बोले देहरादून : बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने पर सवाल ही सवाल
देहरादून में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, लेकिन लोग बिना पूछे मीटर बदलने का विरोध कर रहे हैं। वाणी विहार के उपभोक्ता शिकायत कर रहे हैं कि बिजली विभाग के कर्मचारी बिना अनुमति नए मीटर लगा रहे हैं।...

देहरादून में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, लेकिन अभी भी उत्तराखंड का काफी हिस्सा इससे वंचित है। ऊर्जा निगम के दफ्तर, सरकारी आवास और अधिकारियों के घरों समेत कुछ जगह ही स्मार्ट मीटर लगे हैं। कुछ क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी का अभाव या कमजोर होने की वजह से स्मार्ट मीटर नहीं लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा कई इलाकों में अभी स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध जोर पकड़ने लगा है। वाणी विहार क्षेत्र के उपभोक्ताओं की शिकायत है कि कर्मचारी बिना पूछे पुराने मीटर तोड़ दे रहे हैं। शिकायत करने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
कुमुद नौटियाल की रिपोर्ट... राजधानी देहरादून में 21 अगस्त 2024 को प्रदेश का पहला स्मार्ट मीटर लगाया गया था। गढ़वाल मंडल में काम कर रही जीनस कंपनी के अधिकारियों समेत यूपीसीएल के अधिकारियों ने मिल कर जीएमएस रोड के पास हरिपुरम गेट पर लगे ट्रांसफार्मर में पहला स्मार्ट मीटर लगाया। लेकिन, इसे लेकर विरोध भी हो रहा है। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान के अभियान ‘बोले देहरादून के तहत 51 नंबर वार्ड वाणी विहार के लोगों से बातचीत की गई। लोगों ने ‘हिन्दुस्तान की टीम को बताया कि इन दिनों उनके यहां स्मार्ट मीटर लगाने का काम चल रहा है। लेकिन, शासन-प्रशासन की ओर से न तो यहां की जनता को स्मार्ट मीटर के बारे में जानकारी दी गई और न ही कोई सुझाव मांगा गया। उन्होंने आरोप लगाया कि बिजली के निजीकरण के नाम पर जनता को लूटने का काम किया जा रहा है। गरीब जनता का तो हर तरफ से नुकसान ही हो रहा है। देहरादून में लोगों से पूछे बिना ही बिजली के पुराने मीटर तोड़ दिए जा रहे हैं। दरअसल, उत्तराखंड के 15,84,205 घरों में 2025 तक स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाने हैं। प्रदेश के 38,016 ट्रांसफार्मर और 33 केवी के 379 और 11 केवी के 1254 फीडरों पर स्मार्ट मीटर लगेंगे। यूपीसीएल की इस योजना के तहत प्रदेश में सभी घरों में लगे बिजली के स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। पोस्ट पेड मीटर को प्री-पेड मोड पर लाने की तैयारी पूरे प्रदेश में शुरू हो चुकी है। जानकारी के अनुसार, उपभोक्ता जिस तरह मोबाइल रिचार्ज करते हैं, ठीक उसी तरह अब अपने घरों पर लगे स्मार्ट बिजली मीटर को भी रिचार्ज कर पाएंगे। हालांकि, स्मार्ट मीटर को लेकर देहरादून में विरोध भी देखने को मिल रहा है। वाणी विहार के लोगों का कहना है कि हम लंबे समय से इसकी शिकायत कर रहे हैं, लेकिन हमारी शिकायतों का संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। ऊर्जा निगम को हमारी समस्या का समाधान करना चाहिए। पूछे बिना ही लगाए जा रहे हैं स्मार्ट मीटर, अफसर नहीं ले रहे संज्ञान क्षेत्रवासियों का कहना है कि कर्मचारी बिना मीटर के मालिको पूछे नए मीटर लगा रहे हैं। जबकि नियम के अनुसार जो मीटर नहीं लगाना चाहता है वह मना कर सकता है। इसके बाद भी कर्मचारी बिना लोगों को बताए बिना लोगों से पूछे उनका पुराना मीटर बदल रहा है। लोग घरों में अंदर होने के बाद भी कर्मचारी स्मार्ट मीटर लगाकर उसकी पर्च पड़ोसियो को थमा कर चले जाते है। लोगों का कहना है कि यहां पर पुरानी पेयजल लाइन से घरों में पर्याप्त पानी आता है। पानी दो मंजिल तक आराम से चढ़ जाता है। इसके बाद भी यहां पर नई पेयजल लाइन बिछाई जा रही है। जो नई पेयजल लाइन बिछाई जा रही है वह सारे मानकों को पूरा नहीं कर रही है। जहां पाइप के लिए गड्ढा एक मीटर गहरा होना चाहिए वहां पर कम गहरा गड्ढा खोदकर काम कर रहे हैं। संबंधित विभाग को इसका संज्ञान लेकर तत्काल प्रभाव काम रुकवाकर मानकों के अनुसार कार्य करवाना चाहिए। पानी पूरा आ रहा, फिर क्यों बिछाई जा रही है नई लाइन? लोगों का कहना है कि पहले भी दो बार मीटर बदले जा चुके हैं। अब यह तीसरी बार स्मार्ट मीटर लग रहे हैं। विभाग की ओर से हमें यह जानकारी दी जानी चाहिए की पुराने मीटरों में क्या खराबी है जो नए मीटर लग रहे हैं। साथ ही लोगों ने जो मीटर लगते वक्त सिक्योरिटी के नाम पर जो पैसे जमा किए थे उसका क्या हुआ। अब जो स्मार्ट मीटर लग रहे हैं उसकी क्या प्रकिया होगी और वह कैसे काम करेगा? स्मार्ट मीटर लगाने के लाभ 1. बिजली उपभोग का सही ज्ञान और जानना होगा आसान 2. बिजली खपत की सारी जानकारी मोबाइल ऐप पर मिल जाएगी 3. विभिन्न डिजिटल माध्यमों से मीटर में धनराशि का टॉप-अप होगा। 4. स्मार्ट मीटर का सच, जितनी जरूरत उतना खर्च 5. बिलिंग संबंधी शिकायतों में कमी, उपभोक्ता होंगे संतुष्ट 6. स्मार्ट मीटर से स्वचलित मीटर रीडिंग 7. प्रत्येक माह नियत तिथि को सही रीडिंग का बिल 8. ऑनलाइन रिचार्ज की सुविधा 9. बिजली खपत की रियल टाइम योजना 10. सही रीडिंग और सटीक बिलिंग 11. बैलेंस कम होने पर अलर्ट 12. विद्युत बिलिंग पर बेहतर नियंत्रण (अफसरों के अनुसार, स्मार्ट मीटर बिजली का ऐसा आधुनिक उपकरण है, जिसका कंट्रोल उपभोक्ता के हाथ में है। इससे उपभोक्ताओं को पल-पल की बिजली के उपयोग की जानकारी, सारी जरूरी सूचनाओं के संदेश, बिजली के उपयोग की तुलना समेत आसान पेमेंट्स के कई विलल्प मिलते हैं।) ‘अधिक बिल आने का डर दिखाकर लगा रहे हैं मीटर यह देखा जा रहा है कि स्मार्ट मीटर लगाने के दौरान बिजली विभाग के कुछ कर्मचारी लोगों पर दबाव बना रहे हैं। स्थानीय निवासियों ने बताया कि जब वे स्मार्ट मीटर लगाने का विरोध करते हैं, तो कर्मचारी उन्हें डराते हैं कि यदि मीटर नहीं लगवाया तो उनका बिल 30 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा। लोगों को यह भी कहा जा रहा है कि स्मार्ट मीटर आज नहीं तो कल लगाना ही पड़ेगा, इसलिए अभी लगवा लें वरना नुकसान होगा। इस डर के कारण कई लोग मजबूरी में मीटर लगवाने को तैयार हो रहे हैं। नागरिकों का कहना है कि यह तरीका गलत है और उपभोक्ताओं की सहमति के बिना इस तरह दबाव बनाना उचित नहीं है। लोगों ने मांग की है कि इस मामले में जांच होनी चाहिए और बिना डर फैलाए पारदर्शिता के साथ कार्य होना चाहिए। उपभोक्ताओं का कहना है कि उनकी अनुमति के बिना बिजली के मीटर नहीं लगाए जाने चाहिए। सुझाव 1. क्षेत्रवासियों को स्मार्ट मीटर की जानकारी दी जानी चाहिए। 2. पहले के मीटर में क्या परेशानी है इसकी जानकारी उपभोक्ताओं को दी जानी चाहिए। 3. पेयजल लाइन बिछाने की क्षेत्र में आवश्यकता नहीं है। विभाग नई पेयजल लाइन के लाभ बताए। 4. नगर निगम की ओर से कचरे की गाड़ी नियमित आनी चाहिए। 5. स्मार्ट मीटर लगाने से पहले लोगों को पूरी जानकारी दी जानी चाहिए। उपभोक्ताओं की संतुष्टि के बाद ही मीटर लगाए जाएं। शिकायत 1. स्मार्ट मीटर लगाने से पहले लोगों से नहीं पूछा जा रहा है। 2. स्मार्ट मीटर लगाने के लिए पुराने मीटरों को तोड़ा जा रहा है। 3. पर्याप्त पानी होने के बाद भी नई पेयजल लाइन बिछाई जा रही है। 4. कचरे की गाड़ी भी नियमित नहीं आती है। इससे लोगों को घरों का कूड़ा डालने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 5. उपभोक्ताओं को डरा धमका कर स्मार्ट मीटर लगाने को मजबूर कर रहे हैं कर्मचारी। इसका संज्ञान लिया जाना चाहिए। स्मार्ट मीटर और बिजली बिल की खामियां जल्द दूर होंगी स्मार्ट मीटर और बिजली बिल से जुड़ी खामियां दूर की जाएंगी। स्मार्ट मीटर का आम जनता को बड़ा लाभ मिलेगा। इससे बिलिंग की तमाम खामियां भी दूर होंगी। ऊर्जा निगम स्मार्ट मीटर को लेकर उपभोक्ताओं को जागरूक भी कर रहा है, ताकि कहीं किसी का कोई संशय है तो उसे दूर किया जा सके। साथ ही स्मार्ट मीटर लगाने के लिए जो पुराने मीटर हटाए भी जा रहे हैं, उनका भी इस्तेमाल किया जाएगा। स्मार्ट मीटर को लेकर लोगों को जागरूकता दिखानी चाहिए। -मदनराम आर्य, निदेशक ऑपरेशन, ऊर्जा निगम बोले लोग- हमें स्मार्ट मीटर के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। कर्मचारी भी सीधा आ रहे हैं और पुराने मीटर को तोड़कर नए मीटर लगा रहे हैं। कर्मचारियों की ओर से हमें इसकी पूरी जानकारी दी जानी चाहिए। -मीना स्मार्ट मीटर लगने से पहले लोगों से पूछा जाना चाहिए। इसके बाद ही जो लोग चाहते हैं केवल उनके ही स्मार्ट मीटर लगने चाहिए। किसी पर मीटर लगाने के लिए जोर नहीं दिया जाना चाहिए । - किरन पुराने मीटर को तोड़कर नए मीटर लगाए जा रहे हैं। इससे लोगों के पास नए मीटर लगाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं रहेगा। मजबूरन लोगों को मीटर नया लगवाना ही पड़ेगा - सरोजनी मीटर लगने के बाद बताया जा रहा है कि तीन गुना बिल आएगा। हम लोग मध्यवर्गीय परिवार से आते हैं। इतना भारी-भरकम बिल कैसे देंगे। अभी भी बिल देने में कई दिक्कतें आती। -उषा तिवारी मीटर की कीमत सात हजार से ऊपर है। इतनी महंगी बिजली और मीटर जबदस्ती हमारे ऊपर थोपा जा रहा है। लोगों की सहमति के बाद भी घरों में नए मीटर लगाए जाने चाहिए। - कांता स्मार्ट मीटर खराब नहीं है,लेकिन कम से कम हम लोगों को उसके बारे में बताया जाना चाहिए। जब तक हमें जानकारी नहीं होगी हम तब तक कैसे मान लें कि यह हमारे फायदे के लिए ही है। -सोमाला बताया गया है कि स्मार्ट मीटर प्रीपेड होंगे यहां पर ज्यादातर गरीब लोग रहते हैं। वह कहां से पहले ही इतने पैसे देंगे। पैसे जमा नहीं किया तो बिजली नहीं रहेंगी हम लोग क्या करेंगे फिर? -कुसुम नौडियाल पहले भी दो बार मीटर बदले जा चुके हैं और हम लोगों से सिक्योरिटी के नाम पर जो पैसे लिए गए हैं उनके बारे में भी हम लोगों को जानकारी दी जाए। अभी लोग कुछ समझ ही नहीं पा रहे हैं। -कुशल सिंह नेगी यहां हर कोई स्मार्ट मीटर का रिचार्ज नहीं कर सकता है। सबसे पहले स्मार्ट मीटर पॉश इलाको में लगवाए जाने चाहिए। इस क्षेत्र में तो बाद में भी लग जाएंगे। - देवेंद्र प्रसाद यहां पानी की कोई समस्या नहीं है। इसके बाद भी यहां पर नई पेयजल लाइन बिछाई जा रही है। यह तो जनता के पैसों की बर्बादी है, ऐसा नहीं होना चाहिए। -नागेंद्र जोशी इस क्षेत्र में पानी की कोई समस्या नहीं है, इसके बावजूद यहां नई पेयजल लाइन बिछाई जा रही है। पेयजल लाइन उन क्षेत्रों में बिछाई जाए यहां सही में पेयजल संकट है। -जानकी देवी क्षेत्र में कचरे की गाड़ी कूड़ा लेने नियमित नहीं आती है। इससे कई दिनों तक कचरा घरों में ही रहता है। कर्मचारियों को रोज कचरा लेने आना चाहिए। -आनंद सिंह रावत कचरे के पैसे लेने तो गाड़ी नियमित आती है। फिर कचरा लेने क्यों नहीं आती है। हम तो महीने के हिसाब से पैसे देते हैं, लेकिन गाड़ी पूरे महीने नहीं आती है। - माधवानंद उनियाल कई लोगों ने घरों के बाहर मीटर के पास रहकर मीटर लगने से बचाए है। नहीं तो कर्मी मीटर तोड़कर नए लगा देते हैं। हम परेशान हो गए हैं। -नरेंद्र प्रसाद जुयाल नई पेयजल लाइन मानको के हिसाब से नहीं बिछाई गई है। लोग पेयजल लाइन से कनेक्शन लेने को बिल्कुल तैयार नहीं है। इस पर ध्यान दें। -भगवंत सिंह पयाल पुराने मीटर को बिना तोड़े हटा सकते थे, वह कहीं और काम आ सकते थे। पहले पुराने मीटर तोड़ देते हैं ताकि लोग नए मीटर लगवाने के लिए मजबूर हो जाएं। - मोहन लाल डबराल
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