Tragic Death of RRB Soldier Sudhir Kumar Last Rites Attended by Grieving Community जहनपुर में जवान का शव पहुंचते ही उमड़ी भीड़, नम हुईं आंखें, Ara Hindi News - Hindustan
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जहनपुर में जवान का शव पहुंचते ही उमड़ी भीड़, नम हुईं आंखें

भोजपुर के कोईलवर प्रखंड के जहनपुर गांव में आरआरबी जवान सुधीर कुमार का शव 36 घंटे बाद घर लाया गया। सड़क दुर्घटना में उनकी मौत हो गई थी। अंतिम यात्रा में गांव के लोग शामिल हुए। पिता और माता ने अपने बेटे...

Newswrap हिन्दुस्तान, आराWed, 28 May 2025 09:05 PM
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जहनपुर में जवान का शव पहुंचते ही उमड़ी भीड़, नम हुईं आंखें

-दुर्घटना के 36 घंटे बाद गांव लाया जा सका शव, अंतिम यात्रा में गांव-जवार के लोग हुए शामिल कोईलवर, एक संवाददाता। भोजपुर के कोईलवर प्रखंड के जहनपुर गांव में बुधवार की अल सुबह करीब पांच बजे आरआरबी जवान सुधीर कुमार का शव घर पहुंचा। हादसे के करीब 36 घंटे बाद सायरन बजाती एम्बुलेंस जैसे ही गांव में घुसी, बच्चे, बूढ़े और जवान से लेकर घर की महिलाएं भी ताबूत में रखे सुधीर की एक झलक पाने को आतुर दिखीं। साथ आए रिजर्व बटालियन के साथी जवानों ने जैसे ही दरवाजे पर खड़ी एंबुलेंस से शव को उतारा, कोहराम मच गया। दरवाजे के सामने परती जमीन से लेकर छत के कोने-कोने तक महिलाओं की खचाखच भीड़ दिखी।

लोगों की आंखें नम हो गईं। गौरतलब रहे कि बीते सोमवार की शाम जहनपुर निवासी राम लड्डू सिंह के 28 वर्षीय पुत्र आरआरबी जवान सुधीर कुमार की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। सुधीर पूर्वी सिंहभूम जिले के मुसाबनी में इंडिया रिजर्व बटालियन दो में बतौर जवान तैनात थे और ड्यूटी पूरी करने के बाद कैंप से मुसाबनी के शास्त्रीनगर स्थित अपने घर जा रहे थे। घर लौटने के दौरान पीछे से आ रहे ट्रक ने उनकी साइकिल में टक्कर मारी, जिससे वह गिर पड़े और उसी क्रम में ट्रक का पिछला पहिया उनके सिर पर चढ़ गया। सिर कुचल जाने से उक्त जवान की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। सोन के सारीपुर नदी घाट पर हुआ अंतिम संस्कार बुधवार की अल सुबह लोगों की भीड़ ने उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी। दरवाजे पर उमड़ी भारी भीड़ के बीच सुधीर अमर रहें के नारे भी गूंजे। उपस्थित नेताओं व जनप्रतिनिधियों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। बाद में उन्हें सारीपुर सोन नदी घाट ले जाया गया, जहां अंतिम विदाई दी गई। मुखाग्नि उनके भतीजे नीरज कुमार ने दी। घर से ससुराल तक मातम पसरा पिता रामलड्डू और मां एतवारो देवी ने सोचा भी नहीं था कि उनके कंधों पर बेटे का जनाजा निकलेगा पर कुदरत को शायद यही मंजूर था। बड़े भाई ध्रुव प्रसाद अपने छोटे भाई को कंधा देते वक्त फफक पड़े। इधर, ससुराल पक्ष के लोगों की भी खासी भीड़ रही। उदवंतनगर थाने के पिपरा निवासी पंकज सिंह ने रूंधे स्वर में कहा कि अभी एक वर्ष पहले ही अपनी बिटिया नेहा का हाथ सुधीर को सौंपा था पर शायद भगवान को यही मंजूर था। अब उनकी एक निशानी भी नहीं बची है। एक दिन पहले से बदहवास पड़ी पत्नी नेहा ने जब अधखुली आंखों से अपने पति के शव को देखा तो वह बेहोश हो गई। होश आया तो दहाड़ मारकर रोने लगी। बड़ी बहनें विद्योतमा, सुमन व शोभा ने रोते हुए कहा कि छोटी बहन प्रियंका की शादी के सपने देख रहे सुधीर की मंशा पूरी नहीं हो सकी। अपनी छोटी बहन के हाथ पीले करने को लेकर इस वर्ष उन्होंने कई रिश्तेदारों से बात भी की थी। सभी बहनें अपने भाई के गम में बिलखती रहीं। मौके पर पूर्व विधायक अरुण यादव, अगिआंव प्रमुख मुकेश यादव, मुखिया प्रतिनिधि मनोज कुमार, उप प्रमुख राजपाल सिंह, पूर्व पंचायत समिति चंद्रकांत, पूर्व उप मुखिया बालाजी, अभय कुमार समेत गांव-जवार के सैकड़ों लोगों की उपस्थिति रही।

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