What will happen to reservation after privatization of power companies in UP Energy Minister AK Sharma told यूपी में बिजली कंपनियों के निजीकरण के बाद आरक्षण व्यवस्था का क्या होगा? उर्जा मंत्री एके शर्मा ने सदन में बताया, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़What will happen to reservation after privatization of power companies in UP Energy Minister AK Sharma told

यूपी में बिजली कंपनियों के निजीकरण के बाद आरक्षण व्यवस्था का क्या होगा? उर्जा मंत्री एके शर्मा ने सदन में बताया

यूपी में बिजली कंपनियों के निजीकरण के बाद दलितों, पिछड़ों को मिलने वाले आरक्षण का क्या होगा। यह सवाल सोमवार को विधान परिषद में उठा। इस पर उर्जा मंत्री एके शर्मा ने जवाब दिया।

Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, लखनऊ, प्रमुख संवाददाताMon, 24 Feb 2025 08:12 PM
share Share
Follow Us on
यूपी में बिजली कंपनियों के निजीकरण के बाद आरक्षण व्यवस्था का क्या होगा? उर्जा मंत्री एके शर्मा ने सदन में बताया

यूपी में बिजली कंपनियों के निजीकरण की तैयारी चल रही है। ऐसे में अभी तक दिए जा रहे आरक्षण को लेकर सोमवार को विधान परिषद में सवाल उठाया गया। सरकार की तरफ से आश्वासन दिया है कि दो विद्युत वितरण कंपनियों के निजीकरण के बाद भी आरक्षण व्यवस्था का पालन किया जाएगा। सपा के आशुतोष सिन्हा ने ऊर्जा विभाग के निजीकरण का मामला उठाते हुए पूछा कि क्या सरकार बिजली निगमों को बेचने जा रही है।

इसके जवाब में ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा ने कहा कि प्रदेश के दो विद्युत वितरण निगमों जिसमें पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम में निजीकरण सहित व्यापक रिफार्म करने का सैद्धांतिक निर्णय किया है। जिन निगमों की स्थिति अच्छी है, उनके निजीकरण की कोई योजना नहीं है। इसमें विद्युत कर्मियों का हित पूरी तरह सुरक्षित रखा जाएगा अर्थात संविदा और आउटसोर्स कर्मियों को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

ये भी पढ़ें:यूपी के इस शहर में बनेगा देश का पहला एआई-रेडी डेटा सेंटर, जून से पहला चरण शुरू

इस पर पूरक प्रश्न करते हुए आशुतोष सिन्हा ने कहा कि केवल एक शहर आगरा के निजीकरण से पावर कारपोरेशन को प्रतिवर्ष सैकड़ों करोड़ का घाटा हो रहा है। टॉरेन्ट से महंगी दरों पर बिजली खरीदकर सरकार जनता की गाढ़ी कमाई को बर्बाद कर रही है। इस पर ऊर्जा मंत्री ने कहा कि जब बिजली की स्थिति अच्छी होती है, इंवेस्टमेनट आता है और प्रदेश का चतुर्दिक विकास होता है। जहां तक निजीकरण का सवाल है तो टॉरेन्ट के निजीकरण की प्रक्रिया 2010 में हुई थी तब भाजपा की सरकार नहीं थी। आरक्षण नियमों के पालन के प्रति हमारी सरकार और पार्टी दोनों प्रतिबद्ध है। सरकार आरक्षण की सभी नीतियों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।

ये भी पढ़ें:गिद्धों को लाश, सुअरों को गंदगी, महाकुंभ में जिसने जो तलाशा उसको वो मिलाः योगी

गौरतलब है कि निजीकरण की भनक लगने के बाद से ही यूपी में बिजली कर्मचारी आंदोलित हैं। लगातार धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। यूपी के बिजली कर्मचारियों के समर्थन में चंडीगढ़, पंजाब समेत कई प्रदेशों के बिजली इंजीनियर सामने आए हैं। निजीकरण होते ही अनिश्चितकालीन हड़ताल पर भी जाने की धमकी दी गई है। ऐस में सरकार भी अपनी तरफ से तैयारियां कर रही है। दूसरे विभागों के इंजीनियरों को तैयार रहने के लिए कहा गया है।