कांग्रेस ने जय हिन्द सभा कर भाजपा को घेरा
नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता जय हिन्द सभा सैनिकों के पराक्रम, साहस और बलिदान

नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता जय हिन्द सभा सैनिकों के पराक्रम, साहस और बलिदान को सम्मान देने के लिए देश भर में एक संदेश देने के लिए देश भर में आयोजित की जा रही है कि कांग्रेस ने हमेशा देशवासियों के आत्मसम्मान और भारतीय सेना का सम्मान किया है। उक्त बातें राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा पहलगाम आंतकी हमले के बाद जवाबी कार्यवाई ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना की वीरता, पराक्रम, बलिदान और शौर्य को सम्मान देने के लिए बुधवार को जवाहर भवन में आयोजित जय हिन्द सभा के अवसर पर कही। जय हिन्द सभा में 1962, 1965, 1971, कारगिल युद्ध, भारतीय शांति सेना, संयुक्त राष्ट्र मिशन, वीरता पुरस्कार विजेता और वीर शहीदों की पत्नियां सहित सैंकड़ों पूर्व सैनिक मौजूद थे, जिनका जय हिन्द सभा में सम्मान भी किया गया।
अशोक गहलोत ने कहा कि 1965, 1971 का युद्ध आज देश के लिए गौरव का इतिहास है। 1971 में इंदिरा जी ने पाकिस्तान के 2 टुकड़े कर दिए और एक लाख के करीब सैनिकों को बंदी बनाया था। शिमला समझौते के अनुसार किसी तीसरे देश या यूनाईटेड नेशन का हस्तक्षेप स्वीकार नही किया। लेकिन हमारे देश के वर्तमान प्रधानमंत्री ने युद्ध विराम का निर्णय लेकर स्वाभिमान के साथ श्रेय ले रहे है। उन्होंने कहा कि आतंकी हमले के जवाबी कार्यवाई को ऑपरेशन सिंदूर का नाम दिया गया। सिंदूर महिलाओं की ताकत होती है और पुरुषों का कवच। लेकिन आपने सिंदूर का सौदा कर दिया जिसको देश बर्दाश्त नही करेगा। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव की अध्यक्षता में आयोजित जय हिन्द सभा में सैंकड़ो पूर्व सैनिकों और भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे। कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जय हिन्द सभा 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना की जबावी कार्यवाई करने वाले सैनिकों के पराक्रम, बलिदान को सम्मान देने के लिए आयोजित कर रही है। कांग्रेस ने वर्किंग कमेटी की 3 बैठक करके प्रस्ताव पारित किया कि पाकिस्तान के खिलाफ देशहित में हम भारत सरकार का समर्थन करते है और भारतीय सेना के साथ खड़े है। उन्होंने कहा कि पहले पाकिस्तान, फिर अमरीका और फिर भारत के प्रधानमंत्री द्वारा सीज़फायर की घोषणा करना शर्मनाक था, व्यापार का दबाव डालकर अमरीका द्वारा सीजफायर थोपा गया है, इसे स्वीकार करना 75 वर्ष के इतिहास में सबसे अधिक शर्मनाक रहा और देश की अस्मिता, सार्वभौमिकता पर बड़ा आघात भी है। देवेन्द्र यादव ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने जिस पराक्रम और साहस के साथ आतंकवाद को जवाब दिया, उसे हम सलाम करते है। यह कोई पहला मौका नही था जब पाकिस्तान के खिलाफ या किसी अन्य युद्ध में भारतीय सेना ने अपने पराक्रम और क्षमता का लोहा न मनवाया हो।
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