अखिलेश सिंह की सीडब्ल्यूसी में एंट्री, बिहार कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाने के बाद नई जिम्मेदारी
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटाए जाने के डेढ़ महीने बाद अखिलेश सिंह को पार्टी ने नई जिम्मेदारी दी है। मल्लिकार्जुन खरगे ने उन्हें कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) का स्थायी सदस्य बना दिया है।

राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह को बिहार के कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद नई जिम्मेदारी मिली है। उनकी अब कांग्रेस कार्यसमिति में एंट्री हो गई है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उन्हें कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) का स्थायी आमंत्रित सदस्य मनोनित किया है। उनका मनोनयन तत्काल प्रभाव से लागू माना जाएगा।
कांग्रेस ने डेढ़ महीने पहले ही अखिलेश सिंह को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर उनकी जगह दलित वर्ग से आने वाले राजेश राम को जिम्मेदारी सौंपी थी। इसके बाद से अखिलेश आलाकमान से नाराज बताए जा रहे थे। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी में बिखराव की आशंका के चलते उन्हें सीडब्ल्यूसी का सदस्य बनाया गया है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने गुरुवार को अखिलेश सिंह के मनोनयन की अधिसूचना जारी की। अधिसूचना के मुताबिक, सांसद के. सुधाकरण को भी सीडब्यूसी में स्थायी आमंत्रित सदस्य बनाया गया है। बिहार कांग्रेस रिसर्च विभाग के चेयरमैन एवं प्रवक्ता आनंद माधव ने अखिलेश सिंह के मनोनयन पर उन्हें बधाई दी। उन्होंने पार्टी आलाकमान मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल का आभार प्रकट किया।
सीडब्ल्यूसी कांग्रेस की सर्वोच्च समिति है, जो पार्टी के सभी अहम फैसले लेती है। सीडब्ल्यूसी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, चुने हुए प्रतिनिधि और विशेष रूप से आमंत्रित सदस्यों को शामिल किया जाता है। यह कमिटी पार्टी के भविष्य, चुनावी रणनीति, संगठनात्मक सुधार और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करके निर्णय करती है।