वीकेएसयू : पीजी में दाखिले को इस साल भी होगी प्रवेश परीक्षा
-नामांकन के लिए विद्यार्थियों को प्रवेश परीक्षा से गुजरना होगा, नामांकन के लिए ली जायेगी परीक्षा वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय

-नामांकन के लिए विद्यार्थियों को प्रवेश परीक्षा से गुजरना होगा -पीजी सत्र 2025-27 में नामांकन के लिए ली जायेगी परीक्षा आरा, निज प्रतिनिधि। वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में इस वर्ष भी पीजी में नामांकन संयुक्त प्रवेश परीक्षा के आधार पर होगा। पीजी में दाखिला कराने के लिए विद्यार्थियों को प्रवेश परीक्षा से गुजरना होगा। स्नातक पार्ट थर्ड सत्र 2022-25 की परीक्षा का रिजल्ट जारी होने के बाद वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय ने नामांकन की तैयारी शुरू कर दी है। अगले सप्ताह पीजी में एडमिशन को लेकर नामांकन समिति की बैठक बुलाई जाएगी। इसमें पीजी सत्र 2025-27 के एडमिशन पर चर्चा होगी।
नामांकन सेल के अनुसार एडमिशन पैटर्न में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। पीजी सत्र 2024 -26 में जिस ढंग से एडमिशन लिया गया था, उसी तरह इस सत्र में भी एडमिशन लिया जाएगा। जून माह के तीसरे सप्ताह में वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा को लेकर ऑनलाइन आवेदन लेगा। परीक्षा में वस्तुनिष्ठ और स्नातक स्तरीय विषय आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे। कुल ढाई घंटे की परीक्षा होगी। सफल विद्यार्थियों का ही मेरिट लिस्ट के आधार पर एडमिशन होगा। लिखित परीक्षा से क्या होगा लाभ बताया जाता है कि लिखित परीक्षा पीजी विभाग और वैसे अंगीभूत कॉलेज जहां पीजी की पढ़ाई होती है, उसमें दाखिले के लिए अपनाई जायेगी। इसमें सफल विद्यार्थियों का एडमिशन उनके कट ऑफ के आधार पर विभाग और कॉलेजों में होगा। लिखित परीक्षा में परीक्षा का स्कोर देखा जायेगा। इसमें स्नातक उत्तीर्ण मेधावी विद्यार्थियों का दाखिला होगा। मेधावी विद्यार्थी पीजी में एडमिशन से वंचित नहीं हो पायेंगे। पीजी में कुल 5600 सीटों पर होता है एडमिशन मालूम हो कि स्नातक में हर वर्ष संबद्ध कॉलेजों की संख्या बढ़ने से सीट बढ़ जाती है। वहीं पीजी में सीट की स्थिति ज्यों की त्यों है। पीजी में सीट वृद्धि कई वर्षों से नहीं हो पायी है, जबकि उच्च शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भी भेजा गया है। विवि के 20 पीजी विभाग और नौ अंगीभूत कॉलेजों को मिलाकर पीजी में कुल 5600 सीटें निर्धारित हैं, जबकि पीजी में एडमिशन को आवेदन सीट से तीन गुणा आते हैं। बता दें कि इस बार पीजी में एडमिशन समय पर होगा, क्योंकि स्नातक का रिजल्ट समय पर जारी हो चुका है। नौ कॉलेजों में होती है पढाई विवि स्तर पर 20 पीजी विभागों और नौ अंगीभूत कॉलेजों में पीजी स्तर पर विभिन्न विषयों की पढ़ाई अभी हो रही है। मालूम हो कि मुख्यालय अंतर्गत सिर्फ महाराजा, जैन, एसबी और महिला कॉलेज में पीजी पढ़ाई होती है। इसमें भी कॉलेजों में कुछ विषयों की ही पढ़ाई होती है। कॉमर्स की पढ़ाई चारों जिलों में सिर्फ विवि और एचडी जैन कॉलेज में की जाती है। रोहतास जिले में एसपी जैन कॉलेज,बिक्रमगंज के एएस कॉलेज, जेएलएन कॉलेज डेहरी-आन- सोन, बक्सर के एमवी कॉलेज और भभुआ के एसवीपी कॉलेज में पीजी की पढ़ाई होती है। आठ हजार 626 अभ्यर्थी हुए थे उत्तीर्ण गत वर्ष पीजी प्रवेश परीक्षा में आठ हजार 626 अभ्यर्थी ही विभिन्न विषयों को मिलाकार उत्तीर्ण हुए थे, जबकि परीक्षा में 12 हजार 844 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इसमें चार हजार 212 अभ्यर्थी फेल हो गए थे। प्रवेश परीक्षा में 67.16 प्रतिशत अभ्यर्थी ही सफल रहे। विभिन्न विषयों में स्नातक में प्रथम श्रेणी से पास विद्यार्थी भी प्रवेश परीक्षा पास नहीं कर पाए थे। इस कारण उनका एडमिशन नहीं हो पाया।वहीं प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण दो हजार से अधिक विद्यार्थियों का मेरिट में नाम नहीं आया जिस कारण उनका दाखिला नहीं हो पाया। प्रवेश परीक्षा के आधार पर लिए गए एडमिशन में विज्ञान, कॉमर्स के अलावा कला के इतिहास, राजनीति विज्ञान,अंग्रेजी सहित अन्य विषयों में कट ऑफ अधिक गया था। 73470 विद्यार्थी स्नातक में हुए हैं उत्तीर्ण स्नातक पार्ट थर्ड ओल्ड कोर्स की परीक्षा में 74 हजार 471 परीक्षार्थी शामिल हुए थे। इसमें 73 हजार 470 विद्यार्थी कला, विज्ञान और वाणिज्य संकाय के विभिन्न विषयों में प्रथम और द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण हुए हैं। बता दें कि कला संकाय में 47 हजार 259 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हैं, जबकि छह हजार 314 विद्यार्थी द्वितीय श्रेणी से उत्तीर्ण हुए हैं। वहीं विज्ञान संकाय के विभिन्न विषयों में 16 हजार 674 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी और 361 विद्यार्थी द्वितीय श्रेणी से पास हुए हैं। इधर, वाणिज्य संकाय में दो हजार 825 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी और 37 विद्यार्थी द्वितीय श्रेणी से पास हुए हैं। अनुत्तीर्ण और रिजल्ट पेंडिंग वाले विद्यार्थियों की संख्या एक हजार एक है।
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