Today is the first Bada Mangal of Jyeshtha month when Rama met Hanuman for the first time ‌Bada Mangal today: ज्येष्ठ मास का पहला बड़ा मंगल आज, ज्येष्ठ मास में पहली बार हनुमान से मिले थे राम, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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‌Bada Mangal today: ज्येष्ठ मास का पहला बड़ा मंगल आज, ज्येष्ठ मास में पहली बार हनुमान से मिले थे राम

आज ज्येष्ठ मास का पहला मंगलवार है। सूर्य के वृष राशि में आने पर ज्येष्ठ मास शुरू होता है। ज्येष्ठ का अर्थ है- बड़ा और इस मास में दिन बड़े होते हैं। ज्येष्ठ मास का स्वामी मंगल है, जो अग्निकारक है इसलिए इस मास में भीषण गर्मी पड़ती है।

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तानTue, 13 May 2025 07:06 AM
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‌Bada Mangal today: ज्येष्ठ मास का पहला बड़ा मंगल आज, ज्येष्ठ मास में पहली बार हनुमान से मिले थे राम

आज ज्येष्ठ मास का पहला मंगलवार है। सूर्य के वृष राशि में आने पर ज्येष्ठ मास शुरू होता है। ज्येष्ठ का अर्थ है- बड़ा और इस मास में दिन बड़े होते हैं। ज्येष्ठ मास का स्वामी मंगल है, जो अग्निकारक है इसलिए इस मास में भीषण गर्मी पड़ती है। इस कारण इस माह में जल का विशेष महत्व है। चाहे वह जल-बचाव के रूप में हो या जल-दान के रूप में। इस माह में जल से जुड़े दो विशेष पर्व आते हैं- गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी। इन पर्वों पर पानी से भरा घड़ा, पंखा, छाता, जूते-चप्पल आदि का दान करना विशेष पुण्यदायी माना जाता है।

इसी प्रकार ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले मंगलवार को ‘बड़ा’ मंगल या ‘बुढ़वा’ मंगल भी कहा जाता है। इसके पीछे दो पौराणिक कथाओं का जिक्र मिलता है। एक कथा के अनुसार ज्येष्ठ मास के मंगलवार को भगवान राम वन में सीता को खोजते हुए पहली बार हनुमान से मिले थे। इस कारण इस महीने के सभी मंगलवार को ‘बड़ा’ मंगल के नाम से जाना जाता है। वहीं दूसरी कथा के अनुसार महाभारत काल में ज्येष्ठ मास के मंगलवार को हनुमानजी ने बूढ़े वानर का रूप धारण कर भीम के बल के अभिमान को नष्ट किया था। कालांतर में इसे ‘बुढ़वा’ मंगल भी कहा जाने लगा। इस दिन हनुमानजी के वृद्ध स्वरूप की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन पवन पुत्र को चोला चढ़ाने से हर प्रकार की बाधा दूर होती है। यह पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत और खासकर उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और मध्य क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया जाता है।

एक अन्य कहानी के अनुसार एक बार लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह के पुत्र की तबीयत बहुत खराब हो गई। योग्य चिकित्सकों को दिखाने और हर प्रकार के उपाय करने के बाद भी वाजिद अली के पुत्र का रोग ठीक नहीं हुआ, तब किसी ने उन्हें बताया कि अलीगंज में स्थित हनुमान मंदिर में प्रार्थना करने से उनके पुत्र का रोग ठीक हो जाएगा। वाजिद अली शाह ने अपने पुत्र के लिए वहां जाकर प्रार्थना की, जिससे उनका पुत्र ठीक हो गया। इसके बाद नवाब और उनकी बेगम ने उस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया, जो ज्येष्ठ माह में पूर्ण हुआ। तभी से लखनऊ में बड़ा मंगल के दिन भंडारे और गुड़ के प्रसाद वितरण की परंपरा शुरू हो गई।

ज्येष्ठ मास में ही ‘नौतपा’ भी पड़ता है। नौ दिन की यह अवधि आमतौर पर मई के अंत और जून की शुरुआत में होती है, जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है। इससे धरती पर भीषण गर्मी पड़ती है। इस अवधि में सूर्य पृथ्वी के सबसे करीब होता है। ऐसी मान्यता है कि नौतपा में धरती जितनी तपती है, मानसून में वर्षा उतनी ही अच्छी होती है। सूर्य के मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करने पर नौतपा समाप्त हो जाता है।

इस मास में भगवान विष्णु की पूजा के साथ ही मां गंगा, सूर्य देव, वरुण देव और हनुमानजी की पूजा का भी विशेष महत्व है। ज्येष्ठ माह में कभी किसी प्यासे व्यक्ति को बगैर पानी पिलाए नहीं भेजना चाहिए। एक मान्यता के अनुसार इस महीने में परिवार के बड़े पुत्र या पुत्री का विवाह नहीं करना चाहिए। इसके अलावा ज्येष्ठ मास में नारद जयंती, वट सावित्री पूजा, शनि जयंती, धूमावती जयंती, महेश नवमी, गंगा दशहरा, गायत्री जयंती, निर्जला एकादशी और कबीर दास जयंती जैसे प्रमुख पर्व आते हैं।

अश्वनी कुमार

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