किसानों से ली जा रही जमीन का नहीं मिल रहा उचित मुआवजा: यूनियन
भूमि के कम मुआवजे व भ्रष्टाचार को लेकर किसानों का धरना जा, अंचल कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार और परिमार्जन प्लस जैसी प्रणालियों के जरिए हो रही कथित धांधली के खिला

भारतमाला परियोजना के तहत वाराणसी-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के लिए चल रहे भूमि अधिग्रहण में कम मुआवजा, अंचल कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार और परिमार्जन प्लस जैसी प्रणालियों के जरिए हो रही कथित धांधली के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन ने कुटुंबा अंचल कार्यालय के सामने सोमवार को धरना-प्रदर्शन किया। धरना की अध्यक्षता कमला प्रसाद ने की, जबकि मंच का संचालन कोषाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने किया। प्रदर्शन का नेतृत्व जिला संयोजक वशिष्ठ प्रसाद सिंह ने किया। उन्होंने बताया कि एक ही अंचल में कुछ गांवों को अधिक मुआवजा दिया जा रहा है जबकि भारतमाला परियोजना के तहत प्रभावित किसानों को मात्र आठ हजार रुपये प्रति डिसमिल का मुआवजा मिल रहा है।
किसान रवि दुबे ने कहा कि भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना 2022 में जारी हुई और भुगतान 2025 में शुरू हुआ लेकिन मुआवजा 2012 के सर्किल रेट के आधार पर तय किया गया। बेल बिगहा के गुप्तेश्वर यादव ने बताया कि उनकी व्यावसायिक और आवासीय भूमि को भीठ मानकर बेहद कम मुआवजा दिया गया। भूतपूर्व सैनिक नरेंद्र राय ने अंचल कार्यालय की कार्यशैली पर सवाल उठाया। भाकियू कोषाध्यक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उद्योगपतियों के हजारों करोड़ रुपये के कर्ज माफ किए जाते हैं लेकिन किसानों को न्याय देने में सरकार खामोश है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यही स्थिति रही तो किसान सड़कों पर उतरकर लड़ाई लड़ेंगे। संयोजक ने बताया कि भूमि सुधार मंत्रालय ने सात प्रकार से भूमि का वर्गीकरण कर पुनर्मूल्यांकन का आदेश दिया था लेकिन डीएम की उदासीनता के कारण किसानों को इसका लाभ नहीं मिला। प्रदर्शनकारियों ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को अवैधानिक और मनमाना करार दिया। इस मौके पर अरविंद सिंह, अनिल सिंह, भोला पांडेय, गुप्तेश्वर यादव, रवि दुबे, विजेंद्र मेहता, अभिजीत सिंह, चंदन तिवारी, नरेंद्र राय, राम अवध तिवारी, चंद्र मोहन तिवारी, बबन पांडेय, विक्की कुमार, अभय सिंह, जगत सिंह थे। सीओ चंद्र प्रकाश ने कहा कि किसानों की मांग के आलोक में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
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