Chaitra Navratri Ashtami and Navami Date 2025 know Kanya Pujan Muhurat and Numbers of Kanya Kanya Pujan: नवरात्रि की अष्टमी व नवमी तिथि कब है? जानें कन्या पूजन में कितनी कन्या होनी चाहिए, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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Kanya Pujan: नवरात्रि की अष्टमी व नवमी तिथि कब है? जानें कन्या पूजन में कितनी कन्या होनी चाहिए

  • Kanya Pujan Muhurat: नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। मान्यता है कि कन्या पूजन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और उनकी कृपा से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तानWed, 2 April 2025 09:30 AM
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Kanya Pujan: नवरात्रि की अष्टमी व नवमी तिथि कब है? जानें कन्या पूजन में कितनी कन्या होनी चाहिए

Ashtami and Navami Kanya Pujan Muhurat 2025: नवरात्रि की अष्टमी व नवमी तिथि को कन्या पूजन का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में कन्या को मां दुर्गा का स्वरूप माना गया है। कन्या पूजन को कुमारी पूजा व कंजक पूजा भी कहा जाता है। इस समय चैत्र नवरात्रि चल रहे हैं। इस साल चैत्र नवरात्रि की अष्टमी 5 अप्रैल 2025, शनिवार और राम नवमी 6 अप्रैल 2025, रविवार को है। जानें कन्या पूजन में कन्या कितनी होनी चाहिए, कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त व खास बातें-

महाष्टमी पर कन्या पूजन के शुभ मुहूर्त-

अभिजित मुहूर्त- 11:59 ए एम से 12:49 पी एम

विजय मुहूर्त- 02:30 पी एम से 03:20 पी एम

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राम नवमी पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त- राम नवमी पर पूरे दिन रवि पुष्य योग, रवि योग व सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। ऐसे में कन्या पूजन के लिए पूरा दिन शुभ रहने वाला है। जानें कन्या पूजन के शुभ मुहूर्त-

अभिजित मुहूर्त: 11:58 ए एम से 12:49 पी एम

चर - सामान्य: 07:40 ए एम से 09:15 ए एम

लाभ - उन्नति:09:15 ए एम से 10:49 ए एम

अमृत - सर्वोत्तम: 10:49 ए एम से 12:24 पी एम

कन्या पूजन में कितनी कन्या होनी चाहिए: नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा को समर्पित है। ऐसे में आप नौ दिनों में कन्या पूजन किया जा सकता है। लेकिन नवरात्रि की अष्टमी व नवमी तिथि को कन्या पूजन का अत्यधिक महत्व है। कन्या पूजन में कन्याओं की संख्या 1-9 तक शामिल कर सकते हैं। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, जितनी कन्या होती हैं, वैसा ही फल प्राप्त होता है।

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संख्या के अनुसार कन्या पूजन का फल- 1 कन्या की पूजा करने से ऐश्वर्य, 2 कन्याओं की पूजा से भोग, 3 कन्याओं की पूजा से पुरुषार्थ, 4 व 6 कन्याओं की पूजा से बुद्धि व विद्या, 6 कन्याओं की पूजा से सफलता, 7 कन्याओं के पूजन से परमपद, 8 कन्याओं के पूजन से अष्टलक्ष्मी व 9 कन्याओं के पूजन से सभी ऐश्वर्य के प्राप्त होने की मान्यता है।

किस उम्र की हो कन्या- कन्या पूजन में 2 साल से 10 साल तक की कन्याओं को शामिल कर सकते हैं। हिंदू धर्म में हर उम्र की कन्या को मां दुर्गा का अलग-अलग स्वरूप माना जाता है।

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।