नवरात्रि की षष्ठी तिथि आज: जानें मां कात्यायनी की पूजा विधि, प्रिय भोग, मंत्र, शुभ रंग व आरती
- Navratri 6th Day 2025: चैत्र नवरात्रि की षष्ठी तिथि 3 अप्रैल 2025 को है। नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा का विधान है। जानें मां कात्यायनी की पूजा विधि, मंत्र, भोग व पूजन मुहूर्त-

Chaitra Navratri 6th Day 2025, Maa katyayani: चैत्र नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यायनी को समर्पित है। मान्यता है कि मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। मां कात्यायनी का जन्म महर्षि कात्यायन के घर हुआ था, इसलिए इनका नाम कात्यायनी पड़ा। नवरात्रि की षष्ठी तिथि 3 अप्रैल 2025, गुरुवार को है। जानें नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा विधि, भोग, मंत्र, आरती व शुभ रंग-
मां कात्यायनी की पूजा का शुभ मुहूर्त- मां कात्यायनी की पूजा का शुभ मुहर्त सुबह 07 बजकर 02 मिनट पर प्रारंभ होगा और पूरे दिन रहेगा। पूजन का ब्रह्म मुहर्त ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:37 से सुबह 05:23 तक रहेगा।
मां कात्यायनी पूजा विधि- नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा करने के लिए सुबह स्नान आदि करने के बाद पूजा घर की सफाई करें। मां कात्यायनी का ध्यान लगाते हुए उनके चरणों पर पुष्प अर्पित करें। इसके बाद माता को अक्षत, कुमकुम, पुष्प और सोलह श्रृंगार आदि अर्पित करें। मां को जल अर्पित करके दुर्गा चालीसा व दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
मां कात्यायनी का भोग- मां कात्यायनी को शहद या हलवे का भोग लगाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन सुखद होता है और घर में धन-धान्य का आगमन होता है।
मां कात्यायनी का प्रिय रंग- मां कात्यायनी का प्रिय रंग लाल है। मान्यता है कि इस दिन लाल रंग के वस्त्र धारण करना शुभ होता है।
मां कात्यायनी के मंत्र-
1. सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बिके गौरी नारायणी नमोस्तुते ।।
2. ऊं क्लीं कात्यायनी महामाया महायोगिन्य घीश्वरी,
नन्द गोप सुतं देवि पतिं मे कुरुते नमः।।
मां कात्यायनी की आरती (Maa Katyayni Aarti)-
जय जय अम्बे जय कात्यायनी।
जय जग माता जग की महारानी॥
बैजनाथ स्थान तुम्हारा। वहावर दाती नाम पुकारा॥
कई नाम है कई धाम है। यह स्थान भी तो सुखधाम है॥
हर मन्दिर में ज्योत तुम्हारी। कही योगेश्वरी महिमा न्यारी॥
हर जगह उत्सव होते रहते। हर मन्दिर में भगत है कहते॥
कत्यानी रक्षक काया की। ग्रंथि काटे मोह माया की॥
झूठे मोह से छुडाने वाली। अपना नाम जपाने वाली॥
बृहस्पतिवार को पूजा करिए। ध्यान कात्यानी का धरिये॥
हर संकट को दूर करेगी। भंडारे भरपूर करेगी॥
जो भी माँ को भक्त पुकारे। कात्यायनी सब कष्ट निवारे॥