अररिया : शिक्षकों के स्कूल आवंटन में अररिया धीमा, 17.13 प्रतिशत के साथ 26वीं रैंक
अररिया जिले में शिक्षकों के विद्यालय आवंटन की गति धीमी है। यहां केवल 17.13 प्रतिशत शिक्षकों का विद्यालय आवंटन हो पाया है, जबकि अन्य जिलों में यह प्रतिशत अधिक है। शिक्षा विभाग का कहना है कि...

अररिया, वरीय संवाददाता। स्थानांतरण चाहने वाले शिक्षकों के विद्यालय आवंटन कार्य की गति अररिया जिले में काफी धीमी है। अभी तक यहां के 17.13 प्रतिशत शिक्षकों का ही विद्यालय आवंटन का काम हुआ है। सूबे में अररिया जिले का स्थान 26वें पर है। 98.42 फीसदी के साथ जमुई पहले स्थान पर है। वहीं 5.23 प्रतिशत के साथ पश्चिमी चंपारण सबसे नीचे पायदान पर लटका है। शनिवार तक अररिया जिले में 2574 शिक्षकों में से 441 का विद्यालय आवंटन का काम हुआ है। हालांकि जिला आवंटन के बाद विद्यालय आवंटन का कार्य तेजी से चलने की बात कही जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार की सुबह नौ बजे तक 409 तो दोपहर बाद तीन बजे तक 441 शिक्षकों का विद्यालय आवंटन का काम हुआ है।
राज्य कार्यालय से जारी आकंड़ों के अनुसार राज्य में अभी एक लाख 14 हजार 669 शिक्षकों के जिला आवंटन के बाद जिला स्तर पर आवंटन का कार्य चल रहा है। इसमे 26507 शिक्षकों को विद्यालय अलॉट कर दिया गया है। इसमें जमुई प्रथम स्थान पर है, जहां शनिवार दोपहर बाद तीन बजे तक 98.41 प्रतिशत शिक्षकों के विद्यालय आवंटन का कार्य पूर्ण हो चुका है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के अनुसार ग्रीष्मावकाश के बीच में ही सभी शिक्षकों के विद्यालय आवंटन का कार्य पूर्ण कर लिया जाना है ताकि शिक्षक ग्रीष्मावकाश के बाद नए स्कूलों में योगदान दे सके। राज्य में ई शिक्षाकोष के माध्यम से एक लाख 90 हजार शिक्षकों ने ट्रांसफर के लिए आवेदन किया है। जिसमे से एक लाख साठ हजार शिक्षकों के जिला आवंटन होने की बात कही जा रही है। जहां तक कोसी, सीमांचल और पूर्वी बिहार की बात है तो इसमें खगड़िया जिला टॉप पर है। 78.50 प्रतिशत के साथ वह प्रदेश स्तर की सूची में वह चौथे स्थान पर है। किशनगंज का 58.20, लखीसराय का 46.49, सुपौल का 33.32, सहरसा का 30.96, कटिहार का 30.24, मुंगेर का 29.60, बांका का 20.60, मधेपुरा का 13.50, भागलपुर का 11.78 और पूर्णिया में केवल 7.34 फीसदी काम हुआ है। पूर्णिया नीचे से दूसरे तो भागलपुर नीचे से पांचवें स्थान पर है। डीईओ संजय कुमार ने कहा कि विद्यालय आवंटन का काम तेजी से हो रहा है। तीन चार दिनों के भीतर दो-तीन दिनों में स्थानांतरण चाहने वाले शिक्षकों के विद्यालय आवंटन का काम पूरा हो जाएगा। गर्मी छुट्टी के बाद शिक्षकों को नये विद्यालयों में योगदान देना है।
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