किआ प्लांट से कर्मचारियों और स्क्रैप डीलर्स ने मिलकर चुराए थे 1008 इंजन, पुलिस जांच में हुआ बड़ा खुलासा
दक्षिण कोरियाई कंपनी किआ मोटर्स के 2 पूर्व कर्मचारियों ने स्क्रैप डीलर्स के साथ मिलकर 3 साल में कंपनी की फैक्ट्री से 1,008 इंजन की चोरी की है। पुलिस जांच में यह बात सामने आई है।

दक्षिण कोरियाई कंपनी किआ मोटर्स के 2 पूर्व कर्मचारियों ने स्क्रैप डीलर्स के साथ मिलकर 3 साल में कंपनी की फैक्ट्री से 1,008 इंजन की चोरी की है। पुलिस जांच में यह बात सामने आई है। चोरी हुए इंजन की कीमत 23 लाख डॉलर (करीब 1,955 लाख रुपए) थी। पुलिस जांच दस्तावेजों से पता चला है कि किआ इंडिया के दो पूर्व कर्मचारियों पर आरोप है कि उन्होंने स्क्रैप डीलरों के साथ मिलकर 3 सालों में कार निर्माता के कारखाने से 1,008 इंजन चुराए। हालांकि, इंजनों की कीमत सिर्फ 2.3 मिलियन डॉलर थी, लेकिन पुलिस जांच में पाया गया कि इस मामले का "औद्योगिक परिचालन, हितधारकों के विश्वास और रोजगार सुरक्षा पर व्यापक प्रभाव पड़ा" और अंतर्राज्यीय अपराध नेटवर्क के बारे में चिंताएं पैदा हुईं।
किआ ने मार्च में दक्षिणी राज्य आंध्र प्रदेश की पुलिस से शिकायत की थी कि आंतरिक रिकॉर्ड की समीक्षा में पाया गया कि उसकी सहयोगी कार निर्माता कंपनी हुंडई से प्राप्त इंजन गायब हैं और उसे पूर्व और वर्तमान कर्मचारियों के बीच साजिश का संदेह है। पुलिस की 16 अप्रैल की रिपोर्ट में बताया गया कि इंजन डिपार्टमेंट का एक टीम लीडर और एक सेक्शन हेड, जो अब कंपनी में नहीं हैं। उन्होंने फर्जी इनवॉइस और गेट पास के जरिए इन इंजनों को बाहर भिजवाया। इस काम में दो और लोग शामिल थे जो ट्रांसपोर्ट का इंतजाम करते थे, साथ ही दो कबाड़ व्यापारी भी, जिन्होंने दिल्ली तक इन इंजनों को बेच दिया।
जांच अधिकारी इंस्पेक्टर के. राघवन के मुताबिक, इस पूरे ऑपरेशन में नकली रजिस्ट्रेशन नंबर वाली कई ट्रकों का इस्तेमाल हुआ और लगातार अवैध ट्रांजैक्शन्स किए गए। संपर्क किए जाने पर राघवन ने गोपनीयता का हवाला देते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। किआ इंडिया ने मीडिया को बताया कि उन्होंने पिछले साल अपने इन्वेंटरी मैनेजमेंट सिस्टम को अपग्रेड किया था, तब जाकर यह गड़बड़ी सामने आई। कंपनी ने खुद इंटरनल जांच की, फिर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और अब वे अपने सिस्टम और मॉनिटरिंग को और मजबूत बना रहे हैं।
इस केस में एक आरोपी विनायगमूर्ति वेलुचामी (37) को गिरफ्तार किया गया है, जो इंजन डिस्पैच सेक्शन का हेड था। उसने कोर्ट में बेल के लिए अर्जी दी है और अपनी बेगुनाही का दावा किया है। उसका कहना है कि उसने 2023 में कंपनी छोड़ दी थी और इन चोरियों से उसका कोई लेना-देना नहीं है। दूसरा आरोपी पट्टन सलीम (33) है, जो 2020 से 2025 तक टीम लीडर के रूप में काम कर चुका है। फिलहाल उसकी लोकेशन का कोई पता नहीं चला है और पुलिस दस्तावेजों में जो नंबर दिए गए थे, वे भी बंद हैं।
अभी तक इन दोनों पर कोई औपचारिक चार्ज नहीं लगाए गए हैं, लेकिन पुलिस की जांच में ये दोनों मुख्य आरोपी माने जा रहे हैं। दस्तावेजों के अनुसार, इस तरह की चोरी और साजिश अगर साबित होती है तो भारतीय कानून के तहत 10 साल या उससे ज्यादा की सजा भी हो सकती है। भारत में छोटी-मोटी चोरी आम बात है, लेकिन इस तरह की लंबे समय तक चली फैक्ट्री स्तर की साजिश कम ही देखने को मिलती है। किआ ने सबसे पहले जनवरी 2025 में स्टॉक मिलान के दौरान इस चोरी का पता लगाया। मार्च में दर्ज शिकायत में बताया गया कि करीब 940 इंजन गायब थे, लेकिन बाद में संख्या बढ़कर 1,008 तक पहुंच गई।
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