ड्रोन से होगी फसलों की निगरानी
पौड़ी। वीरचंद्र सिंह गढ़वाली औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय भरसार ने आधुनिक तकनीक के बढ़ते महत्व को देखते ड्रोन जैसी उन्नत तकनीक से शोध और कृषि को

वीरचंद्र सिंह गढ़वाली औद्यानिकी एवं वानिकी विवि भरसार ने आधुनिक तकनीक के बढ़ते महत्व को देखते ड्रोन जैसी उन्नत तकनीक से शोध और कृषि को बढ़ावा देने की दिशा में अभिनव पहल की है। योजना के तहत छात्र-छात्राओं के अलावा ग्रामीणों, किसानों, अफसरों को इसके लिए प्रशिक्षित भी किया जाएगा। विवि के कुलपति प्रो. परविंदर कौशल ने ड्रोन तकनीक से शोध और प्रसार को बढ़ावा देने की पहल की है। प्रो. कौशल के मुताबिक इस पहल का मूल उद्देश्य छात्र-छात्राओं के साथ ही हितकारकों को नवीनतम ड्रोन तकनीक का बोध कराना है। विवि में आयोजित कार्यक्रम में बताया गया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में ड्रोन के निर्माण, उसके विभिन्न भागों और तकनीक की जानकारी पर ध्यान देना है।
बताया गया कि छात्र न केवल ड्रोन उड़ाना सीखेंगे बल्कि उसके निर्माण की प्रक्रिया, उपयोग, संचार प्रणाली के बारे में भी जान सकेंगे। कहा कि ड्रोन का उपयोग फसलों की निगरानी, कीटनाशकों और उर्वरकों के सटीक छिड़काव, मिट्टी के स्वास्थ्य का आकलन और फसल के नुकसान का अनुमान लगाने में किया जा सकेगा। इस मौके पर डा. एके जोशी, तेजस भोसले, डा. केसी सिंह, डा. गार्गी, डा. दीपक, डा. आरएस चौहान, डा. पारस, डा.यशवंत आदि शामिल रहे।
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