जनऔषधि केंद्र 24 घंटे नहीं खोला तो अनुबंध होगा समाप्त
हल्द्वानी के डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल में जन औषधि केंद्र को 24 घंटे संचालित करने के नियम का पालन नहीं किया गया। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने बीपीपीआई को नोटिस जारी किया है कि अनुबंध को आगे बढ़ाना...

हल्द्वानी। डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल परिसर में विभिन्न शर्तों के साथ खोला गया जन औषधि केन्द्र मानकों को पूरा नहीं कर रहा है। मामले को आपके प्रिय अखबार ‘हिन्दुस्तान ने 17 जून के अंक में प्रमुखता से उठाया है। मंगलवार को कॉलेज प्रबंधन ने मामले का संज्ञान लेते हुए ब्यूरो ऑफ फार्मा पीएसयू ऑफ इंडिया (बीपीपीआई) को नोटिस जारी कर नियमों को लागू नहीं करने पर अनुबंध समाप्त करने की चेतावनी दी है। मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित डॉ. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल के अंदर मरीजों को सस्ती व अच्छी दवाएं देने के उद्देश्य से मेडिकल कॉलेज ने बीपीपीआई के साथ 19 सितंबर 2020 को अनुबंध किया था।
जिसके तहत एसटीएच परिसर में बीपीपीआई को जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए जगह उपलब्ध कराई गई। अनुबंध में तय हुआ था कि जनऔषधि केंद्र का संचालन 24 घंटे और सप्ताह में सात दिन किया जाएगा। लेकिन इसका संचालन सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक के लिए ही किया गया। पहले तो प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने कई बार जन औषधि केंद्र संचालक को नियम के तहत इसका संचालन के करने के लिए कहा, लेकिन बात नहीं मानी गई। इसके बाद में प्राचार्य ने इसकी शिकायत सिटी मजिस्ट्रेट एपी बाजपेयी से की। उन्होंने भी केंद्र संचालक को 24 घंटे जन औषधि केंद्र खोलने का आदेश दिया। उस समय केंद्र संचालक ने कहा कि स्टाफ को बढ़ाया जा रहा है, उसके बाद इसका संचालन 24 घंटे कर दिया जाएगा। लेकिन कई माह बीतने के बाद भी ऐसा नहीं हुआ। इस वजह से मरीजों को जनऔषधि केंद्र बंद होने के बाद बाहर से महंगी दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। मरीजों की समस्या को ‘हिन्दुस्तान ने मंगलवार के अंक में प्रमुखता से उठाया है। इसका संज्ञान लेते हुए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बीपीपीआई के सीईओ को नोटिस जारी किया है। जिसमें कहा है कि आपने नियमों के तहत जन औषधि केंद्र का संचालन नहीं किया है। इसलिए 18 सितंबर को आपके साथ समाप्त होने वाले अनुबंध को आगे बढ़ाना संभव नहीं होगा। सस्ती दवा उपलब्ध कराने को बनाया गया बीपीपीआई बीपीपीआई भारत सरकार के फार्मास्युटिकल्स विभाग के तहत एक संगठन है। बीपीपीआई की स्थापना एक दिसंबर 2008 को हुई थी और इसका उद्देश्य देश में जेनेरिक दवाओं के विपणन और वितरण को बढ़ावा देना है। बीपीपीआई यह सुनिश्चित करता है कि जेनेरिक दवाएं जन औषधि केंद्रों के माध्यम से उचित मूल्य पर उपलब्ध हों। अस्पताल में जन औषधि केंद्र के संचालन के लिए बीपीपीआई को जगह इसलिए दी गई की मरीजों को कम दाम पर दवाएं मिल सकें। इसका संचालन 24 घंटे होना था। लेकिन काफी प्रयास के बाद भी बात नहीं मानी गई जिसके बाद नोटिस जारी किया गया है। डॉ. अरुण जोशी, प्राचार्य, राजकीय मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी
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