Political Debate Arises Over Successful Trial of Araria-Galgalia Rail Line and Four-Lane Road Project अररिया-गलगलिया रेल ट्रायल में तस्लीमुद्दीन के योगदान की अनदेखी दुर्भाग्यपूर्ण: राजद-कांग्रेस, Araria Hindi News - Hindustan
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अररिया-गलगलिया रेल ट्रायल में तस्लीमुद्दीन के योगदान की अनदेखी दुर्भाग्यपूर्ण: राजद-कांग्रेस

अररिया-गलगलिया रेल लाइन पर ट्रायल ट्रेन के सफल संचालन और फोर-लेन सड़क परियोजना को लेकर सीमांचल में खुशी का माहौल है। लेकिन राजद और कांग्रेस के नेताओं ने अल्हाज तस्लीम उद्दीन की भूमिका की अनदेखी को...

Newswrap हिन्दुस्तान, अररियाWed, 18 June 2025 04:21 AM
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अररिया-गलगलिया रेल ट्रायल में तस्लीमुद्दीन के योगदान की अनदेखी दुर्भाग्यपूर्ण: राजद-कांग्रेस

अररिया, निज संवाददाता। अररिया-गलगलिया रेल लाइन पर ट्रायल ट्रेन के सफल संचालन और फोर-लेन सड़क परियोजना को लेकर सीमांचल में खुशी का माहौल है।लेकिन इन उपलब्धियों को लेकर उठी सियासी बहस भी अब ज़ोर पकड़ रही है।राजद और कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि इस परियोजना को सरजमीं पर उतारने में अल्हाज तस्लीम उद्दीन की महती भूमिका रही है।लेकिन अररिया-गलगलिया रेल लाइन पर ट्रायल ट्रेन के सफल संचालन के दौरान तस्लीम उद्दीन की भूमिका की अनदेखी दुर्भाग्यपूर्ण है।अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य इन्तेखाब आलम ने कहा कि जिस ऐतिहासिक परियोजना की नींव मरहूम तस्लीमुद्दीन साहब ने रखी थी। उसकी चर्चा से उनका नाम तक ग़ायब कर दिया गया।इन्तेखाब

आलम ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस रेल परियोजना के लिए तस्लीमुद्दीन साहब ने वर्षों संघर्ष क्रांति मोर्चा के बैनर तले इस लड़ाई में वर्तमान सांसद भी मौजूद थे।कांग्रेस नेता इंतखाब आलम ने कहा कि राजनीति में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन जब बात किसी क्षेत्र के विकास और उसके असली सूत्रधार की हो तो वहां राजनीतिक शिष्टाचार निभाना ज़रूरी होता है। सीमांचल की जनता भली-भांति जानती है कि इन विकास कार्यों की नींव किसने रखी, संसद में आवाज़ किसने उठाई और किसने इसे मंज़ूरी तक पहुंचाया।इन्तेखाब आलम मांग किया कि कि सरकार और रेल विभाग को चाहिए कि तस्लीमुद्दीन साहब के योगदान को आधिकारिक रूप से स्वीकार करे और अररिया-गलगलिया परियोजना को उनके नाम से जोड़ा जाए। इससे सीमांचल की जनता को यह संदेश मिलेगा कि संघर्ष और योगदान को भुलाया नहीं जाता।वहीं राजद नेता व मरहूम तस्लीम उद्दीन के निजी सहायक रहे पोलो झा ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि तस्लीमुद्दीन केवल एक व्यक्ति नहीं थे,बल्कि सीमांचल के लाखों ग़रीबों की उम्मीद का नाम थे। उन्होंने न केवल इस रेल लाइन की परिकल्पना की थी बल्कि इसकी मंज़ूरी के लिए लगातार केंद्र सरकार से संवाद किया और दिल्ली स्थित बिहार निवास में रात-रात भर ड्राफ्ट की तैयारी करते थे।उन्होंने कहा कि अब जब यह रेल परियोजनाओं पूरा हो गया है और इसका ट्रायल और उद्घाटन जैसे पल आया है तो उनका नाम तक न लिया जाना दुर्भाग्य और राजनीतिक ओछापन है।

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