अररिया : सुपौल से मेला देख लौट रहे अररिया के नवदंपती की सड़क हादसे में मौत
सुपौल के त्रिवेणीगंज में एक नवदंपती की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने उनकी बाइक को टक्कर मारी। दंपती की पहचान मो. आसिफ और उसकी पत्नी आबिदा खातून के रूप में हुई। हादसे के बाद...
सुपौल/अररिया, हिन्दुस्तान टीम। त्रिवेणीगंज स्थित एनएच-327ई पर एक नवदंपती की सड़क हादसे में मौत हो गई। लक्ष्मीनिया गांव के समीप समधिनिया मोड़ के पास शनिवार रात करीब 10.30 बजे एक तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी। दंपती की पहचान अररिया जिले के भरगामा थाना क्षेत्र स्थित महथावा बाजार वार्ड 10 निवासी मो. हसामुल के बेटे मो. आसिफ (28 वर्ष) और उसकी पत्नी आबिदा खातून (25 वर्ष) के रूप में हुई। आसिफ के परिजनों के अनुसार करीब पांच महीने पहले ही दोनों की शादी हुई थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मो. आसिफ अपनी पत्नी आबिदा के साथ त्रिवेणीगंज बाजार से मेला देखकर बाइक से घर लौट रहा था।
इसी दौरान जदिया की तरफ से आ रही तेज रफ्तार स्कॉर्पियो से बाइक की सीधी टक्कर हो गई। टक्कर इतनी तेज थी कि दंपती बाइक से दूर जा गिरे। स्थानीय लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम अभिषेक कुमार, एसडीपीओ विपिन कुमार, थानाध्यक्ष रामसेवक रावत, बीडीओ अभिनव भारती, सीओ प्रियंका सिंह समेत अन्य मौके पर पहुंचे और दोनों को तत्काल अनुमंडलीय अस्पताल पहुंचाया। इस दौरान चिकित्सकों ने मो. आसिफ को मृत घोषित कर दिया, जबकि गंभीर रूप से घायल आबिदा खातून को बेहतर इलाज के लिए सुपौल रेफर कर दिया। सुपौल के निजी नर्सिंग होम में इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई। हादसे के बाद स्कॉर्पियो लेकर चालक तेजी से भाग निकला, हालांकि कुछ ही दूर जाकर संतुलन बिगड़ने के कारण स्कॉर्पियो गड्ढे में पलट गई। एसडीपीओ विपिन कुमार ने बताया कि दुर्घटना में दंपती की मौत अत्यंत दुखद है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। स्कॉर्पियो चालक की तलाश की जा रही है। परिजन बोले, आसिफ और आबिदा घर से जिद करके गए थे मेला देखने : शनिवार की देर शाम सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र स्थित लक्ष्मीनिया टोल प्लाजा के समीप सड़क हादसे में महथावा के एक नवदंपती की मौत से उनके घरों में कोहराम मचा हुआ है। पोस्टमार्टम के बाद रविवार को दोनों पति-पत्नी का शव गांव पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया। परिजनों के चीत्कार से हर किसी की आंखें डबडबा गयी। रोते बिलखते परिजन बस एक ही बात कह रहे थे की काफी ज़िद करके दोनो बाइक से यह कहकर निकला था कि मेला देखने के बाद तुरंत लौट आएंगे। अगर जानते कि वह अब जीवित अवस्था में लौटकर नहीं आएगा तो कभी जाने नहीं देते। मां-बाप से काफी ज़िद करके दोनों मेला देखने के लिए निकला था। इधर ह़दयविदारक घटना से हर कोई हतप्रभ है। मृतक 22 वर्षीय मो आसिफ महथावा वार्ड संख्या 10 निवासी मो हसामुल के बेटा था। मो आसिफ की 20 वर्षीया पत्नी आबिदा खातून भी इस हादसे की शिकार हो गयी। परिजनों ने बताया कि शनिवार की शाम करीब तीन बजे अपने घर से मो आसिफ बाइक से त्रिवेणीगंज मेला देखने निकला था । मेला देखकर वापस घर लौटने के क्रम मे अररिया-सुपौल एनएच 327 ई सड़क पर त्रिवेणीगंज बाजार से आगे लक्ष्मीनिया टोल प्लाजा के समीप देर शाम विपरीत दिशा से आ रही एक तेज रफ्तार स्कॉर्पियो से आमने-सामने टक्कर हो गई। बताया जा रहा है कि तेज रफ्तार स्कॉर्पियो जदिया से त्रिवेणीगंज जा रहा था। वही बाइक सवार नवदंपती त्रिवेणीगंज से जदिया की ओर आ रहे थे। इसी क्रम मे टोल प्लाजा के समीप यह हादसा हो गयो। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक का तो परखच्चे उड़ गये, वही स्कॉर्पियो भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। इस टक्कर में बाइक सवार मो आसिफ की घटनास्थल पर हीं मौत हो गई। जबकि पत्नी आबिदा गंभीर रूप से जख्मी हो गई। इस दौरान मौके का फायदा उठाकर स्कार्पियो चालक फरार हो गया। वहीं घटना के बाद स्थानीय लोगों ने दोनों घायलों को त्रिवेणीगंज अस्पताल में भर्ती करवाया तथा घायल के पास मौजूद मोबाइल से मृतक के परिजन को सूचना दी गयी। इस बीच आनन फानन में परिजन त्रिवेणीगंज अस्पताल पहुंच गए। वही घायल आबिदा को त्रिवेणीगंज अस्पताल से प्राथमिक उपचार के बाद मरीज की स्थिति गंभीर देखते हुए चिकित्सको ने सदर अस्पताल सुपौल रेफर कर दिया। जहां देर रात उनकी भी मौत हो गई। चिकित्सक ने पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजन को सौंप दिया। इधर मौत की खबर सुनते ही परिवार सहित पूरे गांव में मातम पसर गया। वहीं मृतक की मां का रो-रो कर बुरा हाल हो रहा है। स्थानीय ग्रामीण मो हाबिल ने बताया कि मो आसिफ की शादी चार माह पूर्व गांव के ही वार्ड संख्या 10 निवासी मो अकबर की पुत्री आबिदा से हुई थी । बताया गया कि आसिफ मो हसामुल एकमात्र बेटा था। वही उनके जीने का सहारा था। उनके मौत हो जाने पर उनका जीने का कोई सहारा नहीं रहा। मृतक मो आसिफ की मां की चित्कार ने पूरे माहौल को गमगीन कर दिया। उनका दहाड मारकर रोने से लोगों की आंखे नम हो गयी। रोते रोते कहती है मेरा बेटा आसिफ हीं मेरे जीने का आखिरी सहारा था अब मैं किसके लिए जिंदा रहूंगी। कौन देखभाल करेगा मेरा। कहते-कहते फबक फबककर रोने लगती थी।
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