कलश यात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा का हुआ शुभारंभ
देवप्रयाग, संवाददाता। गंगा दशहरा के पावन अवसर पर सिद्धपीठ डांडा नागराजा में भव्य गंगा कलश यात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा की शुरुआत हुई। देवप्रयाग संग

कलश यात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ हुआ देवप्रयाग, संवाददाता। गंगा दशहरा के पावन अवसर पर सिद्धपीठ डांडा नागराजा में भव्य गंगा कलश यात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। देवप्रयाग संगम पर स्नान के बाद भक्तों ने पीत वस्त्र धारण कर भव्य गंगा कलश यात्रा शुरू की। मंगल कलश यात्रा भागीरथी अलकनंदा संगम से रघुनाथ मंदिर, आदि विश्वेशर महादेव से तीर्थनगरी देवप्रयाग की परिक्रमा करते बैंजण गांव होकर डांडा नागराजा मंदिर पहुंची। ढोल-दमाऊं के साथ गंगा मैया के जयकारों से यहां गंगा तट गूंज उठा। कथा व्यास नृसिंहपीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा मनुष्य को जीवन का सही उद्देश्य व दिशा प्रदान करती है।
जहां भी भागवत कथा होती है वहां दुष्ट प्रवृत्तियां समाप्त होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। कथा से जन्म-जन्मांतर के विकार नष्ट होकर आध्यात्मिक उन्नति होती है। श्री डांडा नागराजा धर्म क्षेत्र विकास समिति अध्यक्ष सुभाष देशवाल ने बताया हर वर्ष आयोजित भागवत कथा का उद्देश्य प्रवासी उत्तराखंडियों को अपने जन्म स्थान, संस्कृति व परिवेश से जोड़ना है। गढ़वाल क्षेत्र में प्रसिद्ध सिद्धपीठ डांडा नागराजा में भगवान श्रीकृष्ण का नाग अवतार के रूप में पूजन होता है। गुरुवार को गंगा दशहरे पर विश्व पर्यावरण दिवस भी होने पर गंगा की पवित्रता व प्रकृति संरक्षण का संदेश भी यात्रा में दिया गया। यात्रा में कमलेश चमोली, राजेंद्र बिजल्वाण, वीरेंद्र भट्ट,कृष्ण कुमार सुंदरियाल,शशि प्रसाद आदि शामिल थे।
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