बाइक टैक्सी सर्विस पर ब्रेक: आज से Ola, Uber, Rapido की बाइक टैक्सी बंद, जानिए हाईकोर्ट ने क्यों लगाई रोक
कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य में बाइक टैक्सी सेवा पर ब्रेक लगाते हुए बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने 16 जून से Ola, Uber, Rapido की बाइक टैक्सी ऑपरेशन पर रोक लगा दी है। आइए जरा विस्तार से जानते हैं कि आखिर हाईकोर्ट को ये फैसला क्यों सुनाना पड़ा?

कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए राज्य में चल रही बाइक टैक्सी सेवाओं को पूरी तरह बंद करने का आदेश दिया है। इसका सीधा असर Ola, Uber और Rapido जैसी लोकप्रिय कंपनियों पर पड़ेगा। 16 जून 2025 से राज्य में इनकी बाइक टैक्सी सेवाएं बंद हो जाएंगी। इसका सीधा असर उन हजारों राइडर्स पर पड़ेगा, जो बाइक टैक्सी चलाकर अपना जीविकोपार्जन करते थे। आइए जरा विस्तार से जानते हैं कि आखिर हाईकोर्ट को ये बड़ा फैसला क्यों सुनाना पड़ा?
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क्या है पूरा मामला?
इस साल 2 अप्रैल को न्यायमूर्ति बी. श्याम प्रसाद ने आदेश दिया था कि राज्य में सभी बाइक टैक्सी सेवाएं 6 हफ्तों के भीतर बंद कर दी जाएं। Ola, Uber और Rapido जैसी कंपनियों ने इस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी। लेकिन, अब हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इस याचिका को खारिज करते हुए पहले के आदेश को बरकरार रखा है।
क्यों बंद की गई बाइक टैक्सी सेवाएं?
सरकार की निष्क्रियता: कर्नाटक सरकार ने बाइक टैक्सी सेवाओं को विनियमित (Regulate) करने के लिए कोई नियम नहीं बनाए हैं।
कानूनी आधार: मौजूदा मोटर व्हीकल कानून के तहत, निजी रजिस्ट्रेशन वाले दोपहिया वाहनों का व्यावसायिक उपयोग अवैध है।
सुरक्षा और ट्रैफिक: एक विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट (2019) के अनुसार, बाइक टैक्सियों के कारण सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक से जुड़े गंभीर खतरे हैं।
ऑटोरिक्शा यूनियन का विरोध: ऑटो चालकों का कहना है कि बाइक टैक्सी से उन्हें अनफेयर कॉम्पिटिशन झेलना पड़ रहा है।
अब क्या होगा?
16 जून 2025 से कर्नाटक में सभी बाइक टैक्सी सेवाएं पूरी तरह बंद हो जाएंगी। अगली सुनवाई 24 जून को होगी और सभी पक्षों को 20 जून तक लिखित जवाब दाखिल करने होंगे। इस फैसले के बाद अन्य राज्य भी ऐसे कदम उठा सकते हैं। महाराष्ट्र और गोवा पहले ही इन सेवाओं को लेकर चेतावनी दे चुके हैं।
कंपनियों की प्रतिक्रिया
Ola, Uber और Rapido ने याचिका में अनुरोध किया था कि फैसले पर रोक लगाई जाए, ताकि उनकी सेवाएं चलती रहें। लेकिन, अदालत ने साफ कहा कि जब तक सरकार कोई नियम नहीं बनाती, तब तक ऐसी सेवाओं को अनुमति नहीं दी जा सकती।
आगे का रास्ता?
अगर कर्नाटक सरकार चाहे तो मोटर व्हीकल एक्ट के तहत नियम बना सकती है, जिससे इन सेवाओं को वैधता मिल सके। लेकिन, अभी तक सरकार ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है। यह फैसला उन लाखों यात्रियों और हजEरों राइडर्स के लिए बड़ा झटका है, जो बाइक टैक्सी को एक किफायती और तेज विकल्प मानते हैं। लेकिन, सुरक्षा, नियमों की कमी और कानूनी जटिलताओं के चलते अदालत ने कड़ा कदम उठाया है।
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