गढ़वाल विवि में वर्ष 2026 से शुरू होगा एक वर्षीय पीजी पाठ्यक्रम
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अंतर्गत 2026-27 में एक वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। विश्वविद्यालय के 80 प्रतिशत विभागों में...

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत 2026-27 में एक वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम लागू किया जायेगा। गढ़वाल विवि के 80 प्रतिशत विभागों में स्नातक स्तर के चार वर्षीय पाठ्यक्रम एनईपी के तहत लागू हो चुके हैं। शिक्षासत्र 2025-26 से गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में दो वर्षीय पीजी में एनईपी का पाठ्यक्रम ही लागू होगा। एनईपी के तहत चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम को लेकर गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय का पहला बैच जून 2026 में पासआउट होगा। गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के एनईपी प्रकोष्ठ के कोआर्डिनेटर प्रो. प्रशांत कंडारी ने बताया कि विश्वविद्यालय में एनईपी के तहत केवल कृषि, विधि और फार्मेसी के स्नातक पाठ्यक्रम एनईपी के तहत अभी लागू नहीं हो पाए हैं।
इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च द्वारा कृषि से सम्बन्धित, बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा विधि से सम्बन्धित, फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया द्वारा फार्मेसी से सम्बन्धित पाठ्यक्रम बनाया जाता है। इनके द्वारा एनईपी के तहत सम्बन्धित पाठ्यक्रम बना देने पर उसे भी विश्वविद्यालय में लागू कर दिया जाएगा। एनईपी के तहत स्नातक स्तर पर चार वर्षीय पाठ्यक्रम में प्रथम वर्ष में उत्तीर्ण होकर पढ़ाई छोड़ने वाले छात्र को सर्टिफिकेट प्राप्त होगा,जबकि दूसरे वर्ष उत्तीर्ण होने पर पढ़ाई छोड़ने वाले छात्र को डिप्लोमा प्राप्त होगा। एनईपी के समन्वयक प्रो. प्रशांत कंडारी ने कहा कि ऐसे छात्रों को चार क्रेडिट का कौशल पाठ्यक्रम भी करना होगा, जो समर वैकेशन में होगा। एनईपी के स्नातक चार वर्षीय पाठ्यक्रम को तीसरे वर्ष में उत्तीर्ण होने पर छोड़ने वाले छात्र को स्नातक सामान्य की डिग्री मिलेगी। चार साल का कोर्स पूरा करने वाले छात्र को स्नातक की आनर्स डिग्री मिलेगी।
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