धूप और छांव के बीच उमस भरी गर्मी से बेहाल रहे जिलेवासी
हाल के मौसम में लगातार बदलाव के कारण लोग सर्दी, खांसी, बुखार और दस्त जैसी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। अधिकतम तापमान 32 डिग्री और न्यूनतम 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। बच्चों में बीमारियों की...

लगातार मौसम में हो रहे बदलाव से बीमार हो रहे लोग सर्दी, खांसी व फीवर व वायरल की चपेट में आ रहे लोग अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियेस जबकि न्यूनतम पारा 26 डिसे दर्ज अररिया/ निज प्रतिनिधि पिछले कुछ दिनों से लगातार मौसम का मिजाज बदल रहा है। कभी तेज धूप के साथ गर्मी तो कभी बारिश से लोगों का हाल बेहाल है। पिछले कुछ दिनों से मौसम की मार ने लोगों को बेहाल कर रखा है। इस बीच गुरुवार को भी उमस से लोगों को राहत नहीं मिल रही है। दिनभर आसमान में छाए बादल के बीच उमस भरी गर्मी से बेहाल रहे।
गुरुवार को जिले का अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियेस जबकि न्यूनतम पारा 26 डिसे दर्ज की गयी। मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो दिनों तक मौसम का पारा कमोवेश इसी तरह रहेगा। इस बीच बारिश के भी आसार दिख रहे है। हालांकि इसके बाद तापमान का पर चढ़ने से लोगों को गर्मी का सामना करना पड़ेगा। मौसम में लगातार हो रहे बदलाव से लोग बीमार पड़ रहे हैं। अस्पताल में चाहे रजिस्ट्रेशन व दवा वितरण काउंटर हो या फिर डाक्टर का कक्ष, सभी जगह भीड़ लगी रहती है। मौसम में बदलाव के साथ ही उल्टी-दस्त व पेट दर्द, सर्दी, खांसी व बुखार, सिर दर्द आदि की बीमारी के मरीज बढ़ने लगी है। गर्मी से उल्टी-दस्त, पेट दर्द के साथ ही डायरिया ने पांव पसारना शुरू कर दिया है। सदर अस्पताल में डायरिया की शिकायत लेकर मरीज पहुंच रहे हैं। इसके अलावे निजी अस्पतालों में भी डायरिया आदि की शिकायत लेकर लोग पहुंच रहे हैं। गर्मी का असर सबसे ज्यादा बच्चों पर पड़ रहा है। गर्मी में बच्चों के बीमार होते ही अभिभावकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गर्मी के कारण उल्टी दस्त, बुखार, पेट में दर्द, आदि रोग बच्चों में हो रहे हैं। ज्यादातर बच्चे उल्टी दस्त के अलावा वायरल फीवर से भी परेशान हो रहे हैं। सदर अस्पताल में रोजाना दोनों शिफ्ट मिलाकर दर्जनों बच्चों को परिजन अस्पताल पहुंच रहे हैं। इसके अलावा प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीज उपचार करा रहे हैं। क्या कहते हैं डॉक्टर: सदर अस्पताल के डा. राजेन्द्र कुमार के मुताबिक, गर्मी में बच्चों का खास ख्याल रखने की जरूरत है। बच्चे दूषित पानी या फिर अन्य चीज खा लेते हैं। साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। गर्मी से बचाव के लिए बच्चे का ख्याल रखना चाहिए। वहीं बड़ों को भी गर्मी से बचाव के इंतजाम रखने चाहिए। जैसे ही उल्टी, सिर दर्द आदि के लक्षण दिखे, तुरंत डॉक्टर की सलाह की लेनी चाहिए। सुबह बच्चों को खाली पेट स्कूल न भेजें। नास्ता जरूर करवायें। वाटर बोतल जरूर साथ दें। घर से निकलने के पहले पर्याप्त पानी भी पिलायें। बच्चों को हिदायत दें कि हर घंटे पानी जरूर पीये। बच्चों को समझायें कि स्कूल में बाहर धूप में खेलने नहीं निकलें। लंच के समय भरपेट खाना खाएं। स्कूल से घर के लिए लौटते समय भी बच्चा पानी जरूर पियें। धूप में लौटना हो, तो धूप से बचने के उपाय कर लें। ठंडई एवं पेय पदार्थों की बढ़ी डिमांड: जिले मैं मौसम के बदले मिजाज के बीच गर्मी बढ़ने के कारण ठंडई एवं पेय पदार्थ की डिमांड बढ़ गई है। शहर से लेकर ग्रामीण हाट बाजारों एवं विभिन्न चौक चौराहों पर ठंडई आदि पेय पदार्थों की दुकानें सजने लगी है। उमस भरी गर्मी से बचाव के लिए लोग ठंडई आदि का सहारा ले रहे हैं।
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