पहले पक्की पुल ध्वस्त अब चचरी पुल बहा, आवागमन की समस्या बरकरार
कुर्साकांटा के पड़रिया घाट पर अस्थायी चचरी पुल बह जाने के बाद स्थानीय लोगों को बकरा नदी पार करने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। पिछले साल बने पक्के पुल की उम्मीद थी, लेकिन वह भी बाढ़ में बह गया।...

कुर्साकांटा, निज प्रतिनिधि शनिवार को बकरी नदी के पड़रिया घाट पर अस्थायी चचरी पुल बहने के बाद तीरा घाट की तरह यहां की भी यही परेशानी है। उन्हें भी बकरा नदी पार करने के लिए नाव ही सहारा लेना पड़ रहा है। बकरा नदी के पड़रिया घाट पर पक्की पुल से लोगों को काफी उम्मीद थी। लेकिन उद्घाटन के पहले ही पिछले साल नदी में विलीन हो गया। आवागमन के लिए ये चचरी पुल था। लेकिन इस बार ये भी बह गयी। ग्रामीणों ने बताया कि पड़रिया घाट पर पक्की पुल बनने से उन्हें लगा था कि न केवल उन्हें नाव से निजात मिलेगी बल्कि आवागमन की भी बेहतर सुविधा मिलेगी।
लेकिन पिछले वर्ष बाढ़ में करोड़ों की लागत से बना पुल जमींदोज हो गया है। आखिर कब बनेगी पुल, आखिर डूबने से और कितने मौतें होगी, कब रूकेगी और मौतें, कब तक चचरी से मिलेगी मुक्ति आदि कई सवाल हैं जो सिकटी व कुर्साकांटा प्रखंड के लोगों के मन में कौंध रही है। इधर सीओ आलोक कुमार ने बताया कि तीरा घाट पर पूर्व से ही नाव दिया गया है। लोगों के आने जाने के लिए नाव का परिचालन हो रहा है।
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