इजरायल के हमलों में मारे गए 585 ईरानी, तेहरान छोड़कर भागने वालों की लगी लाइन
बुधवार को भी सुबह से ही दोनों देशों के बीच हमले जारी हैं और ईरान ने तो अब सुपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल भी शुरू कर दिया है। आमतौर पर ईरान हमलों में मरने वालों की जानकारी साझा नहीं करता है, लेकिन उसने सोमवार को जो डिटेल दी थी, उसके मुताबिक कुल 224 लोग तब तक मारे गए थे। इसके अलावा 1277 जख्मी हुए हैं।
इजरायल और ईरान के बीच भीषण जंग जारी है। अब तक इजरायल के हमलों में ईरान में 585 लोग मारे गए हैं और 1,326 लोग जख्मी हुए हैं। अमेरिका स्थित ह्यूमन राइट्स ग्रुप का कहना है कि इजरायली हमलों में 239 ईरानी नागरिक मारे गए हैं, जबकि 126 सुरक्षा बलों के जवानों की मौत हुई है। बुधवार को भी सुबह से ही दोनों देशों के बीच हमले जारी हैं और ईरान ने तो अब सुपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल भी शुरू कर दिया है। आमतौर पर ईरान हमलों में मरने वालों की जानकारी साझा नहीं करता है, लेकिन उसने भी सोमवार को जो डिटेल दी थी, उसके मुताबिक कुल 224 लोग तब तक मारे गए थे। इसके अलावा 1277 जख्मी हुए हैं।
हालात यह हैं कि 6 दिन बाद भी ईरान और इजरायल के बीच जंग बदस्तूर जारी है और फिलहाल समझौते के भी कोई आसार नहीं हैं। ईरान ने भी इजरायल की राजधानी तेल अवीव को टारगेट किया है, लेकिन उसकी ओर से किए गए हमलों में यहूदी मुल्क का बहुत ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। ईरान की राजधानी तेहरान में तो लगातार बड़े नुकसान की खबरें आ रही हैं। हालात यह हैं कि तेहरान में रहने वाले विदेशी लोग तो मुल्क छोड़कर ही निकल रहे हैं, वहीं ईरानी भी जल्दी से जल्दी तेहरान से निकल जाना चाहते हैं। फ्यूल स्टेशनों पर वाहनों की लंबी कतारें दिख रही हैं और लोग अपनी गाड़ियों में ही सामान भरकर जैसे-तैसे निकल जाना चाहते हैं।
इजरायल का कहना है कि वह ईरान को परमाणु हथियार तैयार करने से रोकना चाहता है। इसलिए हमले कर रहा है। इजरायल के हमले ऐसे वक्त में शुरू हुए हैं, जब ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु डील को लेकर चर्चा चल रही थी। बीते सप्ताह ही अमेरिका और ईरान के बीच वार्ता होने वाली थी, लेकिन उससे ठीक पहले इजरायल ने हमले शुरू कर दिए। ईरान लंबे समय से कहता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है। लेकिन वह अकेला ऐसा गैर-परमाणु संपन्न देश है, जिसने 60 पर्सेंट लेवल तक यूरेनियम हासिल कर लिया है। परमाणु हथियार तैयार करने के लिए यूरेनियम ग्रेड लेवल 90 पर्सेंट तक होना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था की भी ईरान पर नजर
यही नहीं संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था की ओर से भी ईरान पर नजर रखी जा रही है। ऐसा इसलिए ताकि जाना जा सके कि कहीं ईरान परमाणु बम तो नहीं बना रहा है। इजरायली हमले इतने भीषण रहे हैं कि अब तक ईरान के टॉप 20 सैन्य कमांडर मारे जा चुके हैं। इसके अलावा शीर्ष नेता अयातुल्लाह खामेनेई के भी दो करीबी सलाहकारों की मौत हो चुकी है। इस बीच इजरायल ने ईरानी पैरामिलिट्री रिवॉलूशनरी गार्ड की अकैडमी पर हमला बोला है।