52 दिन में कराने होंगे चुनाव, उत्तराखंड पंचायत इलेक्शन पर आया बड़ा अपडेट
उत्तराखंड में 52 दिनों में पंचायतों के चुनाव कराने होंगे। इसके लिए राज्य सरकार और चुनाव आयोग ने युद्धस्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। चुनाव आयोग का कहना है कि उनकी तैयारी पूरी है।

उत्तराखंड सरकार ने प्रशासकों का कार्यकाल 31 जुलाई तक के लिए तय किया है। ऐसे में अगले 52 दिन के भीतर पंचायतों के चुनाव की प्रक्रिया को पूरा करना होगा। इसके लिए सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को युद्धस्तर पर फैसले लेने के साथ प्रक्रिया को पूरा कराना होगा।
दिसंबर 2024 में ही पूरा हो गया था कार्यकाल
बता दें कि हरिद्वार जिले को छोड़कर प्रदेश की 343 जिला पंचायतों, 2936 क्षेत्र पंचायतों के अलावा 7505 ग्राम पंचायतों में पांच साल का कार्यकाल दिसंबर, 2024 में समाप्त हो गया था। इसके बाद राज्य सरकार ने छह महीने की अवधि के लिए पंचायतों को प्रशासकों के हवाले कर दिया था। ये समय सीमा भी समाप्त होने के बाद अब 31 जुलाई तक के लिए एक बार फिर प्रशासक तैनात किए गए हैं।
इस बार प्रशासकों का कार्यकाल छह महीने की बजाय 31 जुलाई तक के लिए ही तय किया गया है। ऐसे में अब चुनाव कराने के लिए 52 दिन का समय शेष बचा है।
निर्वाचन आयोग का तैयारी पूरी करने का दावा
राज्य निर्वाचन आयोग ने अपने स्तर पर तैयारियां पूरी किए जाने का दावा किया। आयुक्त सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि वोटर लिस्ट फाइनल हो गई है। उसका प्रकाशन भी कर दिया गया है। उसे ऑनलाइन भी कर दिया गया है। आयोग के स्तर पर तैयारियां पूरी हैं।
परिसीमन के बाद पंचायतों की स्थिति
ग्राम पंचायतों के परिसीमन के बाद ग्राम पंचायतों की संख्या 7,796 से बढ़कर 7,823 हो गई। जबकि ग्राम पंचायत वार्ड 59 हजार 219 से बढ़कर 59 हजार 357 और जिला पंचायत की सीटें 385 से बढ़कर 389 हो गई थीं। हालांकि, क्षेत्र पंचायतों की संख्या बढ़ने के बजाए 3,162 से घटकर 3,157 हो गई, लेकिन शहरी विकास विभाग की ओर से कुछ निकायों का विस्तार एवं कुछ ग्राम पंचायतों को नगर पालिका क्षेत्र से बाहर किया गया है।
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