ गई है, वहीं गोरखपुर रूट पर निर्माण के काम के कारण ट्रेनों के कैंसिलेशन ने मुसीबत बढ़ा दी है। ऐसे में रोडवेज ने मोर्चा संभाला है। परिवहन निगम लखनऊ परिक्षेत्र ने 50 अतिरिक्त बसों का इंतजाम किया है। इन बसों को ऑन डिमांड संचालित किया जाएगा।
गोरखपुर के लिए चारबाग, आलमबाग, कैसरबाग और कमता बस स्टेशन से बसों का संचालन होता है। सबसे ज्यादा बसें चारबाग से संचालित होती हैं। गोरखपुर रूट पर बाराबंकी, अयोध्या, बस्ती, गोंडा, देवरिया जैसे प्रमुख जिले आते हैं। इन रूट पर प्रतिदिन हजारों लोग ट्रेन से सफर करते हैं। सबसे ज्यादा दिल्ली-मुंबई से लोग आते हैं। निर्माण कार्यों की वजह से पांच मई तक इस रूट पर बड़ा ब्लॉक लिया गया है। इसकी वजह से बड़ी संख्या में ट्रेनें कैंसिल की गईं हैं। साथ ही कई ट्रेनों का रूट बदला गया है।
दूसरे राज्यों से आने वाले यात्री आसानी से लखनऊ तो पहुंच जाएंगे, लेकिन यहां से गोरखपुर रूट पर ट्रेन का विकल्प नहीं बच रहा है। ऐसे में रोडवेज बसों का ही आसरा है। हालांकि इस रूट से बिहार की भी कई ट्रेनें हैं, लेकिन उसके लिए दूसरे रूट भी हैं। ऐसे में इन रूटों से यात्री आवाजाही कर सकेंगे, लेकिन यूपी के अंदर के करीब आधा दर्जन प्रमुख जिले हैं, जहां पर बसों का ही विकल्प होगा। लखनऊ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने बताया कि 50 अतिरिक्त बसें चलाई जाएगी।
इंडिगो ने अलर्ट किया
देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस इंडिगो दिल्ली एयरपोर्ट पर कंजेशन के बारे में यात्रियों को पिछले एक सप्ताह में कई बार जानकारी दे चुकी है। एक अन्य पोस्ट में उसकी ओर से कहा गया है कि 15 तारीख से मेंटेनेंस की वजह से उनके ऑपरेशनंस टी 2 की जगह टी1 से होंगे।
एआई 2477 दिल्ली लखनऊ फ्लाइट को सुबह 5:00 बजे आना था यह 6:15 उतरी। एआई 2499 को सुबह 8:50 बजे आना था जो कि 10:30 बजे आई। इसी तरह 6ई 2147 अपने तय समय 8:45 की जगह 9:30 बजे उतरी। श्रीनगर की फ्लाइट 6ई 6945 लखनऊ से 20 मिनट लेट हुई।
ट्रेनों में दोनों तरफ लगेंगे दो-दो जनरल कोच
ट्रेन में जनरल कोच के लिए यात्रियों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। यात्रियों को अनुमान नहीं रहता है कि जनरल कोच पीछे होगा या आगे। इसकी वजह से कई बार यात्रियों को काफी दौड़ लगानी पड़ती है। इसको देखते हुए रेलवे बोर्ड ने एक बार फिर से निर्देश दिया है कि ट्रेन के दोनों ओर जनरल कोच लगाए जाएं। हालांकि पहले यह व्यवस्था थी। एलएचबी कोच आने के बाद इसमें बदलाव कर दिया गया था। अब एक बार फिर इसको पुराने तरीके से किये जाने का निर्देश दिया गया है। अब ट्रेनों में आगे और पीछे दोनों तरफ दो-दो जनरल कोच लगाए जाएंगे। अभी एक ही तरफ चार कोच लगाए जा रहे हैं।
नई व्यवस्था लागू होने के बाद जनरल कोच के यात्री आगे या पीछे किसी भी तरफ से ट्रेन में सवार हो सकेंगे। इस संबंध में रेलवे बोर्ड की ओर से निर्देश जारी किया गया है। बोर्ड ने पत्र जारी कर सभी क्षेत्रीय रेलवे से नई व्यवस्था को लागू कर 30 अप्रैल तक रिपोर्ट देने को कहा है। रेलवे बोर्ड से पत्र जारी होने के साथ ही पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन तैयारियों में जुट गया है। जानकारी के अनुसार एक सप्ताह के भीतर सभी एचएलबी रेक की ट्रेनों में जनरल कोच की संरचना बदल दी जाएगी। पूर्वोत्तर रेलवे में 2012 में एलएचबी रेक लगाना शुरू किया था।
रनवे की मरम्मत से लेट हो रहे विमान
लखनऊ के साथ दिल्ली एयरपोर्ट पर भी रनवे की देखरेख का कार्य शुरू हो गया है। ऐसे में फ्लाइटों पर जबरदस्त असर पड़ा है। रोजाना लखनऊ आने वाली सात से लेकर 15 फ्लाइटें तक लेट हो रही हैं। शनिवार को भी 10 के करीब फ्लाइटें लेट हुई हैं।
सूत्रों के अनुसर दिल्ली एयरपोर्ट ने रनवे पर परिचालन रोक कर कार्य करने के लिए अलग-अलग नोटम, यानी नोटिस टू एयरमैन लिया है। नोटम एयरलाइंस ऑपरेटरों के लिए जारी किया जाता है ताकि वे अपनी उड़ानों की समय सारिणी उसी आधार पर कर लें। वैसे दिल्ली में चार रनवे हैं लेकिन फ्लाइटों की संख्या भी काफी ज्यादा है। यह कार्य 25 जून तक चलेगा।
इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम से अपग्रेड हो रहा एक छोर
एविएशन सूत्रों के अनुसार रनवे पर हवा के बाहव के आधार पर दो सिरों से फ्लाइटों का संचालन होता है। पछुआ और पुरवा का आधार होता है। जैसे लखनऊ में रनवे सिर्फ एक है लेकिन इसके दो सिरे मौसम के आधार पर उपयोग में आते हैं। रनवे 27 पछुआ के दौरान ज्यादातर संचालित रहता है। इसमें कोहरे में विमान उतारने के लिए कैट-3 बी लगा है लेकिन पुरवा वाले छोर रनवे 09 पर नहीं है। दिल्ली में चार रनवे हैं। इनमें से एक 28-10 के 28 वाले छोर पर आईएलएस है लेकिन 10 की ओर नहीं।