Wheat Procurement Target of 1730 MT Not Achieved in Araria District जिले में गेहूं खरीद की रफ्तार काफी धीमी, कैसे होगी लक्ष्य की प्राप्ति, Araria Hindi News - Hindustan
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जिले में गेहूं खरीद की रफ्तार काफी धीमी, कैसे होगी लक्ष्य की प्राप्ति

1730 एमटी गेंहू खरीद लक्ष्य के विरूद्ध अब तक हुई अररिया, निज प्रतिनिधि

Newswrap हिन्दुस्तान, अररियाWed, 30 April 2025 02:23 AM
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जिले में गेहूं खरीद की रफ्तार काफी धीमी, कैसे होगी लक्ष्य की प्राप्ति

1730 एमटी गेंहू खरीद लक्ष्य के विरूद्ध अब तक हुई अररिया, निज प्रतिनिधि

जिले में सरकारी समर्थन मूल्य पर गेंहू की खरीद जारी है। सहकारिता विभाग ने इस बार 1730 एमटी गेंहू की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है इसमे सोमवार शाम तक 6.655 एमटी गेंहू की ही खरीद हो पाई है। सरकार की ओर से समर्थन बढ़ाने के बावजूद समर्थन मूल्य किसानों को अपनी और आकर्षित नहीं कर पा रहा है। पिछले साल भी समर्थन मूल्य बाजार भाव से कम रहने के कारण जिले में गेहूं खरीद की स्थिति बदतर थी और इस बार भी कमोबेश वही स्थिति दिख रही है। बाजार भाव अधिक रहने के कारण किसान सरकारी खरीद केंद्र में गेहूं बेचने में दिलचस्पी नहीं दिख रहे हैं। स्थिति यह है कि जिले में एक अप्रैल से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद हो रही है और एक माह बीत जाने के बावजूद महज 6.655 एमटी गेहूं की ही खरीद हो पाई है जबकि सहकारिता विभाग ने इस बार जिले में 1730 एमटी गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकारी खरीद केंद्र में किसानों से 2425 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदे जा रहे हैं जबकि खुली मार्केट में किसानों को गेहूं का 2600 से 2700 रुपए प्रति क्विंटल कीमत मिल रहा है। इस कारण ज्यादातर किसान खुली मार्केट में ही व्यापारियों के हाथ गेहूं बेच रहे हैं। पिछले साल लक्ष्य के अनुरूप गेंहू की खरीद कम होने के कारण इस बार समर्थन मूल्य 2275 रूपये से बढ़ाकर 2425 रूपये कर दिया गया है। हालांकि इस बार भी बाजार भाव समर्थन मूल्य से अधिक रहने के कारण गेंहू की खरीद कर पाना विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है।

सहकारिता विभाग के मुताबिक जिले में इस बार गेहूं खरीद के लिए अररिया प्रखंड में दो, भरगामा में तीन, फारबिसगंज, रानीगंज और जोकीहाट में पांच पांच, कुर्साकाटा नरपतगंज और सिकटी में दो दो और पलासी में चार खरीद केंद्र को गेहूं खरीद के लिए अधिकृत किया गया है। जिसमें जिले में अब तक महज 13 किसान से 6.655 एमटी गेहूं की खरीद हो पाई है। आंकड़े पर गौर करें तो भरगामा में सबसे अधिक चार एमटी गेहूं की खरीद हुई है जबकि सिकटी और अररिया में सबसे कम 0.100 गेहूं की खरीद हुई है। गेहूं खरीद की रफ्तार को देखकर लगता नहीं है कि जिले में इस बार भी लक्ष्य का 25 फीसदी भी गेहूं की खरीद हो पाएगी। पिछले साल भी सहकारिता विभाग ने जिले में 4308 एमटी गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा था जिसमें महज 24. 862 एमटी गेहूं की खरीद हो पाई थी। इस बार भी गेहूं खरीद की स्थिति बद से बदत्तर है।

जिले में गेहूं का लक्ष्य पूरा करना मुश्किल :

राज्य में गेहूं की अधिप्राप्ति विशेष व्यवस्था के तहत विकेंद्रीकृत अधिप्राप्ति डीसीपी योजना के अंतर्गत संपन्न की जानी है। इसके अंतर्गत अधिप्राप्त किए गए गेहूं का उपयोग राज्य के नोडल अभिकरण बिहार राज्य खाद्य निगम एवं असैनिक आपूर्ति निगम द्वारा भारत सरकार से प्राप्त आवंटन के आलोक में लक्षित जनवितरण प्रणाली के माध्यम से राज्य के लाभुकों को वितरण किया जाएगा। अधिक से अधिक किसानों से भारत सरकार द्वारा निर्धारित 2425 रुपया प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य की दर से गेहूं की खरीदारी की जा रही है। लेकिन विडंबना है कि पैक्सों की रुचि धान की खरीदारी में अधिक दिखती है लेकिन गेहूं की खरीदारी में कम दिखती है। इसके चलते हर साल जिले में गेहूं का लक्ष्य पूरा करना मुश्किल हो जाता है।

बोले अधिकारी:

जिला सहकारिता पदाधिकारी रामजी राय ने कहा कि जिले में सरकारी समर्थन मूल्य पर गेंहू खरीद की खरीद हो रही है। 15 जून तक गेहूं की खरीदारी होनी है। समर्थन मूल्य पर गेंहू बेचने वाले किसानों को 48 घंटे के अंदर बैंक खाते में राशि का भुगतान किया जा रहा है। किसानों से अपील है कि खुली मार्केट के बजाय सरकारी खरीद केंद्रों के माध्यम से ही गेंहू की बिक्री करें और समर्थन मूल्य का लाभ उठाएं।

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