Inauguration of Contemporary Accountability Magazine in Aurangabad पत्रिका और किताबों से समाज की असली हकीकत का चलता है पता, Aurangabad Hindi News - Hindustan
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पत्रिका और किताबों से समाज की असली हकीकत का चलता है पता

समकालीन जवाबदेही पत्रिका का किया गया लोकार्पण र 21 कैप्शन- नगर भवन में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में पत्रिका लोकार्पण करते अतिथि औरंगाबाद, हिन्दुस्तान

Newswrap हिन्दुस्तान, औरंगाबादSun, 29 Dec 2024 09:19 PM
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पत्रिका और किताबों से समाज की असली हकीकत का चलता है पता

औरंगाबाद के कलेक्ट्रेट स्थित नगर भवन में रविवार को समकालीन जवाबदेही पत्रिका का लोकार्पण किया गया। मुख्य अतिथि श्रीप्रकाश शुक्ल, मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव नलिन के शास्त्री, सिन्हा कॉलेज के प्राचार्य डॉ सुधीर कुमार मिश्र, एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय, नगर परिषद के अध्यक्ष उदय गुप्ता, रेड क्रॉस के चेयरमैन सतीश कुमार सिंह, रणवीर सिंह चौहान, हिंदी साहित्य भारती झारखंड के महामंत्री राकेश कुमार, कवि शंकर कैमूरी, हितेश कुमार सिंह, रविशंकर सोनकर, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रो. कुमार वीरेंद्र, डॉ सच्चिदानंद प्रेमी, डॉ विंध्याचल यादव, जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह, भारत अध्ययन केंद्र के डॉ अमित पांडेय, डॉ महेंद्र प्रसाद कुशवाहा, संगीता नाथ, धनंजय जयपुरी, डॉ सुरेंद्र प्रसाद मिश्रा ने कार्यक्रम की शुरुआत की। अतिथियों को पुष्प गुच्छ, अंग वस्त्र व प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया। वक्ताओं ने कहा कि समकालीन जवाबदेही संस्मरण अंक वर्तमान परिदृश्य के ज्वलंत मुद्दों के प्रति जागरूक है। लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता पंचदेव धाम, चपरा के संस्थापक अशोक कुमार सिंह ने की। संपादक डॉ सुरेंद्र प्रसाद मिश्र ने कहा कि संस्मरण विस्मृति का पुनर्जीवन है। पत्रिका और किताबों से ही समाज के असली रूप का पता चलता है। यह समाज का आइना है। प्रो. कुमार वीरेन्द्र ने कहा कि संस्मरण साहित्य के क्षेत्र में औरंगाबाद सशक्त भूमिका का निर्वहन कर रही है। हितेश कुमार सिंह ने कहा कि पत्रिका निकालना दुष्कर कार्य जरूर है पर असंभव नहीं है। रविशंकर सोनकर ने कहा कि यह संस्मरण अंक संग्रहणीय है। विंध्याचल यादव ने कहा कि यह संस्मरण अंक इतिहास और संस्कृति की सेतु है। महेंद्र प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि संस्मरण विधा संवेदना जगाती हैं। सच्चिदानंद प्रेमी ने कहा कि यह संस्मरण अंक राष्ट्रीय स्तर का है। डॉ सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि साहित्य की गहराई में जो डुबकी लगाते हैं वही रत्न ढूंढ लाते हैं। इस पत्रिका में स्थानीयता के सार्वजनिक सरोकारों की पहचान की गई है। मौके पर विधायक प्रतिनिधि प्रदीप कुमार सिंह, मीडिया प्रभारी सुरेश विद्यार्थी, डॉ रामाधार सिंह, चंदन कुमार, पुरुषोत्तम पाठक, उज्ज्वल रंजन, अवनीश यादव, डॉ शिवपूजन सिंह, भैरवनाथ पाठक, शिवनारायण सिंह, अवध किशोर मिश्र, राजमणि, हेमप्रकाश, अनिल प्रकाश, समीक्षा शिवांगी, सुशील पांडेय, अशोक पांडेय उपस्थित थे।

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