काश! रात ससुराल भीखा में ही रह जाता तो बैजू की नहीं जाती जान
कुर्साकांटा में एक अज्ञात वाहन की चपेट में आने से बैजू सिंह की मौत हो गई। घटना के बाद उनके घर और ससुराल में कोहराम मच गया। उनकी मां, बहन और पत्नी घटना स्थल पर पहुंचे और बेसुध हो गए। पत्नी ने अपने पति...

घटना स्थल पर पहुंच कर मां, बहन व पत्नी हुई बेसूध, माहौल गमगीन कुर्साकांटा, निज प्रतिनिधि कुर्साकांटा-कपरफोड़ा डोम सड़क पर शंकरपुर मोड़ के पास गुरुवार की देर रात अज्ञात वाहन की चपेट में आने से बैजू सिंह की मौत की खबर मिलते ही मिलते ही घर खजूरबाड़ी के साथ-साथ ससुराल पलासी के भीखा में कोहराम मच गया। खजुरबाड़ी गांव में मातम पसर गया। शुक्रवार की सुबह जानकारी मिलते ही मृतक की मां व बहन घटना स्थल पर पड़े शव से लिपट कर दहाड़ मार कर रोने लगी। मां व बहन के दहाड़ देखकर वहां उपस्थित लोगों के भी आंखें नम हो गई।
वहीं बदहवास पत्नी पार्वती देखी अपने दो बेटे पांच वर्षीय गौरव व तीन वर्षीय विशाल को लेकर भीखा से घटना स्थल पर पहुंची। पत्नी अपने पति को देखते ही बेसुध हो गई। पानी छिड़क कर उन्हें होश में लाया गया। रोती बिलखती कह रही थी अब किसके सहारे जीवन कटेगा। बच्चे किसको पापा कहेंगे। ससुराल से कह कर आया था कि दो तीन दिन में लेने आएंगे। अब किनके साथ मायके आऊंगी। कौन हमलोगों को देखेगा। वहीं साला कुंदन बिलखते हुए कह रहा था कि काश अगर वे गुरुवार की रात में अपने जीजा भीखा में ही रूक जाते वे आज जिंदा होते। उन्होंने कहा कि पोखरिया में शादी में शमिल होने के बाद वे लोग भीखा गए थे। करीब एक घंटे के बाद अर्थात दो बजे वह पत्नी और बच्चे को छोड़कर यह कह कर निकला की उसे मकई लेकर गुलाबबाग जाना है। लेकिन रास्त में अज्ञात वाहन के चपेट में उनकी मौत हो गयी। ईश्वर को ऐसा नहीं करना चाहिए था।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।