Vivah Muhurat 2025: This year there is a shortage of Shubh vivah muhurat इस साल शादी के मुहूर्त का टोटा, आज आखिरी मुहूर्त, देवउठनी एकादशी पर भी मुहूर्त नहीं, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
Hindi Newsधर्म न्यूज़Vivah Muhurat 2025: This year there is a shortage of Shubh vivah muhurat

इस साल शादी के मुहूर्त का टोटा, आज आखिरी मुहूर्त, देवउठनी एकादशी पर भी मुहूर्त नहीं

Vivah Muhurat kab hai: गुरु उदय से पूर्व ही 06 जुलाई को देवशयनी एकादशी के साथ चातुर्मास प्रारम्भ हो जाएगा। इस लिए 5 महीने से अधिक समय बाद इस वर्ष 18 नवम्बर से विवाह कार्य पुनः प्रारम्भ होंगे।

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तानMon, 9 June 2025 06:16 AM
share Share
Follow Us on
इस साल शादी के मुहूर्त का टोटा, आज आखिरी मुहूर्त, देवउठनी एकादशी पर भी मुहूर्त नहीं

2025 में शयन एकादशी से एक महीने पहले ही गुरू अस्त होने से मांगलिक कार्य बंद होने जा रहे हैं। 9 जून यानि आज अंतिम सहालग होगा। इसके बाद 18 नवंबर तक कोई सहालग नहीं है। इस बार भड़रिया नवमी-देवोत्थान एकादशी पर भी शादी के योग नहीं बन रहे हैं। क्योंकि 9 जून को गुरू अस्त होने के कारण जहां भडरिया नवमी भी अबूझ शादी के योग नहीं है। वहीं देवोत्थान एकादशी पर त्रिपुस्कर योग सहालग के योग नहीं बनने दे रहे हैं। इसके अलावा 6 जुलाई से चार महीने के लिए देव सो जाएंगे। ब्रह्माण्ड में हो रहे ग्रह नक्षत्रों के परिवर्तन के साथ बृहस्पति के अस्त होने से इस बाऱ चातुर्मास प्रारम्भ होने के लगभग एक महीने पूर्व ही विवाह, गृह प्रवेश, उपनयन, मुंडन संस्कार , गृहारम्भ सहित समस्त मांगलिक शुभ कार्य बंद हो जाएंगे।

क्योंकि शयन एकादशी के बदा लगने वाले चार महीने सोए हुए देवताओं से पहले आज 09 जून सोमवार को अंतिम विवाह मुहूर्त है। गुरू12 जून को अस्त हो जाएंगे। भारतीय ज्योतिष कर्मकांड महासभा अध्यक्ष ज्योतिर्विद पंडित केसी पाण्डेय ने बताया कि 12 जून बृहस्पतिवार को सायंकाल बाद 7 बजकर 54 मिनट पर गुरु अस्त हो जायेंगे। जो 27 दिन बाद 09 जुलाई बुधवार सुबह 4 बजकर 42 मिनट पर उदित होंगे निर्णय सिंधु, मुहूर्त चिंतामणि, ज्योतिष सागर आदि ग्रंथों में स्पष्ट बताया गया हैं कि गुरु के अस्त होने के साथ गुरु के बाल व वृद्धता व अतिचारी होने पर भी विवाह आदि शुभ मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए। अतः इस बाऱ 4 जुलाई को अबुझ मुहूर्त माने जाने वाले भड़ली नवमी पर भी शुभ मुहूर्त नहीं है। गुरु उदय से पूर्व ही 06 जुलाई को देवशयनी एकादशी के साथ चातुर्मास प्रारम्भ हो जाएगा। इस लिए 5 महीने से अधिक समय बाद इस वर्ष 18 नवम्बर से विवाह कार्य पुनः प्रारम्भ होंगे। चातुर्मास 06 जून रविवार आषाढ़ शुक्ल देवशयनी एकादशी से 01 नवंबर कार्तिक शुक्ल एकादशी (देवउत्थान एकादशी ) तक रहेगा। जबकि उदयातिथि के कारण देव प्रबोधिनी एकादशी का व्रत 02 नवंबर को रखा जाएगा।

देवोत्थान एकादशी पर भी नहीं बजेंगी शहनाई
केसी पांड्ये बताते हैं कि इस दिन त्रिपुष्कर योग होने ने विवाह को छोड़कर अन्य समस्त शुभ मांगलिक कार्य होंगे। चातुर्मास में धार्मिक कार्य जैसे मंत्र जप, व्रत -पूजा, दान आदि का विशेष शुभ फल धर्मग्रंथों में कहा गया है। ब्रह्म पुराण, स्कन्द पुराण, भविष्य पुराण आदि में इसका महत्व विस्तार से बताया गया है। चातुर्मास के बाद इस वर्ष नवंबर में 18, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 29, 30 को तथा दिसंबर में 4, 10, 11 अर्थात कुल 12 विवाह मुहूर्त है 15 दिसंबर की रात्रि सूर्य के धनु संक्रांति होने व पौष मास लगने से खरमास का आरम्भ हो जाएगा। पुनः सभी मांगलिक कार्य बंद हो जायेंगे। जो 14 जनवरी 2026 मकर संक्रांति तक रहेगा।

जानें धर्म न्यूज़ , Rashifal, Panchang , Numerology से जुडी खबरें हिंदी में हिंदुस्तान पर| हिंदू कैलेंडर से जानें शुभ तिथियां और बनाएं हर दिन को खास!