young man became distraught after having sex with a car girl reached hospital with crying referred to medical college कॉर्ल गर्ल के साथ संबंध बनाने के बाद बदहवास हुआ युवक, रोते हुए पहुंचा अस्पताल, मेडिकल कॉलेज रेफर, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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कॉर्ल गर्ल के साथ संबंध बनाने के बाद बदहवास हुआ युवक, रोते हुए पहुंचा अस्पताल, मेडिकल कॉलेज रेफर

यूपी के बुलंदशहर में कॉल गर्ल से संबंध बनाना एक युवक को बहुत भारी पड़ गया। संबंध बनाने के बाद कॉल गर्ल ने ऐसी बात बोल दी कि वह बदहवास सा हो गया। रोते हुए जिला अस्पताल पहुंचा। वहां से मेडिकल कॉलेज जाने की सलाह दे दी गई।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तान, बुलंदशहर, संवाददाताWed, 23 April 2025 09:21 PM
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कॉर्ल गर्ल के साथ संबंध बनाने के बाद बदहवास हुआ युवक, रोते हुए पहुंचा अस्पताल, मेडिकल कॉलेज रेफर

यूपी के बुलंदशहर में कॉल गर्ल के साथ संबंध बनाने के बाद एक 26 वर्षीय युवक की हालत उस समय बिगड़ गई जब पता चला कि युवती एचआईवी संक्रमित है। बदहवास हालत में वह रोते हुए जिला अस्पताल पहुंचा। यहां डॉक्टरों को बताया कि उससे बहुत बड़ी गलती हो गई है। उसने बिना किसी उपाय ही एचआईवी संक्रमित कॉल गर्ल से संबंध बना लिया है। डॉक्टरों से अपना इलाज करने की गुहार लगाई। इस पर डॉक्टरों ने उसे बेहतर इलाज के लिए मेरठ मेडिकल कॉलेज जाने की सलाह दे दी। यहां के डॉक्टरों ने बताया कि बिना जांच इस मामले में कोई दवा नहीं दी जा सकती है। जांच भी केवल मेडिकल कॉलेज के एआरटी सेंटर में ही होती है।

जिला अस्पताल की ओपीडी में पहुंचे 26 वर्षीय युवक ने बताया कि सदर तहसील क्षेत्र के एक गांव में रहता है। कुडवल के पास उसे एक कॉल गर्ल मिली। उससे दो हजार रुपये में शारीरिक संबंध बनाने की बात तय हुई। इसके बाद युवती को लेकर युवक कुडवल के पास ही एक होटल पहुंचा। यहां बिना किसी उपाय ही उसने युवती के साथ संबंध बनाया। जब बिना किसी उपाय संबंध बनाने की जानकारी युवती को हुई तो उसने भी नाराजगी जताई। उसने खुद के एचआईवी संक्रमित यानी एड्स से पीड़ित होने की जानकारी दी।

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एड्स की बात सुनते ही युवक बदहवास सा हो गया। वहां से रोते हुए जिला अस्पताल की ओपीडी में पहुंचा। वहां रोते हुए ही आपबीती सुनाई। डॉक्टर और स्टाफ ने उसे चुप कराते हुए तुरंत मेरठ के मेडिकल कालेज स्थित एआरटी (एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी) सेंटर जाने की सलाह दी। जहां एचआईवी/एड्स से पीड़ित लोगों के लिए बेहतर इलाज की व्यवस्था है। बताया कि वहां पर एचआइवी नियंत्रित करने के लिए जांच के साथ तुरंत दवा दी जाती है।

एआरटी सेंटर के स्टाफ ने बताया कि बिना जांच दवा नहीं दी जा सकती। जांच रिपोर्ट या मेरठ मेडिकल कॉलेज के एआरटी सेंटर की वरिष्ठ चिकित्सक गरिमा पांडेय की अनुमति के बाद ही इलाज होता है। सीएमएस डा. प्रदीप राणा ने बताया कि युवक मेरे पास तक नहीं पहुंचा है। ओपीडी में आया होगा।