दून पुस्तकालय में दिखाई तीन वृतचित्र फिल्में
दून पुस्तकालय व शोध केंद्र में वृत्तचित्र फिल्मों का कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसमें 'बिन सवल्यांच्या गावत', 'दिल की बस्ती', और 'कोई चांद भी नहीं' फिल्में प्रदर्शित की गईं। ये फिल्में शहर निर्माण, पुरानी...

दून पुस्तकालय व शोध केंद्र के सभागार में मंगलवार शाम वृत्तचित्र फिल्मों की एक शाम कार्यक्रम के तहत तीन बस्तियों की फिल्में प्रदर्शित की गई। पहली फिल्म बिन सवल्यांच्या गावत थी। इसका निर्देशन निर्देशक गौरी पटवर्धन ने किया है। दूसरी प्रदर्शित फिल्म दिल की बस्ती में थी। इसके निर्देशक अनवर जमाल हैं। तीसरी फिल्म कोई चांद भी नहीं थी, इसका निर्देशन अजय टीजी ने किया है। बिन सवल्यांच्या गावत फिल्म में दिखाया गया है कि कोई एक शहर किस तरह बनता है और शहर बनते समय क्या याद रखा जाता है व क्या भुला दिया जाता है। दिल की बस्ती फिल्म में पुरानी दिल्ली पर आधारित है।
कोई चांद भी नहीं फिल्म छत्तीसगढ़ में पर्यावरण और मानवाधिकारों की गहन उपेक्षा को दर्शाती है। इस दौरान दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के प्रोग्राम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी, हिमांशु आहूजा, विजय भट्ट, कर्नल वीके दुग्गल, डॉ योगेंद्र सिंह, बद्रीश छाबड़ा, डीके कांडपाल, इरा चौहान, बिजू नेगी, प्रो सुनील कुमार सक्सेना, कुलभूषण आदि मौजूद रहे।
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