Gupt Navratri 2025 date: ध्रुव्र योग में गुप्त नवरात्रि, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त जानें
इस बार गुप्त नवरात्रि 26 जून से शुरू हो रहे हैं। इस साल कलश स्थापना के लिए एक घंटा 32 मिनट का समय मिल रहा है। आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा 25 जून को शाम को 4 बजे से लग रही है।

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि इस साल 26 जून से मनाए जाएंगे। 26 जून को कलश स्थापना होगी और 4 जुलाई को नवरात्रि समाप्त होंगे। गुप्त नवरात्रि के इस मौके पर 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है।इस बार आषाढ़ गुप्त नवरात्रि पर ध्रुव योग और सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। ध्रुव योग योग 26 जून को शुरू होगा और अगले दिन 27 जून को सुबह 5.37 मिनट तक रहेगा। इस बार गुप्त नवरात्रि पर कलश स्थापना के लिए एक घंटा 32 मिनट का समय मिल रहा है। आपको बता दें कि गुप्त नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि के दिन कलश स्थापना होती है। आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा 25 जून को शाम को 4 बजे से लग रही है और 26 जून को दोपहर 1.24 बजे तक लगेगी। उदया तिथि के अनुसार प्रतिपदा 26 को रहेगी, इसलिए गुप्त नवरात्रि 26 जून से शुरू होगें। कलश स्थापना के लिए अभीजीत मुहूर्च सुबह 10.58 मिनट से 11..53 मिनट तक रहेगा।
कलश स्थापना मुहूर्त
कलश स्थापना नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि के दिन की जाती है, यह नवरात्रि की शुरुआत का प्रतीक है। नीचे दिए मुहूर्त में कलश स्थापना कर सकते हैं।
मिथुन लग्न शुरू: सुबह 4:33 बजे, 26 जून
मिथुन लग्न समाप्त: सुबह 6:05 बजे, 26 जून
कलश स्थापना मुहूर्त: सुबह 4:33 – प्रातः 6:05 (अवधि: 1 घंटा 32 मिनट)
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 10:58 बजे से सुबह 11:53 बजे तक
ध्रुव योग: रात 11:40 तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: 26 जून को सुबह 8:46 बजे से 27 जून को सुबह 5:35 बजे तक
गुप्त नवरात्रि का महत्व
चैत्र और शारदीय नवरात्रि के बारे में आपने सुना होगा, लेकिन आषाढ़ मास और माघ मास के नवरात्र के बारे में आप नहीं जानते होंगे। गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा आध्यात्मिक साधक और तांत्रिक करते हैं। यह नवरात्रि गहन साधनाओं और अनुष्ठानों के लिए समर्पित है, जिसमें दस महाविद्याओं काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी, कमला की अराधना की जाती है।