Quality Education Concerns Rise as New MDM System Affects Schools in Kursakanta Block एक हेडमास्टर तो दूसरे एमडीएम प्रभारी, बच्चों की पढ़ाई राम भरोसे, Araria Hindi News - Hindustan
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एक हेडमास्टर तो दूसरे एमडीएम प्रभारी, बच्चों की पढ़ाई राम भरोसे

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर अभिभावक उठा रहे सवाल नई व्यवस्था के तहत एमएच को

Newswrap हिन्दुस्तान, अररियाTue, 27 May 2025 12:07 AM
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एक हेडमास्टर तो दूसरे एमडीएम प्रभारी, बच्चों की पढ़ाई राम भरोसे

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर अभिभावक उठा रहे सवाल नई व्यवस्था के तहत एमएच को किया गया एमडीएम से मुक्त, दूसरे शिक्षक को मिली जिम्मेदारी प्रोजेक्ट पायलट के तहत कुर्साकांटा प्रखंड के 126 विद्यालयों के एचएम हुए एमडीएम से मुक्त अररिया, वरीय संवाददाता ...एक हैं हेडमास्टर साहब तो नई व्यवस्था के तहत दूसरे बन गए मध्याह्न भोजन प्रभारी। दोनो अपने अपने विभाग के कामों में दिमाग खपा रहे हैं और इधर बच्चों की पढ़ाई राम भरोसे। जी हां कमोवेश यही हाल है प्रोजेक्ट पायलट के तहत कुर्साकांटा प्रखंड में शुरू दो शिक्षक वाले स्कूलों का। बताया जाता है कि कुर्साकांटा प्रखंड में एक दर्जन से अधिक द्वि शिक्षकीय स्कूल हैं जहां दोनो हीं शिक्षक गैरशैक्षणिक कार्यों में व्यस्त हैं।

ऐसे में बच्चों के बीच गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलने की बात करनी बेमानी होगी। यही कारण है कि अब धीरे-धीरे अभिभावकों के बीच विरोध के स्वर फूटने लगे हैं। उन्हें लगता है कि ऐसी स्थिति में विद्यालयों में शैक्षणिक माहौल बिगड़ेगा और इसका खामियाजा उनके बच्चों को उठाना पड़ेगा। 126 एचएम एमडीएम कार्य से मुक्त: यहां बता दें कि प्रोजेक्ट पायलट के तहत जिले के कुर्साकांटा प्रखंड के 126 विद्यालयों के एचएम को एमडीएम कार्य से मुक्त कर दिया गया है। जबकि इसी विद्यालय के दूसरे सहायक शिक्षक को मध्याह्न भोजन संचालन की जिम्मेदारी दी गयी है। यानी हेडमास्टर जहां कार्यालय का काम देख रहे हैं तो वहीं एमडीएम का काम देख रहे शिक्षक सब्जी, दाल, मसाले में अपना दिमाग खपा रहे हैं। सबसे बड़ी दिक्कत प्रखंड के उन विद्यालयों में हो रही है जहां केवल दो ही शिक्षक कार्यरत हैं: यानी द्वि शिक्षकीय विद्यालय। बताया गया कि हेडमास्टर रिपोर्टिंग सहित बीआरसी, सीआरसी, बैठक आदि देखते हैं और दूसरे एमडीएम प्रभारी मध्याह्न भोजन। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई का क्या, किसी को चिंता नहीं। इन विद्यालय के बच्चों के अभिभावकों ने विभाग से या तो शिक्षक बढ़ाने की मांग की अथवा नई व्यवस्था को बंद करने की मांग की। कम से कम एक शिक्षक तो क्लास ले सके। ये हैं दो शिक्षक वाले स्कूल: प्राथमिक विद्यालय कोठीहाट टोला कुर्साकांटा, चरवाहा विद्यालय कुर्साकांटा, प्रावि झाजी टोला तमकुड़ा, प्रावि मिल्की टोला, प्रावि फुलवारी मुसहरी, प्रावि कोतहपुर वार्ड 09, प्रावि मुसहरी टोला पगडेरा, प्रावि गोसाईपुर मण्डल टोला, प्रावि चेतनारायण गंगई टोला, प्रावि पासवान टोला सुंदरीमंठ, प्रावि बच्चा परबत्ता, प्रावि मुसहर टोला महेशखूंट आदि। दो से अधिक शिक्षक वाले विद्यालयों में भी पढ़ाई प्रभावित: दो शिक्षक वाले विद्यालयों में ही पढ़ाई प्रभावित नहीं हुई है। दो से अधिक शिक्षक वाले विद्यालयों की भी कमोवेश यही स्थिति है। इसमें कई मध्य विद्यालय भी शामिल हैं। कहीं अंग्रेजी की पढ़ाई प्रभावित हो रही है तो कही संस्कृत की। कहीं उर्दू के शिक्षक भोजन देख रहे तो कही गणित और विज्ञान के शिक्षक एमडीएम प्रभारी बने हैं। संस्कृत, हिंदी व गणित विज्ञान के शिक्षकों को भी एमडीएम प्रभारी बनाए जाने से वहां इन विषयों की पढ़ाई बाधित हैं। कई शिक्षकों ने हिंदुस्तान को बताया है कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत उनको यह जिम्मेवारी मिल गई है जिस कारण वे बच्चों को पढ़ा नहीं पा रहे हैं, इसलिए उन्होंने इससे मुक्त करने के लिए विभाग को लिखा है। बोले डीपीओ: अभी यह प्रोजेक्ट पायलट ट्रायल में है। इसकी खूबियों व खामियां की समीक्षा होगी। इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में जो भी बाधाएं आएंगी, उसे विभागीय निर्देश के आदेश के आलोक में दूर किया जाएगा। अभी हमलोग वेट एंड वाच की स्थिति में हैं। धीरे-धीरे सारी समस्याएं दूर होंगी। -रोहित कुमार चौरसिया, एमडीएम डीपीओ अररिया

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