पांच माह तक लगा विराम, नहीं हो सकेंगे मांगलिक कार्य
Siddhart-nagar News - सिद्धार्थनगर में बृहस्पति के अस्त होने से विवाह, मुंडन, उपनयन जैसे मांगलिक कार्यों पर रोक लग गई है। यह रोक 11 जून से शुरू होकर 21 नवंबर तक रहेगी। ज्योतिष के अनुसार, बृहस्पति का अस्त होना शुभ कार्यों...

सिद्धार्थनगर। हिन्दुस्तान टीम अब विवाह, मुंडन व उपनयन संस्कार सहित सभी मांगलिक कार्यों पर करीब पांच महीने तक विराम लग गया है। देवगुरु बृहस्पति के अस्त होने से शुभ कार्यों पर यह रोक लगी है। 11 जून की शाम 6:55 बजे बृहस्पति के अस्त होते ही शुभ कार्यों का सिलसिला थम गया है। अब यह विराम 21 नवंबर तक रहेगा। हरि प्रबोधिनी एकादशी के साथ शुभ कार्यों का दोबारा शुभारंभ होगा। नगर स्थित श्रीसिहेंश्वरी देवी मंदिर के पुजारी पंडित शारदा प्रसाद पांडेय ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बृहस्पति ग्रह को विवाह व अन्य मांगलिक कार्यों का कारक माना जाता है।
जब यह ग्रह अस्त होता है तो शुभ कार्य करना वर्जित हो जाता है। उन्होंने बताया कि ग्रहों की स्थिति का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। गुरु के अस्त होने से विवाह संबंधों में बाधाएं आ सकती हैं और वैवाहिक जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसीलिए धर्मशास्त्रों में गुरु अस्त काल में विवाह आदि मांगलिक कार्य वर्जित बताए गए हैं। बताया कि इस दौरान केवल अत्यावश्यक धार्मिक अनुष्ठान किए जा सकते हैं, लेकिन विवाह, सगाई, मुंडन, नामकरण आदि बड़े संस्कार नहीं किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जो लोग बिना शुभमुहूर्त के विवाह कर लेते हैं, उन्हें वैवाहिक जीवन में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। 21 नवंबर को हरि प्रबोधिनी एकादशी के दिन से शुभकार्यों का शुभारंभ होगा।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।