चीन में सामान क्यों बनवाती हैं बड़ी-बड़ी कंपनियां? ट्रेड वार के बीच ऐपल सीईओ का ये वीडियो वायरल
- अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ को जारी खींचतान के बीच मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में चीन की ताकत एक बार फिर चर्चा में आ गई है। इसी ताकत की बदौलत जिनपिंग, ट्रंप के सामने किसी भी हाल में झुकने के लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं। चीन क्यों है इस जगत का बादशाह?

अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ को लेकर जारी उठापटक थमने का नाम नहीं ले रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप एक तरफ जहां फ्रंट फुट पर खेलने की बात कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ वह चीन को लेकर फूंक-फूंक कर कदम भी रख रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने बीते दिनों स्मार्टफोन और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स को नए रिसिप्रोकल टैरिफ के दायरे से बाहर रखने का फैसला लिया। इस लिस्ट में सेमीकंडक्टर बनाने वाली मशीनें भी शामिल हैं। यानी चीन से आने वाले इन उत्पादों पर 145 प्रतिशत तारीफ नहीं लगाया जाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति भले ही इस कदम के पीछे का कारण अमेरिका में विनिर्माण को बढ़ावा देना बता रहे हो लेकिन यह सच है की मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में पूरी दुनिया में चीन का कोई मुकाबला नहीं है। अमेरिका और चीन के बीच हाल ही में शुरू हुए ट्रेड वॉर के बीच चीन की यह ताकत एक बार फिर चर्चा में है। इसे लेकर एक वीडियो इन दिनों खूब वायरल हो रहा है।
वायरल वीडियो में Apple के CEO टिम कुक चीन पर चर्चा करते दिख रहे हैं। इसमें वह यह बता रहे हैं कि दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां सामान बनवाने के लिए चीन का रुख क्यों करती हैं। इस वायरल क्लिप में टिम कुक यह भी बताते हैं इसका एकमात्र कारण चीप लेबर यानी कम पैसों में उपलब्ध श्रम बल नहीं है, जैसा कि आम तौर पर समझा जाता है। टिम कुक के मुताबिक चीन की असली ताकत इसका शानदार इंडस्ट्रियल इकोसिस्टम है। कुक ने वीडियो में कहा, "चीन को लेकर एक कन्फ्यूजन है। इसे लेकर मेरी राय कुछ और है। ज्यादातर लोग यहीं सोचते हैं कि कंपनियां सस्ते श्रम बल की उपलब्धता के कारण चीन आती हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि चीन कई साल पहले ही बदल चुका है और अब यह सस्ते श्रम बल वाला देश नहीं रहा।"
क्या है चीन की ताकत?
कुक ने आगे बताया, “इसका कारण है स्किल, एक ही जगह पर इतना कुशल कार्यबल, और वह भी उन्नत दर्जे के।” उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया, “जैसे ऐपल के उत्पादों के लिए सच में उन्नत टूलिंग की आवश्यकता होती है और टूलिंग और सामग्रियों के साथ काम करने में सटीकता रखनी होती है, वह अत्याधुनिक दर्जे की होती है।" उन्होंने चीन और अमेरिका के बीच विशेषज्ञता की तुलना करते हुए कहा कि चीन में ऐसे इंजीनियर्स की कोई कमी नहीं है।
लोग नजर आएं सहमत
वीडियो वायरल होने के बाद कई लोग टिम कुक से सहमति जताते नजर आए। एक यूजर ने लिखा, “मैं टिम से पूरी तरह सहमत हूं। पहले कंपनियां चीन के सस्ते श्रम बल का शोषण करती थीं, लेकिन यह चीन का विनिर्माण तकनीक का तेज विकास ही था जिसकी वजह से वह आज अमेरिका और जर्मनी से भी आगे पहुंच पाया।” एक अन्य यूजर ने लिखा, "सच है। यह सब कुछ गति और सटीकता का खेल है। चीन में स्किल्ड मैन्युफैक्चरिंग इंजीनियरों का एक विशाल समूह है। यह केवल लेबर नहीं है, बल्कि दशकों से तैयार किया गया एक पूरा इकोसिस्टम है। इसे बनाना आसान नहीं।”
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