नैनीताल की झीलों का पानी पीने लायक नहीं
नैनीताल की नैनीझील और आसपास की सभी झीलें तथा प्रमुख नदियों का पानी पीने के लिए सुरक्षित नहीं है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच में इनका पानी बी-ग्रेड प्रदूषित पाया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि...

संतोष जोशी, हल्द्वानी। नैनीताल की विश्व प्रसिद्ध नैनीझील समेत आसपास की सभी झीलें और प्रमुख नदियों का पानी सीधे पीने लायक नहीं है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सैंपल जांच में यहां की चार झीलों और नदियों का पानी बी-ग्रेड यानि मध्यम प्रदूषित पाया गया है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह पानी सिंचाई या औद्योगिक उपयोग के लिए उपयुक्त है, लेकिन बिना ट्रीटमेंट इसे पीना खतरे से खाली नहीं है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक जून में नैनीझील के अलावा भीमताल, नौकुचियाताल और सातताल झील के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। इसके अलावा शिप्रा, गौला, कोसी और सरयू नदी के पानी का नमूना जांच के लिए लेबोरेट्री देहरादून भेजा गया।
चारों झीलों और नदियों का पानी जांच में अशुद्ध यानि प्रदूषित पाया गया। इस सभी सैंपल का जांच में ग्रेड-बी आया है, इसे मध्यम प्रदूषित कहा जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक यह पानी सीधा पीने योग्य नहीं है। इसका उपयोग केवल सिंचाई या औद्योगिक क्षेत्र में किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि इनके पानी में रासायनिक और जैविक पदार्थ होने का अनुमान है, जिस कारण पीने से पहले इसका ट्रीटमेंट जरूरी है। प्रदूषक तत्व और ऑक्सीजन स्तर कम होने के कारण भी नदी व झीलों का पानी बी ग्रेड में चला जाता है। बी-ग्रेड में होती हैं यह कमियां बी-ग्रेड पानी में प्रदूषक तत्व जैसे कि भारी धातु, रासायनिक पदार्थ और जैविक पदार्थ होते हैं। पानी में जीवाणु और वायरस की उपस्थिति हो सकती है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। पानी में ऑक्सीजन का स्तर कम हो सकता है जो जलीय जीवन के लिए हानिकारक हो सकता है। पानी में गंदगी और तलछट की मात्रा अधिक हो सकती है। यह हैं नदियों के पानी का मानक: ए ग्रेड: बहुत साफ पानी, पीने के पानी के स्रोत के रूप में उपयुक्त। बी ग्रेड: मध्यम प्रदूषित, पीने योग्य नहीं। सिंचाई या औद्योगिक उपयोग के लिए उपयुक्त। सी ग्रेड: अधिक प्रदूषित, केवल औद्योगिक उपयोग के लिए उपयुक्त। डी ग्रेड: अत्यधिक प्रदूषित, किसी भी उपयोग के लिए उपयुक्त नहीं। कोट: हमने झीलों और नदियों के पानी के सैंपल भेजे थे, जिनकी रिपोर्ट आ गई है। सभी झील और नदी के सैंपल बी-ग्रेड यानि प्रदूषित आए हैं, जो सीधे पीने योग्य नहीं है। पर्यटकों को भी इससे बचना चाहिए। अनुराग नेगी, क्षेत्रीय अधिकारी, पीसीबी।
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