निजी स्कूलों के बच्चों का नौवीं में नामांकन फंसा
बेतिया में नए शैक्षणिक सत्र में नौवीं कक्षा में नामांकन के मामले में सरकारी स्कूलों की मनमानी सामने आई है। सरकारी स्कूल निजी स्कूलों के बच्चों का नामांकन लेने में टालमटोल कर रहे हैं, जबकि अन्य जिलों...

बेतिया। जिले में नए शैक्षणिक सत्र में नौवीं कक्षा में नामांकन का मामला अभी दूर नहीं हो पाया है। एक तरफ है सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं मनचाहे स्कूल में नामांकन के लिए विभाग में आवेदन दे रहे हैं दूसरे तरफ निजी स्कूलों से आठवीं कक्षा पास आउट बच्चे अधिक परेशान हैं। सरकारी स्कूल निजी स्कूलों के बच्चों का नौवीं कक्षा में नामांकन लेने में टाल-मटोल कर रहे हैं। इसकी वजह से निजी स्कूलों के बच्चे सत्र शुरू होने के करीब महीने भर बाद भी नामांकन के लिए परेशान हैं। सरकारी स्कूलों में निजी स्कूलों के बच्चों का नामांकन लेने के लिए काउंटर साइन टीसी की मांग की जा रही है। जबकि राज्य के दूसरे कई जिलों ने काउंटर साइन की अनिवार्यता को समाप्त करते हुए प्रस्वीकृति प्राप्त निजी स्कूलों के बच्चों का नौवीं कक्षा में बिना शर्त नामांकन लेने का आदेश जारी कर दिया है। लेकिन पश्चिम चंपारण जिले में ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है।जिसकी वजह से सरकारी स्कूलों की मनमानी चरम पर है। जिला शिक्षा पदाधिकारी मनीष कुमार सिंह ने बताया कि जिले में काफी ऐसे निजी विद्यालय हैं जिन्हे पहले टीसी दे दिया गया था लेकिन बाद में उनकी प्रस्वीकृति रद्द कर दी गई। ऐसे विद्यालय जिनका डाटा शिक्षा कोष पर भी नहीं है वह टीसी काट कर दे रहे हैं। इसलिए इस मामले में वेरीफाई करना जरूरी है।
इधर एक ही राज्य में शिक्षा कार्यालयों की अलग-अलग कार्यशैली अभिभावकों की समझ से परे है।जिले में टीसी काउंटर साइन कराना भी किसी पहाड़ चढ़ने से कम नहीं है। विद्यालयों से जारी टीसी पहले बीईओ और फिर डीईओ से काउंटर साइन कराना पड़ता है। वर्तमान समय में दोनों ही जगह नामांकन रजिस्टर की मांग की जा रही है। इधर विद्यालय नामांकन रजिस्टर देने में आनाकानी कर रहे हैं। ऐसे में काउंटर साइन टीसी के जरूरतमंद छात्र व अभिभावक विभागीय कार्यशैली में चक्करघिन्नी बन गए हैं।
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