500 पेज की चार्जशीट-97 गवाह, स्पेशल सर्विस के नाम पर मर्डर-पुलकित आर्य समेत 3 को उम्रकैद, अंकिता भंडारी की पूरी इनसाइड
तीनों को अंकिता भंडारी की हत्या, साक्ष्य मिटाने और अनैतिक देह व्यापार का दबाव बनाने का दोषी ठहराने के साथ ही मुख्य आरोपी पुलकित को छेड़छाड़ का भी दोषी करार दिया। इसके बाद सजा पर बहस शुरू हुई।

उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड के पुलकित आर्य समेत तीनों दोषी ताउम्र जेल में रहेंगे। इस हाई-प्रोफाइल मामले में दो साल, आठ महीने और 12 दिन बाद कोर्ट का फैसला आया। पुलिस की ओर से इस मामले में 500 पेज की चार्जशीट और 97 गवाह पेश किए गए। अंकिता का स्पेशल सर्विस के नाम पर मर्डर हुआ था।
शुक्रवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायालय कोटद्वार की जज रीना नेगी ने पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। कोटद्वार में शुक्रवार सुबह कोर्ट खुलने से पहले ही पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। कोर्ट परिसर तक लोगों के प्रवेश पर पाबंदी थी। दस बजते ही गहमा-गहमी शुरू हुई और कुछ देर बाद ही तीनों मुलजिमों को कोर्ट के कठघरे में खड़ा किया गया।
इसके बाद जज ने तीनों को अंकिता भंडारी की हत्या, साक्ष्य मिटाने और अनैतिक देह व्यापार का दबाव बनाने का दोषी ठहराने के साथ ही मुख्य आरोपी पुलकित को छेड़छाड़ का भी दोषी करार दिया। इसके बाद सजा पर बहस शुरू हुई। हत्याकांड को अत्यंत गंभीर प्रकृति का अपराध मानते हुए तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ अर्थदंड लगाया गया। इसके बाद तीनों को कोर्ट से सजा वारंट पर जेल भेजा गया।
इन धाराओं में सुनाई गई सजा
पुलकित आर्य निवासी स्वदेशी भवन आर्यनगर ज्वालापुर हरिद्वार को धारा 302 (हत्या) के तहत कठोर आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये अर्थदंड, धारा 201 (साक्ष्य मिटाना) के तहत पांच वर्ष का कठोर कारावास और दस हजार रुपये का अर्थदंड, धारा 354-क (छेड़छाड़) के तहत पांच वर्ष का कठोर कारावास और दस हजार रुपये का अर्थदंड, धारा 5(1)(घ) अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत पांच वर्ष का कठोर कारावास और दो हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया। यह सभी सजाएं एक साथ चलेंगी।
2022 से जेल में बंद थे तीनों
तीनों दोषी मुकदमा दर्ज होने के बाद 22 सितंबर 2022 को गिरफ्तार किए गए। इसके बाद जिला कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक उनकी जमानत अर्जियां दाखिल हुईं, लेकिन कहीं से भी जेल से बाहर आने की अनुमति नहीं मिली।
एसआईटी ने दाखिल की थी 500 पेज की चार्जशीट
इस मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जांच की और 500 पेज की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की, जिसमें 97 गवाह शामिल किए गए। यह मामला ट्रायल पर आया और 47 गवाहों ने कोर्ट में गवाही दी। दस्तावेजी साक्ष्य, मोबाइल लोकेशन का रिकॉर्ड भी तीनों को सजा दिलाने में अहम साबित हुआ।
यह था पूरा मामला
18 सितंबर 2022 को पौड़ी के यमकेश्वर ब्लॉक स्थित वनंतरा रिसॉर्ट की रिसेप्शनिस्ट 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की हत्या हुई थी। इस रिसॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अंकिता पर ‘वीआईपी’ अतिथियों को ‘स्पेशल सर्विस’ देने का दबाव डाला था। अंकिता के इनकार करने पर पुलकित अपने दो कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ उसे ऋषिकेश की चीला शक्ति नहर ले गया और कुनाउ पुल से नहर में धक्का दे दिया। हफ्तेभर बाद 24 सितंबर 2022 को अंकिता का शव मिला। पोस्टमॉर्टम में डूबने को मृत्यु का कारण बताया गया। शरीर पर चोट के निशान भी पाए गए।
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